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सालों बाद रामनवमी के दिन बनेगा महासंयोग, पूरे दिन रहेंगे 3 सुख समृद्धि दायक योग

रामनवमी के दिन नौ वर्ष बाद ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है. इस योग में सभी बुरी दशाएं अनुकूल हो जाती हैं. जब भी रवि पुष्य योग (ravi pushya yoga) होता है उसमें विवाह के अतिरिक्त सोने के आभूषण, भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी को स्थायी फल प्रदान करने वाला बताया गया है. ramnavami sarvartha siddhi yoga.

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रवि पुष्य योग र्वार्थ सिद्धि योग
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Published : Apr 9, 2022, 2:32 PM IST

ईटीवी भारत डेस्क : चैत्र नवरात्री के अंतिम दिन रविवार 10 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था इसलिए हर साल चैत्र नवरात्रि की नवमी को रामनवमी मनाई जाती है. भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के तौर पर इस पर्व को मनाया जाता है. रामनवमी पर तीन योग इस दिन को अतिशुभ बना रहे हैं. रविवार को रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग एवं स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त का शुभ संयोग बन रहा है.

चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन नौ वर्ष बाद ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है. यह संयोग इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक होगा. इस दिन रामनवमी की पूजा के बाद रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ जरूर करें. रवि योग के दौरान अगर सूर्य उपासना की जाए तो विशेष लाभ मिलता है. यदि इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, गायत्री मंत्र और सूर्य मंत्रों का जाप किया जाए तो अवश्य ही भगवान राम और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

चैत्र नवरात्रि आठवां दिन: विजय प्रदायक है महागौरी की आराधना, जानिये कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

पूरे दिन रहेंगे तीनों संयोग: रामनवमी पर बन रहे तीनों संयोग खास हैं. नवमी तिथि के साथ सभी संयोग दिवस पर्यंत रहेंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं. इसमें आठवें स्थान पर पुष्य नक्षत्र है. इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है. यह नक्षत्र रविवार को जब आता है तो रवि पुष्य का संयोग बनता है. 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन ये विशेष योग बनेगा. रवि पुष्य योग (ravi pushya yoga) को महायोग भी कहा जाता है. ये रविवार के संयोग से मिलकर बनता है. इस योग में सभी बुरी दशाएं अनुकूल हो जाती हैं. जब भी रवि पुष्य योग होता है उसमें विवाह के अतिरिक्त सोने के आभूषण, भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी को स्थायी फल प्रदान करने वाला बताया गया है.

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ऐसी मान्यता है कि रामनवमी (Lord Ram birthday celebration Ram Navami) पर भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम की विधि पूर्वक पूजा करने पर भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है. रामनवमी पर भगवान श्रीराम की आराधना का सबसे उत्तम दिन है.आज के दिन स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त होता है और इस दिन नवगृह में प्रवेश से लेकर शादी-ब्याह भी कर सकते हैं.इस दिन रामनवमी के स्वयं सिद्ध मुहूर्त में खरीदारी करना भी सिद्धि दायक रहेगा. इसलिए रामनवमी पर सोना-चांदी, भूमि, भवन, वाहन की खरीददारी स्थाई समृद्धि प्रदान करने वाली मानी गई है. Ramnavami sarvartha siddhi yoga. ravi pushya yoga

राम नवमी शुभ मुहूर्त एवं राहुकाल
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ: 10 अप्रैल, दिन रविवार, 01:23 AM पर

चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन: 11 अप्रैल, दिन सोमवार, 03:15 AM पर

राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त: दिन में 11:09 बजे से दोपहर 01:37 बजे तक

विजय मुहूर्त दोपहर: दोपहर 2:39 बजे से दोपहर 03:21 बजे तक

राहुकाल: शाम 05 बजकर 07 मिनट से सूर्यास्त तक

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ईटीवी भारत डेस्क : चैत्र नवरात्री के अंतिम दिन रविवार 10 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था इसलिए हर साल चैत्र नवरात्रि की नवमी को रामनवमी मनाई जाती है. भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के तौर पर इस पर्व को मनाया जाता है. रामनवमी पर तीन योग इस दिन को अतिशुभ बना रहे हैं. रविवार को रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग एवं स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त का शुभ संयोग बन रहा है.

चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन नौ वर्ष बाद ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है. यह संयोग इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक होगा. इस दिन रामनवमी की पूजा के बाद रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ जरूर करें. रवि योग के दौरान अगर सूर्य उपासना की जाए तो विशेष लाभ मिलता है. यदि इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ, गायत्री मंत्र और सूर्य मंत्रों का जाप किया जाए तो अवश्य ही भगवान राम और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

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पूरे दिन रहेंगे तीनों संयोग: रामनवमी पर बन रहे तीनों संयोग खास हैं. नवमी तिथि के साथ सभी संयोग दिवस पर्यंत रहेंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं. इसमें आठवें स्थान पर पुष्य नक्षत्र है. इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है. यह नक्षत्र रविवार को जब आता है तो रवि पुष्य का संयोग बनता है. 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन ये विशेष योग बनेगा. रवि पुष्य योग (ravi pushya yoga) को महायोग भी कहा जाता है. ये रविवार के संयोग से मिलकर बनता है. इस योग में सभी बुरी दशाएं अनुकूल हो जाती हैं. जब भी रवि पुष्य योग होता है उसमें विवाह के अतिरिक्त सोने के आभूषण, भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी को स्थायी फल प्रदान करने वाला बताया गया है.

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राम नवमी शुभ मुहूर्त एवं राहुकाल
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ: 10 अप्रैल, दिन रविवार, 01:23 AM पर

चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन: 11 अप्रैल, दिन सोमवार, 03:15 AM पर

राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त: दिन में 11:09 बजे से दोपहर 01:37 बजे तक

विजय मुहूर्त दोपहर: दोपहर 2:39 बजे से दोपहर 03:21 बजे तक

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