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जब...शिवराज के मंत्री कमल पटेल बताने लगे चपरासी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक की पगार, क्यों आई ऐसी नौबत, जानें क्या है मामला

हरदा में जन सेवा अभियान के दौरान कृषि पूरे इलेक्शन मोड में दिखाई दिए. इस दौरान एक मौका ऐसा भी आया कि कमल पटेल चपरासी से लेकर चीफ सेकेट्री तक की पगार बताने लगे. चर्चा इस बात की है कि ऐसी नौबत क्यों आई. माना जा रहा है कि कमल पटेल सीएम शिवराज की तर्ज पर काम कर रहे हैं. जानें आखिर मामला क्या है. Shivraj's minister Kamal Patel, chief secretary salary

kamal patel on beurocracy
कृषि मंत्री कमल पटेल
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Published : Sep 21, 2022, 5:27 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 7:16 PM IST

भोपाल। हरदा में जन सेवा अभियान के दौरान कृषि पूरे इलेक्शन मोड में दिखाई दिए. जानकार इसे एमपी में सीएम शिवराज के झाबुआ कलेक्टर, एसपी को हटाने के एक्शन के रिएक्शन के तौर पर देखा जा रहा है. जन सेवा अभियान के दौरान कमल पटेल चपरासी से लेकर चीफ सेकेट्री तक की पगार बताते नजर आए. उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों, अफसरों की तनख्वाह पर 60 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं.

जनता हमारी भगवान है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमल पटेल ने कहा कि सरकार मानती है कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति है जनता. जनता हमारी भगवान है. इसलिए जनता के घर जाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना है. आपकी समस्या का हल आपके घर. उन्होंने कहा कि एमपी में चीफ सेकेट्री से लेकर चपरासी तक के वेतन के लिए 60 हजार करोड़ का बजट देते हैं. ये अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिल जाए. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया कि संबंधित परेशानियों का निराकरण करने विभाग के अधिकारी कर्मचारी आपके घर आएंगे. जनता के बीच पहुंचे कमल पटेल ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि हर हाल में जनता की सुनवाई जरुरी है.

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क्या ये शिवराज के एक्शन का रिएक्शन : राजनीतिक गलियारों में कमल पटेल की बात को लेकर चर्चा है कि क्या ये सीएम शिवराज के हाल ही में अधिकारियों पर लिए गए एक्शन का रिएक्शन है. जिसमें सरकार के मंत्री अफसरों पर नकेल डालने की कोशिश करते दिखाई देना चाहते हैं. जानकार मानते हैं कि कमल पटेल की पूरी कवायद इसलिए कि जनता के बीच ये संदेश दिया जा सके कि सरकार में बैठे मंत्री भी जनता से जुड़े मामलों को लेकर कितने गंभीर और सख्त हैं.

भोपाल। हरदा में जन सेवा अभियान के दौरान कृषि पूरे इलेक्शन मोड में दिखाई दिए. जानकार इसे एमपी में सीएम शिवराज के झाबुआ कलेक्टर, एसपी को हटाने के एक्शन के रिएक्शन के तौर पर देखा जा रहा है. जन सेवा अभियान के दौरान कमल पटेल चपरासी से लेकर चीफ सेकेट्री तक की पगार बताते नजर आए. उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों, अफसरों की तनख्वाह पर 60 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं.

जनता हमारी भगवान है
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमल पटेल ने कहा कि सरकार मानती है कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति है जनता. जनता हमारी भगवान है. इसलिए जनता के घर जाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना है. आपकी समस्या का हल आपके घर. उन्होंने कहा कि एमपी में चीफ सेकेट्री से लेकर चपरासी तक के वेतन के लिए 60 हजार करोड़ का बजट देते हैं. ये अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिल जाए. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया कि संबंधित परेशानियों का निराकरण करने विभाग के अधिकारी कर्मचारी आपके घर आएंगे. जनता के बीच पहुंचे कमल पटेल ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि हर हाल में जनता की सुनवाई जरुरी है.

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क्या ये शिवराज के एक्शन का रिएक्शन : राजनीतिक गलियारों में कमल पटेल की बात को लेकर चर्चा है कि क्या ये सीएम शिवराज के हाल ही में अधिकारियों पर लिए गए एक्शन का रिएक्शन है. जिसमें सरकार के मंत्री अफसरों पर नकेल डालने की कोशिश करते दिखाई देना चाहते हैं. जानकार मानते हैं कि कमल पटेल की पूरी कवायद इसलिए कि जनता के बीच ये संदेश दिया जा सके कि सरकार में बैठे मंत्री भी जनता से जुड़े मामलों को लेकर कितने गंभीर और सख्त हैं.

Last Updated : Sep 21, 2022, 7:16 PM IST
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