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Navratri 2021: जानें नवरात्रि व्रत पारण का सही समय, भूलकर भी इस मुहूर्त पर न तोड़ें उपवास

शारदीय नवरात्रि का आरंभ घटस्थापना के साथ होता है, तो वहीं समापन व्रत पारण के साथ किया जाता है. रिपोर्ट में जानें, पारण का शुभ मुहूर्त और विधि.

Navratri 2021
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Published : Oct 14, 2021, 10:50 PM IST

भोपाल। नवरात्रि पर भक्त 9 दिन उपवास रख मां दुर्गा की अराधना करते हैं. नवरात्रि की समाप्ति के साथ भक्त व्रत का पारण करते हैं. इस बार विजयदशमी के दिन पारण का विधान है. कुछ लोग अष्टमी पूजने के बाद पारण करते हैं. वहीं कुछ लोग नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद कन्या पूजन और हवन कर पारण करते हैं. इस बार शारदीय नवरात्रि का पारण 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को होगा. उससे पहले ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट में पारण का शुभ मुहूर्त और विधि जान लीजिए.

इस शुभ मुहुर्त पर करें पारण

किसी भी व्रत का फल उसके पूर्ण होने के बाद ही मिलता है. कहते हैं कि व्रत के पारण के बाद ही व्रत को पूर्ण माना जाता है. इसलिए व्रत का पारण तिथि और नियमों के अनुसार करना जरूरी है. इस बार नवमी तिथि, 13 अक्टूबर बुधवार को रात 08 बजकर 09 से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर, गुरुवार को शाम 06 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए नवमी का पूजन 14 अक्टूबर को किया जाएगा. दशमी तिथि 14 अक्टूबर, 06 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगी. इसलिए व्रत का पारण सूर्योदय के बाद 15 अक्टूबर के दिन ही करें.

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जानें, पारण की विधि

कुछ लोग अष्टमी तिथि के बाद पारण कर लेते हैं. लेकिन नवरात्रि व्रत पारण के लिए नवमी तिथि के अस्त होने का समय या दशमी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. नवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण करें. इसके बाद मां भगवती के 9वें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा करें. माता को फल, फूल, पान, सुपारी अक्षत और सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद हवन कर कन्या पूजन करें. तथा कन्या पूजन के बाद नौ कन्याओं और एक लंगूर को भोजन करवाएं. इस दिन आप कन्या पूजन के बाद नवमी तिथि के समापन पर या दशमी तिथि के दिन पारण कर सकते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार दशमी के दिन व्रत का पारण सर्वश्रेष्ठ माना गया है.

नवरात्र व्रत का पारण क्या खाकर करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत का पारण आपको माता का प्रसाद खाकर ही करना चाहिए. कन्या पूजन और हवन आदि के बाद आपने जो भी भोग माता रानी को लगाया है उसी प्रसाद को खाकर व्रत का पारण करें. इससे आपका व्रत पूर्ण फलदायी होगा और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

भोपाल। नवरात्रि पर भक्त 9 दिन उपवास रख मां दुर्गा की अराधना करते हैं. नवरात्रि की समाप्ति के साथ भक्त व्रत का पारण करते हैं. इस बार विजयदशमी के दिन पारण का विधान है. कुछ लोग अष्टमी पूजने के बाद पारण करते हैं. वहीं कुछ लोग नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद कन्या पूजन और हवन कर पारण करते हैं. इस बार शारदीय नवरात्रि का पारण 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को होगा. उससे पहले ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट में पारण का शुभ मुहूर्त और विधि जान लीजिए.

इस शुभ मुहुर्त पर करें पारण

किसी भी व्रत का फल उसके पूर्ण होने के बाद ही मिलता है. कहते हैं कि व्रत के पारण के बाद ही व्रत को पूर्ण माना जाता है. इसलिए व्रत का पारण तिथि और नियमों के अनुसार करना जरूरी है. इस बार नवमी तिथि, 13 अक्टूबर बुधवार को रात 08 बजकर 09 से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर, गुरुवार को शाम 06 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए नवमी का पूजन 14 अक्टूबर को किया जाएगा. दशमी तिथि 14 अक्टूबर, 06 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगी. इसलिए व्रत का पारण सूर्योदय के बाद 15 अक्टूबर के दिन ही करें.

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जानें, पारण की विधि

कुछ लोग अष्टमी तिथि के बाद पारण कर लेते हैं. लेकिन नवरात्रि व्रत पारण के लिए नवमी तिथि के अस्त होने का समय या दशमी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. नवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण करें. इसके बाद मां भगवती के 9वें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा करें. माता को फल, फूल, पान, सुपारी अक्षत और सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद हवन कर कन्या पूजन करें. तथा कन्या पूजन के बाद नौ कन्याओं और एक लंगूर को भोजन करवाएं. इस दिन आप कन्या पूजन के बाद नवमी तिथि के समापन पर या दशमी तिथि के दिन पारण कर सकते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार दशमी के दिन व्रत का पारण सर्वश्रेष्ठ माना गया है.

नवरात्र व्रत का पारण क्या खाकर करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत का पारण आपको माता का प्रसाद खाकर ही करना चाहिए. कन्या पूजन और हवन आदि के बाद आपने जो भी भोग माता रानी को लगाया है उसी प्रसाद को खाकर व्रत का पारण करें. इससे आपका व्रत पूर्ण फलदायी होगा और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

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