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Shani Vakri 2022: शनिवार को ये काम करने से खुश होंगे शनिदेव, जानें किन चीजों की है मनाही - madhya pradesh news in hindi

नवग्रहों में शनि को न्याय का देवता माना गया है. इसका तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति जैसे कर्म करेगा न्याय के देवता शनिदेव (Shani Dev) उसे वैसा ही फल देंगे. शनिदेव का दिन शनिवार (Shanivar) माना गया है. इस दिन कुछ सामान्य से उपाय (Tips To Seek Blessing ) करने से ही शनिदेव प्रसन्न होंगे और आपका भाग्य बदल देंगे.

Shani Vakri 2022
शनिवार को ये काम करने से खुश होंगे शनिदेव
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Published : Jun 10, 2022, 8:51 PM IST

भोपाल। नवग्रहों में शनि को न्याय का देवता माना गया है. इसका तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति जैसे कर्म करेगा न्याय के देवता शनिदेव उसे वैसा ही फल देंगे. शनिदेव (Shanidev) का दिन शनिवार (11 June 2022) माना गया है. इस दिन कुछ सामान्य से उपाय करने से ही शनिदेव प्रसन्न होंगे और आपका भाग्य बदल देंगे.

शनिवार के उपाय (Shanivar Ke Upay): जानकारों के अनुसार कुंडली में शनि (Shani In Kundali) सातवें भाव या ग्यारहवें भाव में या शनि मकर, कुंभ और तुला में है तो कोई बात नहीं, लेकिन इसके अलावा किसी भाव में है तो शनिवार (Shanivar) का उपवास करना चाहिए. शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है या किसी भी प्रकार से शनि नीच होकर पीड़ा दे रहा है तो शनिवार (Shanivar Ke Upay) को छाया दान करना चाहिए. इससे लाभ मिलेगा (For Shanidev Blessing). माथे पर विभूति, भस्म या लाल चंदन लगाने से गुरु का साथ मिलता है तो शनि के अच्छे फल मिलना प्रारंभ हो जाते हैं. किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती है और सफलता मिलती रहती है.

करें हनुमानजी की आराधना: कुंडली में पितृदोष हो तो नित्य हनुमान चालीसा पढ़ें (Hanuman Chalisa) और शनिवार का उपवास रखते हुए सुंदरकांड (Sundarkand On Saturday) या बजरंगबाण का पाठ करने से लाभ मिलेगा. शनिवार के दिन हनुमानजी की आराधना करने से मृत्युतुल्य कष्ट भी दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही शमी के वृक्ष को साक्षात शनिदेव (Shanidev) माना जाता है. इस पेड़ में जल चढ़ाना या इसकी देखरेख करने से भगवान शनिदेव की कृपा बनी रहती है.

मित्र राशि में सूर्यदेव के गोचर से मिलेगा दोस्तों का साथ व धन-सम्मान, बस करें ये आसान उपाय

शनिदेव व्रत नियम:

  • सूर्योदय से पहले उठें और स्‍नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • तांबे के कलश में जल के साथ शक्कर और दूध मिलाकर पश्चिम दिशा में मुंह कर पीपल के पेड़ को अर्घ्य दें.
  • व्रत वाले दिन दिन नीली, बैंगनी या काले रंग के कपड़े पहनें.
  • दिन में व्रत रखें, इस व्रत में दिन में नमक नहीं खाया जाता.
  • दिन में दान करें. काली चीजों का दान श्रेष्‍ठ है. मछलियों को दाना खिलाएं. गरीबों की सेवा करें, उन्‍हें खाना खिलाएं.
  • दिन में आकाश मंडल की ओर देखें. शनि मंत्रों का जाप करें.
  • शनिदेव के प्रभाव से परेशान हैं तो भगवान शिव का पूजन करें. शनिदेव भगवान शिव को गुरु मानते हैं.
  • हनुमान जी की पूजा करें. उनके सामने सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं.
  • शमी का पौधा अपने हाथों से लगाएं. उसका पूजन करें.
  • पीपल के वृक्ष पर जल और दीया जलाएं.
  • हर शनिवार को मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं
  • यदि आपके घर के आस पास शनि देव का मंदिर ना हो तो दिया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं.
  • शनि प्रतिमा पर सरसों का तेल, तिल और कपड़ा अर्पण करें.
  • शनि महाराज को तेल के दीये के साथ काली उड़द और फिर कोई भी काली वस्‍तु भेंट करें.
  • शनि देव को भेंट चढ़ाने के बाद शनि चालीसा पढ़ें.
  • शनि देव की पूजा करने के बाद हनुमान जी भी पूजा करें. उनकी मूर्ति पर सिंदूर लगाएं और केला चढ़ाएं.

शनिदेव की पूजा और मंत्र जाप (Shani Dev worship mantra chanting): शनिदेव की पूजा के दौरान शनिदेव के 10 नामों कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर का उच्चारण करें. बाद में इस मंत्र का करें जाप-
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।

आखिर में शनि देव का मत्र पढ़ें: ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

क्या करें क्या न (Dos And Dont On Shanivar): आपकी कुंडली (Kundli) में यदि शनि कमजोर है तो शनिवार का व्रत करना चाहिए. इसके साथ ही छाया दान करने, विभूति, भस्म या लाल चन्दन लगाने सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करने और शमी के वृक्ष में जल चढ़ाने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही शराब पीने, मांसाहार का प्रयोग करने, पराई स्त्री पर नजर रखने, गरीब, कमजोर, असहाय लोगों का शोषण करने या उन्हें अपमानित करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं. कुत्ते, गाय, कौवे को सताने, माता-पिता को कष्ट देने से भी शनिदेव की बुरी दृष्टि का सामना करना पड़ता है. इसलिए शनिदेव की कृपा हासिल करने के लिए इन सब बातों से बचना चाहिए.

भोपाल। नवग्रहों में शनि को न्याय का देवता माना गया है. इसका तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति जैसे कर्म करेगा न्याय के देवता शनिदेव उसे वैसा ही फल देंगे. शनिदेव (Shanidev) का दिन शनिवार (11 June 2022) माना गया है. इस दिन कुछ सामान्य से उपाय करने से ही शनिदेव प्रसन्न होंगे और आपका भाग्य बदल देंगे.

शनिवार के उपाय (Shanivar Ke Upay): जानकारों के अनुसार कुंडली में शनि (Shani In Kundali) सातवें भाव या ग्यारहवें भाव में या शनि मकर, कुंभ और तुला में है तो कोई बात नहीं, लेकिन इसके अलावा किसी भाव में है तो शनिवार (Shanivar) का उपवास करना चाहिए. शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है या किसी भी प्रकार से शनि नीच होकर पीड़ा दे रहा है तो शनिवार (Shanivar Ke Upay) को छाया दान करना चाहिए. इससे लाभ मिलेगा (For Shanidev Blessing). माथे पर विभूति, भस्म या लाल चंदन लगाने से गुरु का साथ मिलता है तो शनि के अच्छे फल मिलना प्रारंभ हो जाते हैं. किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती है और सफलता मिलती रहती है.

करें हनुमानजी की आराधना: कुंडली में पितृदोष हो तो नित्य हनुमान चालीसा पढ़ें (Hanuman Chalisa) और शनिवार का उपवास रखते हुए सुंदरकांड (Sundarkand On Saturday) या बजरंगबाण का पाठ करने से लाभ मिलेगा. शनिवार के दिन हनुमानजी की आराधना करने से मृत्युतुल्य कष्ट भी दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही शमी के वृक्ष को साक्षात शनिदेव (Shanidev) माना जाता है. इस पेड़ में जल चढ़ाना या इसकी देखरेख करने से भगवान शनिदेव की कृपा बनी रहती है.

मित्र राशि में सूर्यदेव के गोचर से मिलेगा दोस्तों का साथ व धन-सम्मान, बस करें ये आसान उपाय

शनिदेव व्रत नियम:

  • सूर्योदय से पहले उठें और स्‍नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • तांबे के कलश में जल के साथ शक्कर और दूध मिलाकर पश्चिम दिशा में मुंह कर पीपल के पेड़ को अर्घ्य दें.
  • व्रत वाले दिन दिन नीली, बैंगनी या काले रंग के कपड़े पहनें.
  • दिन में व्रत रखें, इस व्रत में दिन में नमक नहीं खाया जाता.
  • दिन में दान करें. काली चीजों का दान श्रेष्‍ठ है. मछलियों को दाना खिलाएं. गरीबों की सेवा करें, उन्‍हें खाना खिलाएं.
  • दिन में आकाश मंडल की ओर देखें. शनि मंत्रों का जाप करें.
  • शनिदेव के प्रभाव से परेशान हैं तो भगवान शिव का पूजन करें. शनिदेव भगवान शिव को गुरु मानते हैं.
  • हनुमान जी की पूजा करें. उनके सामने सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं.
  • शमी का पौधा अपने हाथों से लगाएं. उसका पूजन करें.
  • पीपल के वृक्ष पर जल और दीया जलाएं.
  • हर शनिवार को मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं
  • यदि आपके घर के आस पास शनि देव का मंदिर ना हो तो दिया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं.
  • शनि प्रतिमा पर सरसों का तेल, तिल और कपड़ा अर्पण करें.
  • शनि महाराज को तेल के दीये के साथ काली उड़द और फिर कोई भी काली वस्‍तु भेंट करें.
  • शनि देव को भेंट चढ़ाने के बाद शनि चालीसा पढ़ें.
  • शनि देव की पूजा करने के बाद हनुमान जी भी पूजा करें. उनकी मूर्ति पर सिंदूर लगाएं और केला चढ़ाएं.

शनिदेव की पूजा और मंत्र जाप (Shani Dev worship mantra chanting): शनिदेव की पूजा के दौरान शनिदेव के 10 नामों कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर का उच्चारण करें. बाद में इस मंत्र का करें जाप-
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।

आखिर में शनि देव का मत्र पढ़ें: ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

क्या करें क्या न (Dos And Dont On Shanivar): आपकी कुंडली (Kundli) में यदि शनि कमजोर है तो शनिवार का व्रत करना चाहिए. इसके साथ ही छाया दान करने, विभूति, भस्म या लाल चन्दन लगाने सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करने और शमी के वृक्ष में जल चढ़ाने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही शराब पीने, मांसाहार का प्रयोग करने, पराई स्त्री पर नजर रखने, गरीब, कमजोर, असहाय लोगों का शोषण करने या उन्हें अपमानित करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं. कुत्ते, गाय, कौवे को सताने, माता-पिता को कष्ट देने से भी शनिदेव की बुरी दृष्टि का सामना करना पड़ता है. इसलिए शनिदेव की कृपा हासिल करने के लिए इन सब बातों से बचना चाहिए.

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