भोपाल। प्रदेश में चल रहे रेलवे की 9 परियोजनाओं का काम 17 जिलों के कलेक्टरों की वजह से अटका हुआ है. रेल प्रोजेक्ट के लिए जरूरी भूमि अधिग्रहण का काम प्रदेश के 17 जिलों के कलेक्टरों को करना है, इसके लिए निर्धारित राशि भी जमा कराई जा चुकी है. इसके बाद भी कलेक्टरों द्वारा जरूरी कदम नहीं उठाए जाने के चलते भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सका है. मामले में रेल मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के बाद सभी 17 कलेक्टरों से जानकारी मांगी गई है.
इन 17 जिलों में होना है भूमि अधिग्रहण
मध्य प्रदेश में रेलवे द्वारा 86,336 करोड़ रुपए की अलग-अलग परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसके तहत 6759 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी, इसमें 8 नई रेलवे लाइन और 27 रेल लाइनों को सिंगल लाइन से डबल लाइन में बदला जाएगा. इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम अभी तक नहीं हो पाया है. यह काम छिंदवाड़ा, बैतूल, होशंगाबाद, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, कटनी, सतना, रीवा, सीहोर, भोपाल, धार, राजगढ़, झाबुआ, खरगोन, इंदौर और खंडवा जिले में होना है. अधिग्रहण के काम में देरी को लेकर रेल मंत्रालय ने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
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745.32 हेक्टेयर भूमि का होना है अधिग्रहण
रेलवे की योजनाओं के लिए मध्य प्रदेश के 17 जिलों में 745.32 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. इसके लिए 318.34 करोड़ रुपए पहले ही जमा कराए जा चुके हैं. रेलवे द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अगर इस राशि का उपयोग नहीं किया जाता है तो इसका उपयोग दूसरे काम में किया जा सकता है. रेल मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजे गए इस पत्र के बाद सभी संबंधित कलेक्टरों से रिपोर्ट मांगी गई है.
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मुख्यमंत्री ने की थी रेल मंत्री से मुलाकात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 जून को दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी. इस दौरान सीएम चौहान ने रेल मंत्री से तमाम रेलवे प्रोजेक्ट की गति को लेकर चर्चा की थी. साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर प्रदेश की विभिन्न रेल परियोजनाओं के संबंध में एक पत्र भी सौंपा था.