भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पा रहे हैं. माना जा रहा है मंत्रिमंडल के लिए मंथन चल रहा है, अप्रैल के आखिरी हफ्ते में शिवराज सिंह चौहान अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल के लिए शिवराज सिंह चौहान और संगठन के बीच बातचीत हो चुकी है. मंत्रिमंडल में करीब 25 से 30 विधायकों को जगह दी जा सकती है.
बताया जा रहा कि प्रदेश में जिस तरह से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ रहा है, उसे देखते हुए लॉकडाउन भी बढ़ाया जा सकता है. लेकिन शिवराज अब अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं. क्योंकि प्रदेश में मंत्रिमंडल न होने से विभागीय कामकाज भी लंबे समय से अटका है. मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के भी शामिल होने पर चर्चा तेज है. बीजेपी प्रदेश के हर अंचल में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साथ कर ही मंत्रिमंडल का गठन करने की तैयारी में है.
6 अंचलों से ये नेता हो सकते हैं मंत्रिमंडल में शामिल
मालवा-निमाड़
प्रदेश के सबसे बड़े अंचल मालवा-निमाड़ से इस बार भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कई विधायकों के नाम सामने आ रहे हैं. विजय शाह, पारस जैन, गायत्री राजे पवार, नीना वर्मा, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, उषा ठाकुर बीजेपी की तरफ से मंत्री बनने की दावेदार हैं, तो इसी अंचल से आने वाले सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट, पूर्व विधायक हरदीप सिंह डंग और पूर्व विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव भी दावेदारों में शामिल है.
महाकौशल
बात अगर महाकौशल अंचल की करें, तो यहां से पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, अजय विश्नोई, संजय पाठक, जालम सिंह पटेल मंत्री बनने की रेस में हैं. सूत्रों की माने तो, इनमें लगभग सभी विधायकों का मंत्री बनना तय है. क्योंकि यह सभी विधायक पिछली बीजेपी सरकार में भी मंत्री रहे हैं, सियासी समीकरण भी इनके पक्ष में है.
मध्य भारत
इसी तरह अगर मध्य भारत के जिलों से आने वाले बीजेपी विधायकों की बात की जाए तो कमल पटेल, सीताशरण शर्मा, रामपाल सिंह, सुरेंद्र पटवा, विश्वास सारंग, प्रमुख दावेदार हैं, तो सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री प्रभु राम चौधरी भी मंत्री बनाए जा सकते हैं.
ग्वालियर-चंबल
कमलनाथ सरकार गिराने में ग्वालियर-चंबल से आने वाले सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों की भूमिका अहम रही थी. बीजेपी की तरफ से इस अंचल से नरोत्तम मिश्रा की दावेदारी तय मानी जा रही है, उन्हें सरकार में नंबर दो की भूमिका मिल सकती है. जबकि यशोधरा राजे सिंधिया, अरविंद भदौरिया की दावेदारी तय मानी जा रही है, जबकि सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों में इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, एंदल सिंह कंसाना के अलावा कुछ और नेताओं के नाम भी सामने आ सकते हैं.
बुदेलखंड
बुदेलखंड अंचल से पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का मंत्रीमंडल में शामिल होने तय माना जा रहा है. क्योंकि दोनों नेताओं ने सरकार गिराने में अहम जिम्मेदारियां निभाई. इन दोनों के अलावा शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया, पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक और बृजेंद्र प्रताप सिंह भी मंत्री पद की दावेदार माने जा रहे हैं. जबकि सिंधिया के कट्टर समर्थक गोविंद सिंह राजपूत को भी शिवराज अपनी टीम में शामिल कर सकते हैं.
विंध्य
विंध्य क्षेत्र से 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी. इसलिए मंत्रिमंडल में विंध्य क्षेत्र से भी मंत्री बनाए जाने का दबाव पार्टी पर होगा. यहां से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल का नाम तय माना जा रहा है. जबकि केदारनाथ शुक्ला, गिरीश गौतम और नागेंद्र सिंह भी दावेदार हैं. जबकि कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह को भी शिवराज टीम में जगह दे सकते हैं. अब देखना यही है कि, संगठन और प्रशासनिक पकड़ रखने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल में कौन से चेहरों को शामिल करेंगे. कांग्रेस से बीजेपी में आए 22 पूर्व विधायकों को और अन्य समर्थन देने वाले विधायकों को शिवराज अपनी टीम में कैसे जगह दे पाते हैं यह देखना भी दिलचस्प होगा.