भोपाल। प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की कड़ी फटकार असर हुआ है. इसी के चलते अधिकारियों ने बिजली कंपनियों पर शक्ति बढ़ा दी है. ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव आईसीपी केसरी ने बिजली कंपनियों की कार्यशाला में सख्त लहजे में कहा कि वे दूसरे नंबर से कभी भी किसी भी अधिकारी कर्मचारी को फोन लगा सकते हैं और यदि फोन नहीं उठाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कार्यशाला केसरी ने कहा कि विद्युत वितरण व्यवस्था में मीटरिंग, बिलिंग और कलेक्शन को नियमों के अनुसार ही प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाना चाहिए. हर उपभोक्ता के घर मीटर लगा हो, उसकी रीडिंग हो और देयक नियत तिथि से पहले पहुंचे. उन्होंने कहा कि बिलिंग चक्र की समीक्षा की जाये. केसरी ने कहा कि जले और खराब मीटर या उपभोक्ता परिसर में मीटर विद्युत लाइन के सर्किट में नहीं होने के आधार पर ही औसत बिलिंग हो और इस बीच संबंधित उपभोक्ता परिसर में मीटर बदलने की कार्रवाई सुनिश्चित होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि औसत बिल 3 माह से अधिक का नहीं होनो चाहिये. विद्युत वितरण की व्यवस्था तभी सुचारू और पुख्ता मानी जा सकती है जब हम विद्युत आपूर्ति को लेकर 24 घंटे सजग रहें. उन्होंने प्रदेश के सभी कार्मिकों से कहा कि वे मुख्य महाप्रबंधक से लेकर जूनियर इंजीनियर तक किसी को भी उनके मोबाइल पर किसी भी वक्त अज्ञात नंबर से फोन कर सकते हैं. यदि फोन नहीं उठाया गया तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.