भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 'गाय'(Cow) पर एक बार फिर सियासी संग्राम के आसार बनने लगे हैं, क्योंकि राज्य की वर्तमान शिवराज सिंह चौहान सरकार गाय के भोजन के लिए 'कर' (Cow Cess) लगाने की तैयारी में है. जिसका बोझ आम आदमी पर पड़ेगा. इस पर हमला करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि राजनीति के लिए तो धन है मगर गाय के 'ग्रास' का बोझ आम आदमी पर डाला जा रहा है.
राज्य की सियासत में अहम रही है गाय
राज्य की सियासत में गाहे-बगाहे गाय बड़ा मुद्दा बनकर सामने आई है. सत्ता पक्ष भाजपा और विपक्ष कांग्रेस अपने को 'गाय' का सबसे बड़ा हितैषी बताने से नहीं चूकते. राज्य की वर्तमान शिवराज सिंह चौहान सरकार ने भी गौशालाओं के विकास पर जोर दिया है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि आगर-मालवा जिले के सालरिया गौ-अभयारण्य को देश के आदर्श के रूप में विकसित कर अखिल भारतीय स्तर पर सबसे अच्छा गौ-अभयारण्य बनाया जाए. अभयारण्य को विकसित करने के लिए राज्य के सामाजिक संगठनों को इसकी जिम्मेदारी दी जाए.
530 एकड़ भूमि पर बनेगा गौ वंश वन विहार
मुख्यमंत्री चौहान ने जबलपुर जिले के गंगईवीर में गौ-वंश वन विहार की स्थापना करने के निर्देश देते हुए कहा कि गंगईवीर में पशुपालन विभाग की 530 एकड़ भूमि में क्रमबद्ध तरीके से दो हजार गौ-वंश को आश्रय दिया जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गौ-वंश एवं नंदी की नस्ल सुधार पर जोर देते हुए कहा कि ज्यादा दूध देने वाले गौ-वंश पर अनुसंधान किया जाए, गौ-उत्पादों के विक्रय के लिए विशेष व्यवस्था बनाई जाए और इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए. साथ ही गौ-फिनायल का उपयोग शासकीय कार्यालयों में किया जाए. गौ-ग्रास के लिए कर लगाने संबंधी योजना तैयार करें इससे जन-भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाए.
प्रदेश में बनेंगी 2200 गौ-शालाएं
राज्य में गौ पालन के लिए 2200 गौ-शालाएं बनाई जाएंगी. गौ-शालाओं के संचालन का कार्य समाजसेवी संस्थाओं को सौंपा जाएगा. गौ-अभयारण्य को गौ-पर्यटन का केन्द्र बनाया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है. प्रदेश में बंद किए गए 8 गौ-सदन फिर से शुरू किए जाएंगे.
कांग्रेस की योजना को सरकार ने बंद क्यों किया?
कांग्रेस ने गायों को लेकर सरकार द्वारा अपनाए जा रहे फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि कमल नाथ सरकार राज्य में एक हजार गौशालाओं को अस्तित्व में लाई गया था, गायों के भोजन पर खर्च होने वाली राशि को भी बढ़ाया गया था, लेकिन भाजपा की सरकार आते ही वह सब बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पास राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए तो धन है मगर गायों के भोजन के लिए नहीं. अब सरकार गायों के भोजन का बोझ भी आम आदमी पर डालने के लिए कर लगाने जा रही है. यह सब सरकार और भाजपा के चरित्र को उजागर करने वाला है.
सोर्स- (आईएएनएस)