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MP Vyapam Case: व्यापमं मामले में 5 को सात साल की सजा, MPPMT 2009 की परीक्षा में हुआ था फर्जीवाड़ा - मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत

2009 में व्यापमं द्वारा आयोजित एमपीपीएमटी 2009 परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर परीक्षा उत्तीर्ण करने के मामले में मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी पाये जाने पर सात साल की जेल की सजा सुनाई है.(MP Vyapam case)(MPPMT 2009 case)

MP Vyapam case Five accused found guilty sentenced to seven years in jail in MPPMT 2009 case
व्यापमं मामले में 5 को सात साल की सजा
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Published : Aug 2, 2022, 6:59 AM IST

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट (एमपीपीएमटी) 2009 परीक्षा से संबंधित एक मामले में पांच आरोपियों को दोषी पाये जाने पर सात साल की जेल की सजा सुनाई है.

इन लोगों को मिली सजा: अदालत ने सत्यपाल कुस्तवार (उम्मीदवार), शैलेंद्र कुमार (प्रतिरूपणकर्ता), रवींद्र दुलावत (उम्मीदवार), आशीष उत्तम (प्रतिरूपणकर्ता) और संजय दुलावत (बिचौलिया) को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. सीबीआई ने 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मामला दर्ज किया था और इंदौर के संयोगितागंज थाने से जांच अपने हाथ में ली थी. स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

एमपीपीएमटी 2009 परीक्षा में फर्जीवाड़ा: यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी कुस्तवार और दुलावत ने 2009 में व्यापमं द्वारा आयोजित एमपीपीएमटी 2009 परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर परीक्षा उत्तीर्ण की थी. दोनों उम्मीदवारों को उनके परीक्षा केंद्र के रूप में इंदौर में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया था और बाद में वे वहां प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हुए. हालांकि, प्रवेश प्रक्रिया के दौरान, दोनों उम्मीदवारों को कॉलेज की स्क्रूटनी कमेटी ने पकड़ लिया, क्योंकि उनकी तस्वीरें परिणाम पत्रक पर चिपकाई गई तस्वीरों से मेल नहीं खाती थीं.

Medical University Fraud: जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा, मंत्री बोले व्यवस्थाएं की जाएंगी चुस्त-दुरुस्त, कांग्रेस बोली व्यापम का है पार्ट

तीन अन्य को भी आरोपी बनाया गया था: इसके बाद स्क्रूटनी कमेटी ने दोनों उम्मीदवारों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया और बाद में डीन की शिकायत के आधार पर संयोगितागंज थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जांच के दौरान, बिचौलिए और दो प्रतिरूपण करने वालों सहित तीन अन्य को आरोपी बनाया गया था. इससे पहले राज्य पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई ने गहन जांच के बाद अदालत के समक्ष दुलावत और कस्तवार के चयन से संबंधित दो अलग-अलग पूरक आरोप पत्र दायर किए. ट्रायल कोर्ट ने दोनों चार्जशीट को मर्ज कर दिया और ट्रायल जारी रखा. (MP Vyapam case)(MPPMT 2009 case)(MP Special CBI Court)

(आईएएनएस)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की एक विशेष सीबीआई अदालत ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश प्री मेडिकल टेस्ट (एमपीपीएमटी) 2009 परीक्षा से संबंधित एक मामले में पांच आरोपियों को दोषी पाये जाने पर सात साल की जेल की सजा सुनाई है.

इन लोगों को मिली सजा: अदालत ने सत्यपाल कुस्तवार (उम्मीदवार), शैलेंद्र कुमार (प्रतिरूपणकर्ता), रवींद्र दुलावत (उम्मीदवार), आशीष उत्तम (प्रतिरूपणकर्ता) और संजय दुलावत (बिचौलिया) को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. सीबीआई ने 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मामला दर्ज किया था और इंदौर के संयोगितागंज थाने से जांच अपने हाथ में ली थी. स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

एमपीपीएमटी 2009 परीक्षा में फर्जीवाड़ा: यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी कुस्तवार और दुलावत ने 2009 में व्यापमं द्वारा आयोजित एमपीपीएमटी 2009 परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर परीक्षा उत्तीर्ण की थी. दोनों उम्मीदवारों को उनके परीक्षा केंद्र के रूप में इंदौर में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया था और बाद में वे वहां प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हुए. हालांकि, प्रवेश प्रक्रिया के दौरान, दोनों उम्मीदवारों को कॉलेज की स्क्रूटनी कमेटी ने पकड़ लिया, क्योंकि उनकी तस्वीरें परिणाम पत्रक पर चिपकाई गई तस्वीरों से मेल नहीं खाती थीं.

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तीन अन्य को भी आरोपी बनाया गया था: इसके बाद स्क्रूटनी कमेटी ने दोनों उम्मीदवारों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया और बाद में डीन की शिकायत के आधार पर संयोगितागंज थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. जांच के दौरान, बिचौलिए और दो प्रतिरूपण करने वालों सहित तीन अन्य को आरोपी बनाया गया था. इससे पहले राज्य पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई ने गहन जांच के बाद अदालत के समक्ष दुलावत और कस्तवार के चयन से संबंधित दो अलग-अलग पूरक आरोप पत्र दायर किए. ट्रायल कोर्ट ने दोनों चार्जशीट को मर्ज कर दिया और ट्रायल जारी रखा. (MP Vyapam case)(MPPMT 2009 case)(MP Special CBI Court)

(आईएएनएस)

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