भोपाल। लॉकडाउन के चलते दूसरे प्रदेशों में फंसे मध्य प्रदेश के पर्यटकों, व्यवसायियों और अन्य लोगों को अपने वाहन से वापसी के लिए प्रदेश सरकार ने ई-पास की व्यवस्था की है. राज्य शासन ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. अपने वाहन से बाहर से आने वाले ऐसे तमाम यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना भी जरूरी रहेगा.
लॉकडाउन के चलते प्रदेश के बहुत से लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं. जिनमें ऐसे लोगों की भी बड़ी संख्या है, जिनके पास अपने वाहन भी उपलब्ध हैं. जिसके चलते दूसरे राज्यों में फंसे सवा दो लाख से ज्यादा लोगों ने मध्य प्रदेश सरकार के पास ई पास के लिए आवेदन किए थे. जिस पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया था. लेकिन अब सरकार ने ऐसे लोगों को ई-पास जारी करने का निर्णय लिया है.
दूसरे प्रदेश में फंसे लोगों की वापसी के लिए यह बनाए नियम
- अन्य राज्यों के हॉटस्पॉट जिलों से किसी भी व्यक्ति को वर्तमान जिला कलेक्टर राज्य शासन द्वारा मध्य प्रदेश के किसी भी जिले में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी
- मध्यप्रदेश के ऐसे निवासी जो हॉटस्पाट क्षेत्र में नहीं है, जबकि अपने वाहन से मध्य प्रदेश वापस आना चाहते हैं. उन्हें ई पास जारी किए जायेंगे.
- मध्यप्रदेश के ऐसे निवासी जो हॉटस्पॉट जिलों में नहीं है. लेकिन उनके पास अपना वाहन नहीं है, उन सभी लोगों को राज्य सरकार वापस लाएगी. जिसके लिए उन्हें सरकार परिवहन उपलब्ध कराएगी. इसके लिए ई पास की जरुरत नहीं होगी. लेकिन उन्हें अपना पूरा विवरण मैप आईटी के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा.
अन्य राज्यों के निवासियों के लिए यह नियम
मध्यप्रदेश में धार्मिक यात्रा, अध्ययन, पारिवारिक सदस्यों से मिलने आए यात्री जो अपने साधन से प्रदेश के बाहर वापस जाना चाहते हैं, उनको ई पास दिए जायेंगे. अनुमति में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह वास्तव में मध्य प्रदेश के किसी जिले का निवासी तो नहीं है. ऐसे लोगों को अपने वाहन की व्यवस्था करनी होगी और वाहन का पंजीयन कराना होगा. ये सभी अनुमतियां देते वक्त खाली वाहन के वापस लौटने की अनुमति भी जारी की जाएगी. सरकार ने तय किया है कि सभी लोगों को अनुमति एक साथ देने के स्थान पर धीरे-धीरे अनुमति दी जाए.