भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग 12 जून से शुरू होने वाली शिक्षकों की परीक्षाओं का विरोध शुरू हो गया है. मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने बताया कि आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा शून्य से 30 फीसदी तक कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणाम का दोषी केवल शिक्षकों को मानकर उनके परीक्षा लेने का आदेश किया गया है, जो अपमानजनक है और इसके विरोध में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम ज्ञापन सौंपा है.
पदाधिकारियों का कहना है कि खराब परीक्षा परिणाम का असली कारण विधानसभा और लोकसभा चुनाल के साथ ही हजारों की तादाद में बीएलओ के कार्य में भी शिक्षक शामिल रहे हैं. 70 फीसदी विद्यार्थियों में प्राचार्य, प्रधानाध्यापक और विषय मान से शिक्षक नहीं रहे संगठन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर संगठन के आग्रह के बाद भी शिक्षकों की परीक्षाएं आयोजित की तो वे आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी.
शिक्षकों का कहना है कि हम यह परीक्षा नहीं देंगे या परीक्षा देना एक तरह से शिक्षकों का अपमान है जबकि खराब परिणाम की वजह विधानसभा और लोकसभा चुनाव है जिसमें शिक्षकों की बड़ी तादाद में ड्यूटी लगाई गई जिस वजह से स्कूल की ओर ध्यान नहीं जा पाया साथ ही उन्होंने परीक्षा देने से साफ इनकार किया और उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.