भोपाल। सांची के स्तूपों में बुद्ध के अध्यात्म की अनुभूति कर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का प्रतिनिधि मंडल अभिभूत हुआ. (ICCR Delegation) स्तूपों में अंकित उपदेशों के माध्यम से भगवान बुद्ध के विश्वकल्याण, अहिंसा और शांति के संदेश को जाना. (ICCR Delegation Cruise Ride) जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क कार्यक्रम में आईसीसीआर का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मध्यप्रदेश भ्रमण पर भोपाल पहुंचा. (Sanchi Stupa MP) यहां पर्यटन बोर्ड के अधिकारियों ने सांची के स्तूप, लेक व्यू और ट्राइबल म्यूजियम का भ्रमण कराया. फ्रांस, फिजी, ग्वाटेमाला, उरुग्वे, जाम्बिया और हौन्डुरस देश के प्रतिनिधि शामिल है.
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सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा की: जनजातीय संग्रहालय में प्रतिनिधि मंडल ने गुदुंब बाजा नृत्य की प्रस्तुति से जनजातीय नृत्य से परिचय लिया. साथ ही संग्रहालय की विविध कलादीर्घाओं के माध्यम से जनजातीय जीवन शैली को देखा और महसूस किया. प्रतिनिधि मंडल ने सांची के स्तूप और ट्राइबल म्यूजियम को सराहा. उन्होंने प्रदेश की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा की. साथ ही अपने देश वापस जाकर वहा के पर्यटकों को मध्यप्रदेश आने के लिए प्रेरित करने की बात भी कही. प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रदेश के टूरिस्ट बोर्ड के उप संचालक द्वय युवराज पडोले, दीपिका राय चौधरी सहित विभागीय अधिकारी कर्मचारी रहे.
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प्रतिनिधिमंडल में ये भी हुए शामिल: प्रतिनिधिमंडल में फिजी से केतन किरित लाल, आशना शायल प्रताप, रिनेश राजेश शर्मा आदि, ज़ाम्बिया से सुसान टेम्बो, एंथोनी जिम्बा, लुकोबा मुकोंडे, ग्वाटेमाला से जुआन डिएगो एरियोला गैलिना, डिएगो फर्नांडो सगास्तुम बर्गनज़ा, होंडुरस से ज़ुल्मिट सोलेमिट रिवेरा ज़ुनिगा, कारमेन हेडी लोपेज़ फ्लोरेस, उरुग्वे से फेडेरिको डेलगाडो लुजान, मटिल्डे अंतिया अदामी, डॉ. डिएगो संजुर्जो गार्सिया एवं फ्रांस से सेल्वा मणिकंदन अन्नामलाई शामिल थे.
लोकतांत्रिक यात्रा की सफलता: आईसीसीआर के जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न स्तरों पर भारत की लोकतांत्रिक शासन संरचना को परिभाषित करना है. यह कार्यक्रम विश्व के लोकतांत्रिक देशों के युवा नेताओं को भारत भ्रमण के माध्यम से भारत की संस्कृति, विरासत और "भारत के विचार" से परिचित कराता है. यह दुनिया भर में भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की सफलता की समझ प्रदान करता है.
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भारत सरकार द्वारा की गई थी स्थापना: आईसीसीआर भारत सरकार का एक स्वायत्त संगठन है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. इसकी स्थापना 1950 में स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने की थी. यह विभिन्न देशों में स्थापित सांस्कृतिक केंद्रों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिशन संचालित करता है और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से भारत के वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों को समृद्ध करता है. यह 1965 में भारत सरकार द्वारा स्थापित "अंतर्राष्ट्रीय समझ के लिए जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार" का भी संचालन करता है.