भोपाल। मध्य प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने चार पार्षद सीट जीतकर राज्य में अपनी दस्तक दे दी है. नगर की सरकार के लिए पहले चरण में 11 नगर निगम के लिए वोटिंग हुई थी, जिसकी मतगणना आज 17 जुलाई को हुई. मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ है जब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने अपना प्रत्याशी मैदान पर उतारा और 4 सीटों पर जीत हासिल की है.
जनता को हक दिलाने सियासत में आई AIMIM: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने खंडवा के वार्ड 14 से जीत हासिल की, छत्रपति शिवाजी वॉर्ड से एआईएमआईएम ने शाकिरा बिलाल को मैदान में उतारा था. जिन्होंने 285 वोटों से अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की नूरजहां बेगम को 285 मतों के अंतर से हराकर चुनाव जीता. बता दें कि ओवैसी ने खंडवा में 10 प्रत्याशी उतारे थे, जिनका प्रचार करने खुद ओवैसी पहुंचे थे. जहां उन्होंने जनता से कहा था कि, "50 साल तक आपने भाजपा-कांग्रेस का साथ दिया है, अब अपनी कौम के साथ आएं. एआईएमआईएम आपको आपका हक दिलाने के लिए मध्य प्रदेश की सियासत में आई है."
यहां भी जीती AIMIM: इसी के साथ AIMIM ने जबलपुर के वार्ड क्रमांक 49 में समा परवीन और वार्ड क्रमांक 51 में समरीन कुरैशी ने जीत हासिल की. इसके अलावा बुरहानपुर में नगर निगम के वार्ड क्रमांक 2 नेहरू नगर से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी रफीक अहमद ने 255 वोट से जीत दर्ज की है.
AIMIM ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल: बुरहानपुर नगर निगम में AIMIM ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा है, बता दें कि बुरहानपुर में भाजपा प्रत्याशी माधुरी पटेल ने कांग्रेस प्रत्याशी शहनाज बानो को 542 वोट से हराया है. भाजपा प्रत्याशी को 52823 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 52281 वोट मिले है, इसी के साथ ओवैसी की पार्टी की महापौर प्रत्याशी शाईस्ता सोहेल हाशमी को 10322 वोट मिले हैं.
एमपी में प्रचार करने आए थे ओवैसी: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस महीने की शुरुआत में हुए चुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के प्रचार के लिए खंडवा में एक जनसभा को संबोधित किया था, ओवैसी ने राजधानी भोपाल, औद्योगिक केंद्र इंदौर और जबलपुर में भी जनसभाएं की थीं और शहरी निकाय चुनावों में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट मांगे थे.
कांग्रेस को चुनौती: फिलहाल एमपी में पार्षद के चुनाव में 4 सीट हासिल करने करने वाली ओवैसी की पार्टी की एंट्री को कांग्रेस के समक्ष चुनौती माना जा रहा है. ज्यादातर मुस्लिम वार्ड में कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों के परिणाम AIMIM की वजह से प्रभावित हुए हैं, जिसकी वजह से कांग्रेस के दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा.