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MP में सरकारी नौकरियों पर श्वेतपत्र जारी करे शिवराज सरकार, कांग्रेस ने प्रदेश सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने है. शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से सरकारी नौकरियों को लेकर श्वेतपत्र जारी करने को लेकर घेरा है.

Congress attack on Shivraj government
कांग्रेस का शिवराज सरकार पर हमला
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Published : Jun 30, 2022, 9:32 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के बीच कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए मांग की है कि बीते 18 साल में कितनी सरकारी नौकरियां दी गई और फीस की वसूली हुई इस पर श्वेतपत्र जारी किया जाए. कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, मध्यप्रदेश में एक लाख नौकरियां देने का झूठा झुनझुना चुनाव में नौजवानों की आंखों में धूल झोंकने के लिए पकड़ाया है. भाजपा सरकार श्वेतपत्र लाए कि 18 सालों में कितनी शासकीय नौकरियों में भर्ती की गई है एवं परीक्षा शुल्क के रूप में कितना पैसा वसूला है. जितनी नई भर्तियों में वेतन भी नहीं बांटा उससे ज्यादा तो परीक्षा शुल्क कमा लिया सरकार ने.

प्रदेश में लाखों बेरोजगारों को नौकरी का इंतजार: अजय यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, प्रदेश में व्यापम ने पिछले 10 सालों में परीक्षा फीस के नाम पर 1046 करोड़ रुपये वसूल किए हैं. जनवरी 2022 में कॉन्स्टेबल के चार हजार पदों के लिए 12 लाख नौजवानों ने आवेदन किए. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, मध्यप्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा 2018 में प्रक्रिया शुरू की गई थी, पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई. प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा शासकीय पद खाली पड़े हुए हैं, उसके बाद भी युवाओं से नौकरी के नाम पर झांसा देकर भारी परीक्षा शुल्क वसूला जाता है और नौकरी नहीं दी जाती है. इतना ही नहीं, प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में लगभग 35 लाख शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन है और वे नौकरी की इंतजार में बैठे हैं.

इनपुट - आईएएनएस

भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के बीच कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए मांग की है कि बीते 18 साल में कितनी सरकारी नौकरियां दी गई और फीस की वसूली हुई इस पर श्वेतपत्र जारी किया जाए. कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, मध्यप्रदेश में एक लाख नौकरियां देने का झूठा झुनझुना चुनाव में नौजवानों की आंखों में धूल झोंकने के लिए पकड़ाया है. भाजपा सरकार श्वेतपत्र लाए कि 18 सालों में कितनी शासकीय नौकरियों में भर्ती की गई है एवं परीक्षा शुल्क के रूप में कितना पैसा वसूला है. जितनी नई भर्तियों में वेतन भी नहीं बांटा उससे ज्यादा तो परीक्षा शुल्क कमा लिया सरकार ने.

प्रदेश में लाखों बेरोजगारों को नौकरी का इंतजार: अजय यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, प्रदेश में व्यापम ने पिछले 10 सालों में परीक्षा फीस के नाम पर 1046 करोड़ रुपये वसूल किए हैं. जनवरी 2022 में कॉन्स्टेबल के चार हजार पदों के लिए 12 लाख नौजवानों ने आवेदन किए. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, मध्यप्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा 2018 में प्रक्रिया शुरू की गई थी, पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई. प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा शासकीय पद खाली पड़े हुए हैं, उसके बाद भी युवाओं से नौकरी के नाम पर झांसा देकर भारी परीक्षा शुल्क वसूला जाता है और नौकरी नहीं दी जाती है. इतना ही नहीं, प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में लगभग 35 लाख शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन है और वे नौकरी की इंतजार में बैठे हैं.

इनपुट - आईएएनएस

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