भोपाल। प्रमोशन पॉलिसी और सातवें वेतनमान एनपीए के साथ लागू नहीं किए जाने के विरोध में प्रदेश के साढ़े तीन हजार मेडिकल टीचर दो माह बाद एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इसको लेकर एक बड़ी बैठक सागर में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेशभर से मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर एकत्रित हुए और उन्होंने सरकार को दो माह का समय दिया है. उन्होंने कहा कि मांग पूरी ना होने के बाद प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे.(promotion policy of medical teachers)
सरकार को दो माह की समय सीमा: मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने वाले मेडिकल टीचर अब सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मन बना रहे हैं. एक ओर भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में सातवें वेतनमान का एरियर नहीं दिए जाने के चलते यह डॉक्टर सांकेतिक हड़ताल पर हैं. वहीं दूसरी ओर प्रदेश भर के साढ़े तीन हजार से अधिक मेडिकल टीचर अब सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन का मन बना चुके हैं. दरअसल 2019 में मुख्य सचिव के साथ हुई इनकी एक बैठक में निर्णय लिया गया था कि इनको प्रमोशन पॉलिसी डीएसीपी और सातवें वेतनमान में एनपीए के तहत कर कर दिए जाने की बात हुई थी. लेकिन 3 साल गुजर जाने के बाद भी यह मांग जस की तस बनी हुई है, ऐसे में इन सभी ने सागर में एक बड़ी बैठक की, इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि 2 माह बाद एक बड़ा आंदोलन तैयार किया जाएगा. उन्होंने फिलहाल सरकार को 2 माह की समय सीमा दी है.
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आंदोलन का पड़ेगा असर: बता दें कि भोपल के गांधी मेडिकल कॉलेज में 350 सौ से अधिक चिकित्सा शिक्षक हैं और पूरे प्रदेश में इनकी संख्या साढ़े तीन हजार से अधिक है. ऐसे में अगर यह टीचर बड़े आंदोलन की ओर जाते हैं तो निश्चित ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर बड़ा असर पड़ेगा.