बेंगलुरु। अब तक आपने मशहूर हस्तियों की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ते कई बार देखा होगा, लेकिन हम आपको एक ऐसी अंतिम यात्रा के बारे में बता रहे हैं, जो किसी इंसान की नहीं बल्कि जानवर की थी. इस अंतिम यात्रा में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन को नजरअंदाज करते हुए पूरा गांव उमड़ पड़ा.
यह मामला कर्नाटक के बेलगाम जिले का है. यहां पर एक घोड़े की अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ. जिस किसी को भी जानकारी हुई वह घोड़े की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंच गया. धीरे-धीरे पूरा गांव इकट्ठा हो गया. इस घटना की जानकारी होते ही स्थानीय प्रशासन गांव पहुंच गया और लोगों को वहां से हटाया. इस घटना की चर्चा पूरे देश में हो रही है.
क्यों खास था यह घोड़ा
यह घोड़ा बेलगाम जिले के गोकाक गांव में स्थित एक धार्मिक स्थल पर रहता था. स्थानीय मठ में रहने के कारण लोग इसे दिव्य घोड़ा मानते थे. जैसे ही लोगों को घोड़े की मृत्यु की सूचना मिली, सभी मठ की तरफ निकल पड़े. सभी लोग घोड़े की अंतिम यात्रा में शामिल होना चाहते थे.
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कोरोना गाइडलाइन्स का उल्लंघन
अंतिम यात्रा के दौरान गांव में कोरोना गाइडलाइन्स का खुलेआम उल्लंघन हुआ. इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई चीज नजर ही नहीं आई. दूसरे गांव के लोग भी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे, इस वजह से वहां काफी भीड़ इकट्ठा हो गई. हालांकि प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए पूरे गांव को सील कर दिया है और सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला किया है. गांव में करीब 400 घर हैं.