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छल-कपट छोड़ निर्मल मन से लेना चाहिए राम का नाम, नरोत्तम की दिग्विजय-कमलनाथ को सलाह

नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह के राम मंदिर पर दिए बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि किसी बहाने सही कांग्रेसियों के मुंह पर राम का नाम तो आया.

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नरोत्तम मिश्रा और दिग्विजय सिंह
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Published : Aug 1, 2020, 1:38 PM IST

Updated : Aug 1, 2020, 1:49 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के नेता राम मंदिर के मुद्दे पर आमने-सामने हैं, कमलनाथ के बाद अब दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर निर्माण का समर्थन कर दिया है, लेकिन उन्होंने मंदिर के शिलान्यास के मुहूर्त पर फिर सवाल खड़े कर दिए. उनके इस बयान पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह जब भी बोलते हैं, उल्टा ही बोलते हैं. इसी बहाने सही कांग्रेस नेताओं ने राम का नाम तो लिया.

नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की वजह से ही राम मंदिर का निर्माण इतना लेट हुआ है. कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता राम मंदिर के खिलाफ अदालत में खड़े रहे. जिन्होंने राम के अस्तित्व को ही नकारा दिया था. ऐसे में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को अपने शीर्ष नेतृत्व को बताना चाहिए कि राम देश की आस्था हैं. राम हर भारतवासी के रोम-रोम में बसे हैं.

उम्र के अंतिम पड़ाव पर लेना चाहिए राम का नाम

मिश्रा ने कहा कि राम के काम में छल-कपट नहीं चलता है. इसलिए वह कांग्रेस के नेताओं को सलाह देना चाहते हैं कि उम्र के अंतिम पड़ाव में छल-कपट छोड़कर सभी को निर्मल मन से राम का नाम लेना चाहिए. सभी का उद्धार हो जाएगा. राम मंदिर पर सवाल खड़े करना अब कांग्रेस नेताओं को बंद करना चाहिए.

भोपाल। मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के नेता राम मंदिर के मुद्दे पर आमने-सामने हैं, कमलनाथ के बाद अब दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर निर्माण का समर्थन कर दिया है, लेकिन उन्होंने मंदिर के शिलान्यास के मुहूर्त पर फिर सवाल खड़े कर दिए. उनके इस बयान पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह जब भी बोलते हैं, उल्टा ही बोलते हैं. इसी बहाने सही कांग्रेस नेताओं ने राम का नाम तो लिया.

नरोत्तम मिश्रा, गृहमंत्री

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की वजह से ही राम मंदिर का निर्माण इतना लेट हुआ है. कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता राम मंदिर के खिलाफ अदालत में खड़े रहे. जिन्होंने राम के अस्तित्व को ही नकारा दिया था. ऐसे में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को अपने शीर्ष नेतृत्व को बताना चाहिए कि राम देश की आस्था हैं. राम हर भारतवासी के रोम-रोम में बसे हैं.

उम्र के अंतिम पड़ाव पर लेना चाहिए राम का नाम

मिश्रा ने कहा कि राम के काम में छल-कपट नहीं चलता है. इसलिए वह कांग्रेस के नेताओं को सलाह देना चाहते हैं कि उम्र के अंतिम पड़ाव में छल-कपट छोड़कर सभी को निर्मल मन से राम का नाम लेना चाहिए. सभी का उद्धार हो जाएगा. राम मंदिर पर सवाल खड़े करना अब कांग्रेस नेताओं को बंद करना चाहिए.

Last Updated : Aug 1, 2020, 1:49 PM IST
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