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सरकारी जमीनों पर मिलेगा मालिकाना हक! जानिए हैं नए नियम ? - government lands

राजधानी भोपाल में सरकारी जमीन पर 31 दिसंबर 2014 से पहले बनाए मकान, दुकान पर अब मालिकाना हक मिलेगा, इसके लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है, जानिए क्या हैं नए नियम.

Ownership will be available on government lands
सरकारी जमीनों पर मिलेगा मालिकाना हक
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Published : Aug 7, 2021, 10:33 PM IST

भोपाल। राजधानी में अब सरकारी जमीनों पर मकान दुकान बनाने वालों को भी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिल सकेगा, इसके लिए 30 साल तक स्थाई पट्टा दिया जाएगा. इस योजना का लाभ 31 दिसंबर 2014 से पहले बनाए गए मकानों दुकानों के मालिकों को ही मिलेगा. आवासीय निर्माण के लिए कलेक्टर गाइडलाइन का 5% से 100% निर्माण क्षेत्र के हिसाब से और व्यवसायिक क्षेत्र के लिए 25% से 100% राशि जमा करानी होगी.

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सरकारी जमीनों पर मिलेगा मालिकाना हक

30 सालों तक मिलेगा मालिकाना हक

राजधानी में ऐसी कई प्रॉपर्टी हैं, जो पहले आवासी वाणिज्य इस्तेमाल के लिए थी, लेकिन बाद में रिकॉर्ड में सरकारी हो गई, ऐसे क्षेत्रों में हुए निर्माण का सर्वे कार्य सभी सर्कलों में करवाया जा रहा है, यह सर्वे सभी तहसील स्तर पर एसडीएम करेंगे, इसमें जमीन का उपयोग आवासीय व्यवसायिक होने पर ही 30 साल का मालिकाना हक का पट्टा मिलेगा, कृषि भूमि पर अवैध मकान बना है, तो उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा.

इस योजना के लिए यह पात्रता जरूरी

इसके तहत समय सीमा में 31 दिसंबर 2014 से पहले जमीन पर काबिज लोगों को ही भूस्वामी पट्टे और मालिकाना हक दिया जाएगा, उसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. उसे पूरा करने के बाद ही जमीन का प्रीमियम और भू भाटक जमा करने पर संबंधित एसडीएम कार्यालय से मालिकाना हक के प्रमाण पत्र और भूस्वामी के पट्टे दिए जाएंगे. इसे एक तरह से एनओसी माना जाएगा, उसके बाद यह लोग बैंक से लोन भी ले सकेंगे और प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त भी कर सकेंगे.

अभी शहर में कई ऐसी जगह मिली है जो पहले भेजी थी बाद में सरकारी हो गई है, लेकिन सरकार ने उनका उपयोग नहीं किया और कब्जा जमीन मालिक का ही रहा हो, ऐसे लोगों को राहत देने के लिए उनसे सिर्फ भू भाटक ही लिया जाएगा.

भोपाल में 16 करोड़ की जमीन अतिक्रमण मुक्त, शासकीय भूमि पर था अतिक्रमण

इसके लिए उन्हें 31 दिसंबर 2014 से पूर्व जमीन पर काबिज होने का प्रमाण पत्र, बिजली बिल, जल प्रदाय संबंधित बिल सरकारी दफ्तर या उपक्रम से भूखंड के संबंध में जारी कोई पत्राचार दस्तावेज जनगणना 2011 में उल्लेखित पता संपत्ति की रसीद और मतदाता सूची में नाम के आधार पर ही वे लोग स्थाई पट्टे के लिए आवेदन कर पाएंगे.

भोपाल के इन क्षेत्रों में लोगों को होगा फायदा

भोपाल में सबसे अधिक ईदगाह हिल्स, बैरागढ़, बरखेड़ा पठानी, दामखेड़ा, कोलार में देखे जा सकते हैं, इन क्षेत्रों में रहने वाले करीब तीन लाख आबादी सरकारी या अर्बन सीलिंग पर निर्माण करके रह रही है, या व्यवसाय कर रही है, इनके पास मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं हैं, ऐसे में ना तो यह प्रॉपर्टी विक्रय कर सकते हैं और ना ही इस पर बैंक से लोन ले सकते हैं, संभवत पूरे शहर में ऐसी 50,000 से अधिक प्रॉपर्टी है.

भोपाल। राजधानी में अब सरकारी जमीनों पर मकान दुकान बनाने वालों को भी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिल सकेगा, इसके लिए 30 साल तक स्थाई पट्टा दिया जाएगा. इस योजना का लाभ 31 दिसंबर 2014 से पहले बनाए गए मकानों दुकानों के मालिकों को ही मिलेगा. आवासीय निर्माण के लिए कलेक्टर गाइडलाइन का 5% से 100% निर्माण क्षेत्र के हिसाब से और व्यवसायिक क्षेत्र के लिए 25% से 100% राशि जमा करानी होगी.

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सरकारी जमीनों पर मिलेगा मालिकाना हक

30 सालों तक मिलेगा मालिकाना हक

राजधानी में ऐसी कई प्रॉपर्टी हैं, जो पहले आवासी वाणिज्य इस्तेमाल के लिए थी, लेकिन बाद में रिकॉर्ड में सरकारी हो गई, ऐसे क्षेत्रों में हुए निर्माण का सर्वे कार्य सभी सर्कलों में करवाया जा रहा है, यह सर्वे सभी तहसील स्तर पर एसडीएम करेंगे, इसमें जमीन का उपयोग आवासीय व्यवसायिक होने पर ही 30 साल का मालिकाना हक का पट्टा मिलेगा, कृषि भूमि पर अवैध मकान बना है, तो उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा.

इस योजना के लिए यह पात्रता जरूरी

इसके तहत समय सीमा में 31 दिसंबर 2014 से पहले जमीन पर काबिज लोगों को ही भूस्वामी पट्टे और मालिकाना हक दिया जाएगा, उसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. उसे पूरा करने के बाद ही जमीन का प्रीमियम और भू भाटक जमा करने पर संबंधित एसडीएम कार्यालय से मालिकाना हक के प्रमाण पत्र और भूस्वामी के पट्टे दिए जाएंगे. इसे एक तरह से एनओसी माना जाएगा, उसके बाद यह लोग बैंक से लोन भी ले सकेंगे और प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त भी कर सकेंगे.

अभी शहर में कई ऐसी जगह मिली है जो पहले भेजी थी बाद में सरकारी हो गई है, लेकिन सरकार ने उनका उपयोग नहीं किया और कब्जा जमीन मालिक का ही रहा हो, ऐसे लोगों को राहत देने के लिए उनसे सिर्फ भू भाटक ही लिया जाएगा.

भोपाल में 16 करोड़ की जमीन अतिक्रमण मुक्त, शासकीय भूमि पर था अतिक्रमण

इसके लिए उन्हें 31 दिसंबर 2014 से पूर्व जमीन पर काबिज होने का प्रमाण पत्र, बिजली बिल, जल प्रदाय संबंधित बिल सरकारी दफ्तर या उपक्रम से भूखंड के संबंध में जारी कोई पत्राचार दस्तावेज जनगणना 2011 में उल्लेखित पता संपत्ति की रसीद और मतदाता सूची में नाम के आधार पर ही वे लोग स्थाई पट्टे के लिए आवेदन कर पाएंगे.

भोपाल के इन क्षेत्रों में लोगों को होगा फायदा

भोपाल में सबसे अधिक ईदगाह हिल्स, बैरागढ़, बरखेड़ा पठानी, दामखेड़ा, कोलार में देखे जा सकते हैं, इन क्षेत्रों में रहने वाले करीब तीन लाख आबादी सरकारी या अर्बन सीलिंग पर निर्माण करके रह रही है, या व्यवसाय कर रही है, इनके पास मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं हैं, ऐसे में ना तो यह प्रॉपर्टी विक्रय कर सकते हैं और ना ही इस पर बैंक से लोन ले सकते हैं, संभवत पूरे शहर में ऐसी 50,000 से अधिक प्रॉपर्टी है.

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