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Sawan 2022 Date: शिव का प्रिय महीना है सावन, इस बार चारों सोमवार को ऐसे करें व्रत और पूजन, जानें मंत्र और कथा

चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. (Sawan 2022) (sawan somwar 2022)

Sawan 2022 Date
शिव का प्रिय महीना है सावन
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Published : Jun 27, 2022, 4:45 PM IST

भोपाल। भगवान शिव की आराधना का पावन महीना सावन का शुभारम्भ होने जा रहा है, इस पूरे माह शिवालयों में भक्तों का सैलाब रहता है. इस बार 28 दिन सावन रहेगा, इसमें आप भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न कर सकते है. (Sawan 2022) (sawan somwar 2022)

शिव का प्रिय महीना है सावन: सावन का शिवभक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना है. ऐसी मान्यता है कि सावन में चारों ओर मेघवर्षा होती है और तापमान में गिरावट आती है, जिससे शिव का चित्त शांत रहता है और उनके गर्म शरीर को ठंडक मिलती है.

साल 2022 में कब है सावन: साल 2022 में सावन 14 जुलाई से शुरू हो रहा है, सावन महीने का समापन 12 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ेगा. इसके अलावा सावन का अंतिम सोमवार 8 अगस्त को पड़ेगा. यानी कि इस साल सावन के कुल 4 सोमवार पड़ेंगे.

सावन सोमवार की तिथियां:
18 जुलाई: सावन का पहला सोमवार.
25 जुलाई: सावन का दूसरा सोमवार.
1 अगस्त: सावन का तीसरा सोमवार.
8 अगस्त: सावन का चौथा सोमवार.

भक्त तीन प्रकार के व्रत रखते हैं:

- सावन सोमवार व्रत.
- सोलह सोमवार व्रत.
- प्रदोष व्रत.

आस्था या अंधविश्वास! शीशम के पेड़ से बह रही है 'जलधारा', लोगों ने चमत्कार मानकर शुरू की पूजा-अर्चना

व्रत और पूजन विधि :

- सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
- पूजा स्थान की सफाई करें.
- भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
- भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है परंतु विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचलित है.
- ऊँ नमः शिवाय मंत्र के द्वारा श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, नारियल व बेल की पत्तियां, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन जरूर करें.
- पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो गायत्री मंत्र हो या फिर भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र.
- भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
- सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें शिव चालीसा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं और पूजा का प्रसाद वितरण करें.

सावन के महीने का महत्व: चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था. सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव के आशीर्वाद से मनपसंद जीवनसाथी प्राप्त होता है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

भोपाल। भगवान शिव की आराधना का पावन महीना सावन का शुभारम्भ होने जा रहा है, इस पूरे माह शिवालयों में भक्तों का सैलाब रहता है. इस बार 28 दिन सावन रहेगा, इसमें आप भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न कर सकते है. (Sawan 2022) (sawan somwar 2022)

शिव का प्रिय महीना है सावन: सावन का शिवभक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना है. ऐसी मान्यता है कि सावन में चारों ओर मेघवर्षा होती है और तापमान में गिरावट आती है, जिससे शिव का चित्त शांत रहता है और उनके गर्म शरीर को ठंडक मिलती है.

साल 2022 में कब है सावन: साल 2022 में सावन 14 जुलाई से शुरू हो रहा है, सावन महीने का समापन 12 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ेगा. इसके अलावा सावन का अंतिम सोमवार 8 अगस्त को पड़ेगा. यानी कि इस साल सावन के कुल 4 सोमवार पड़ेंगे.

सावन सोमवार की तिथियां:
18 जुलाई: सावन का पहला सोमवार.
25 जुलाई: सावन का दूसरा सोमवार.
1 अगस्त: सावन का तीसरा सोमवार.
8 अगस्त: सावन का चौथा सोमवार.

भक्त तीन प्रकार के व्रत रखते हैं:

- सावन सोमवार व्रत.
- सोलह सोमवार व्रत.
- प्रदोष व्रत.

आस्था या अंधविश्वास! शीशम के पेड़ से बह रही है 'जलधारा', लोगों ने चमत्कार मानकर शुरू की पूजा-अर्चना

व्रत और पूजन विधि :

- सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
- पूजा स्थान की सफाई करें.
- भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
- भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है परंतु विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचलित है.
- ऊँ नमः शिवाय मंत्र के द्वारा श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, नारियल व बेल की पत्तियां, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन जरूर करें.
- पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो गायत्री मंत्र हो या फिर भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र.
- भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
- सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें शिव चालीसा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं और पूजा का प्रसाद वितरण करें.

सावन के महीने का महत्व: चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था. सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव के आशीर्वाद से मनपसंद जीवनसाथी प्राप्त होता है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

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