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Ramjan 2022: रमजान का पहला रोजा आज से, चांद दिखने के बाद भोपाल शहर काजी का ऐलान - रोजा सेहरी का समय इफ्तार का समय

इस्लाम का पवित्र महीना चांद दिखने के बाद शुरू हो गया है. भोपाल के शहर काजी ने चांद कमेटी की बैठक बुलाकर इस बात का ऐलान किया है कि आज यानी 3 अप्रैल से रमजान का पहला रोजा शुरू हो गया है. इस्लाम को मानने वाले लोग इस पूरे महीने अल्लाह की इबादत करेंगे.

चांद कमेटी की बैठक
roza is important for islam
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Published : Apr 2, 2022, 9:04 PM IST

Updated : Apr 3, 2022, 6:30 AM IST

भोपाल। इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए रमजान का महीना बेहद पवित्र माना जाता है. इस साल 3 अप्रैल यानी आज से रमजान की शुरुआत हो गई है. चांद दिखाई देने के साथ ही चांद कमेटी की बैठक में भोपाल शहर काजी ने भी इस बात का ऐलान कर दिया कि 3 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा.

चांद कमेटी की बैठक : मुसलमानों का पवित्र रमजान महीना 3 अप्रैल से पूरे देश में शुरू हो रहा है. इस पूरे महीने मुसलमान रोजा (उपवास) रखकर इबादत करते हैं. राजधानी भोपाल में शहर काजी ने चांद कमेटी की बैठक बुलाई. इस दौरान 3 अप्रैल से रोजा रखने का फैसला लिया गया है.

रोज बदलता है सहरी और इफ्तार का समय : रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सहरी की जाती है. इसके बाद पूरे दिन कुछ खाया-पिया नहीं जाता है. सूरज ढलने के बाद मगरिब की आजान होने पर रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं. जो लोग रोजा रखते हैं वह 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. सहरी और इफ्तार के लिए समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि हर रोज सहरी और इफ्तार के समय में थोड़ा बदलाव होता है. 3 अप्रैल को पहले रोजे के लिए सहरी का समय सुबह 4 बजकर 48 मिनट का रहेगा. वहीं इफ्तारी का समय शाम में 6 बजकर 43 सेकेंड रहेगा. 4 अप्रैल को सहरी का समय सुबह 4 बजकर 47 मिनट का रहेगा और इफ्तार का समय शाम में 6 बजकर 43 सेकेंड का रहेगा.

रमजान पर इस्लामिक मान्यता: इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान माह में मोहम्मद साहब को कुरान की आयतें मिली थी. तब से इस्लामिक कैलेंडर के 9वें माह को रमजान के रूप में मनाया जाता है. इसमें लोग खुदा की इबादत के लिए बच्चों से लेकर बुजर्ग तक खुशी से रोजा रखते हैं. चांद का दीदार होने के बाद रमजान की शुरुआत हो जाती है. पूरे महीने रोजा रखने के बाद ईद-उल-फितर मनाया जाता है.

भोपाल। इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए रमजान का महीना बेहद पवित्र माना जाता है. इस साल 3 अप्रैल यानी आज से रमजान की शुरुआत हो गई है. चांद दिखाई देने के साथ ही चांद कमेटी की बैठक में भोपाल शहर काजी ने भी इस बात का ऐलान कर दिया कि 3 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा.

चांद कमेटी की बैठक : मुसलमानों का पवित्र रमजान महीना 3 अप्रैल से पूरे देश में शुरू हो रहा है. इस पूरे महीने मुसलमान रोजा (उपवास) रखकर इबादत करते हैं. राजधानी भोपाल में शहर काजी ने चांद कमेटी की बैठक बुलाई. इस दौरान 3 अप्रैल से रोजा रखने का फैसला लिया गया है.

रोज बदलता है सहरी और इफ्तार का समय : रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सहरी की जाती है. इसके बाद पूरे दिन कुछ खाया-पिया नहीं जाता है. सूरज ढलने के बाद मगरिब की आजान होने पर रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं. जो लोग रोजा रखते हैं वह 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. सहरी और इफ्तार के लिए समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि हर रोज सहरी और इफ्तार के समय में थोड़ा बदलाव होता है. 3 अप्रैल को पहले रोजे के लिए सहरी का समय सुबह 4 बजकर 48 मिनट का रहेगा. वहीं इफ्तारी का समय शाम में 6 बजकर 43 सेकेंड रहेगा. 4 अप्रैल को सहरी का समय सुबह 4 बजकर 47 मिनट का रहेगा और इफ्तार का समय शाम में 6 बजकर 43 सेकेंड का रहेगा.

रमजान पर इस्लामिक मान्यता: इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान माह में मोहम्मद साहब को कुरान की आयतें मिली थी. तब से इस्लामिक कैलेंडर के 9वें माह को रमजान के रूप में मनाया जाता है. इसमें लोग खुदा की इबादत के लिए बच्चों से लेकर बुजर्ग तक खुशी से रोजा रखते हैं. चांद का दीदार होने के बाद रमजान की शुरुआत हो जाती है. पूरे महीने रोजा रखने के बाद ईद-उल-फितर मनाया जाता है.

Last Updated : Apr 3, 2022, 6:30 AM IST
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