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Sawan Somwar 2022: आज है सावन का पहला सोमवार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इस सावन के पहले सोमवार को कैसे करें पूजा पढ़िए यहां. (Sawan 2022) (sawan somwar 2022)

Sawan First Somwar 2022
18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार
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Published : Jul 18, 2022, 6:00 AM IST

भोपाल। भगवान शिव की आराधना का पावन महीना सावन का शुभारंभ हो गया है. इस पूरे माह शिवालयों में भक्तों का सैलाब रहेगा. इस बार 28 दिन सावन रहेगा, इसमें आप भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न कर सकते है. सावन का महीना ध्यान और तपस्या के लिए उत्तम होता है. इसमें सोमवार का विशेष महत्व बताया गया है. अगर सावन के हर सोमवार विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करेंगे तो किसी भी समस्या से मुक्ति पा सकते हैं. इस बार का पहला सोमवार 18 जुलाई यानी की आज है. (Sawan 2022)

कैसे करें सावन सोमवार का व्रत: सावन के पहले सोमवार प्रातःकाल या प्रदोष काल में स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं. घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाएं. मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें और वहीं शिव मंत्र का 108 बार जाप करें. दिन में केवल फलाहार करें. शाम के वक्त भगवान के मंत्रों का फिर जाप करें और उनकी आरती करें. अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें. इसके बाद व्रत का पारायण करें.(sawan somwar 2022)

Sawan 2022 Date: शिव का प्रिय महीना है सावन, इस बार चारों सोमवार को ऐसे करें व्रत और पूजन, जानें मंत्र और कथा

व्रत और पूजन विधि:

  1. सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
  2. पूजा स्थान की सफाई करें.
  3. भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
  4. भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है परंतु विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचलित है.
  5. ऊँ नमः शिवाय मंत्र के द्वारा श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, नारियल व बेल की पत्तियां, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन जरूर करें.
  6. पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो गायत्री मंत्र हो या फिर भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र.
  7. भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
  8. सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें शिव चालीसा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं और पूजा का प्रसाद वितरण करें.

इस बार सावन में चार सोमवार: इस बार सावन के महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई है. इस बार सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है. इसके बाद दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को पड़ रहा है. ऐसे में इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. 12 अगस्त को सावन समाप्त हो जाएगा. सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा आप पर सदा बनी रहती है.

सावन के महीने का महत्व: चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था. सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव के आशीर्वाद से मनपसंद जीवनसाथी प्राप्त होता है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

कब करें शिव की पूजा: सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. सुबह 04 बजकर 13 मिनट से लेकर 04 बजकर 54 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. इसके बाद दोपहर 12 बजे से 12.55 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. फिर दोपहर 02.45 से 03:40 तक विजय मुहूर्त रहने वाला है. इस दौरान दोपहर 12.24 से लेकर अगले दिन सुबह 5.35 तक रवि योग रहेगा. इस बीच आप किसी भी वक्त भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं.

भोपाल। भगवान शिव की आराधना का पावन महीना सावन का शुभारंभ हो गया है. इस पूरे माह शिवालयों में भक्तों का सैलाब रहेगा. इस बार 28 दिन सावन रहेगा, इसमें आप भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न कर सकते है. सावन का महीना ध्यान और तपस्या के लिए उत्तम होता है. इसमें सोमवार का विशेष महत्व बताया गया है. अगर सावन के हर सोमवार विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करेंगे तो किसी भी समस्या से मुक्ति पा सकते हैं. इस बार का पहला सोमवार 18 जुलाई यानी की आज है. (Sawan 2022)

कैसे करें सावन सोमवार का व्रत: सावन के पहले सोमवार प्रातःकाल या प्रदोष काल में स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं. घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाएं. मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें और वहीं शिव मंत्र का 108 बार जाप करें. दिन में केवल फलाहार करें. शाम के वक्त भगवान के मंत्रों का फिर जाप करें और उनकी आरती करें. अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें. इसके बाद व्रत का पारायण करें.(sawan somwar 2022)

Sawan 2022 Date: शिव का प्रिय महीना है सावन, इस बार चारों सोमवार को ऐसे करें व्रत और पूजन, जानें मंत्र और कथा

व्रत और पूजन विधि:

  1. सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े पहनें.
  2. पूजा स्थान की सफाई करें.
  3. भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें.
  4. भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है परंतु विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचलित है.
  5. ऊँ नमः शिवाय मंत्र के द्वारा श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, नारियल व बेल की पत्तियां, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव और पार्वती का पूजन जरूर करें.
  6. पूजन विधि के साथ-साथ मंत्रों का जाप भी बेहद आवश्यक माना गया है फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो गायत्री मंत्र हो या फिर भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र.
  7. भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें.
  8. सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें शिव चालीसा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं और पूजा का प्रसाद वितरण करें.

इस बार सावन में चार सोमवार: इस बार सावन के महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई है. इस बार सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है. इसके बाद दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को पड़ रहा है. ऐसे में इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. 12 अगस्त को सावन समाप्त हो जाएगा. सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा आप पर सदा बनी रहती है.

सावन के महीने का महत्व: चैत्र के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के महीने में माता पार्वती की तपस्या से खुश होकर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारा था. सावन के महीने में भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में व्रत रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव के आशीर्वाद से मनपसंद जीवनसाथी प्राप्त होता है. इस महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से पद, प्रतिष्ठा, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

कब करें शिव की पूजा: सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. सुबह 04 बजकर 13 मिनट से लेकर 04 बजकर 54 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. इसके बाद दोपहर 12 बजे से 12.55 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. फिर दोपहर 02.45 से 03:40 तक विजय मुहूर्त रहने वाला है. इस दौरान दोपहर 12.24 से लेकर अगले दिन सुबह 5.35 तक रवि योग रहेगा. इस बीच आप किसी भी वक्त भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं.

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