भोपाल। राजधानी में जुलाई की शुरुआत से ही कोरोना का विकराल रूप देखने को मिल रहा है क्योंकि जुलाई की शुरुआत से ही संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने भोपाल में 10 दिनों का लॉकडाउन किया है, लेकिन संक्रमितों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. ऐसी स्थिति में प्लाजमा थैरेपी मरीजों के लिए कारगर साबित हो रही है. जिसे देखते हुए अब इसे बड़े अभियान के तहत शुरू करने का निर्णय लिया गया है. ताकि जरूरत पड़ने पर कोविड-19 संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी का लाभ मिल सके.
भोपाल में कोरोना संक्रमितों का उपचार प्लाज्मा थेरेपी के जरिए करने के लिए प्लाज्मा डोनेशन अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्तियों को उनका प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. इस अभियान को सुचारू और सक्रिय रूप से संचालित करने के निर्देश संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए हैं.
गांधी मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा संग्रह
आईसीएमआर ने पूरे भारत में 100 स्थानों पर प्लाज्मा बैंक बनाने की मंजूरी दी है. उसमें भोपाल का गांधी मेडिकल कॉलेज भी शामिल है. संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि कोविड-19 संक्रमण की आगामी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अभी से तैयारी करना है. संक्रमित व्यक्तियों के उपचार के 28 दिन बाद उन्हें प्रेरित कर प्लाज्मा डोनेशन के लिय तैयार करें. उन्हें समझाएं कि इस छोटे प्रयास से किसी व्यक्ति का जीवन बच सकता है.
इस कार्य में एनजीओ एवं अन्य सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जाएगी. डोनेशन देने वाले व्यक्तियों की भावनाओं का ध्यान रखा जाए. वन टू वन काउंसिलिंग करें, उनकी सहमति लें और सुविधानुसार प्लाज्मा डोनेशन के सारे मानकों का पालन किया जाए.