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STF एडीजी अशोक अवस्थी की ETV भारत से खास बातचीत, VIP नंबर से किया गया था राज्यपाल को कॉल - लालजी टंडन को किया गया फेक कॉल

पिछले दिनों राज्यपाल लालजी टंडन को गृहमंत्री अमित शाह बनकर कॉल करने वाले एक मामले से हड़कंप मच गया था. चौंकाने वाली बात तो यह जिस नंबर से राज्यपाल को कॉल किया गया था वह वीआईपी नंबर था. इस पूरे मामले की जांच मध्य प्रदेश एसटीएफ कर रही है.

ashok awasthi
अशोक अवस्थी
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Published : Jan 24, 2020, 9:00 PM IST

भोपाल। गृह मंत्री अमित शाह बनकर मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को कॉन्फ्रेंस कॉल करवाने वाले डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने वीआईपी नंबर से राजभवन में कॉल किया था. यह मामला सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया. चौंकाने वाली बात तो यह जिस नंबर से राज्यपाल को कॉल किया गया था वह वीआईपी नंबर था. जिसे फर्जी वोटर आईडी के जरिए गुवाहाटी से जारी किया गया था. इन्हीं सब मामलों पर ईटीवी भारत ने मध्य प्रदेश एसटीएफ के एडीजी अशोक अवस्थी से खास बातचीत की.

STF के एडीजी अशोक अवस्थी की ETV भारत से खास बातचीत


एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि जिस नंबर से डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने राज्यपाल को कॉल किया था उसका एक्टिवेशन गुवाहाटी की जगह आंध्र प्रदेश में हुआ. उन्होंने कहा कि ऐसे CLIR नंबर केवल बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को ही भारत सरकार के वेरिफिकेशन के बाद जारी किए जाते हैं. इसके लिए भारत सरकार की गुप्तचर एजेंसी बारीकी से पूरा वेरिफिकेशन करती है नंबर लेने से पहले आवश्यकता और कारणों को भी बताना पड़ता है. जबकि इन नंबरों का पूरा डाटा भी रखा जाता है कि ऐसे नंबर प्रदेश और देश भर में किस-किस को जारी किए गए हैं


CLIR नंबरों की खासियत
एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि CLIR नंबरों की खास बात यह होती है कि इन नंबरों से कॉल करने पर स्क्रीन पर नंबर की जगह वीआईपी नंबर या प्राइवेट नंबर शो करता है. इन नंबरों पर इनकमिंग कॉल की सुविधा भी नहीं होती है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि पेशे से डेंटिस्ट डॉक्टर चल रही शुक्ला को यह वीआईपी नंबर कैसे जारी किया गया.


इस पूरे मामले के लिए एसटीएफ की एक टीम गुवाहाटी के लिए रवाना हो गई है. गुवाहाटी में जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि आखिरकार यह वीआईपी नंबर डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला को कैसे जारी किया गया. इसके अलावा नंबर लेने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों और एजेंसियों से भी पूछताछ की जाएगी. यह भी पता लगाया जाएगा कि कहीं किसी पद पर बैठे व्यक्ति की मदद से तो चंद्रेश शुक्ला को यह नंबर जारी तो नहीं किया गया है अगर ऐसा है तो संबंधित के खिलाफ भी एसटीएफ सख्त कार्रवाई करेगी.

भोपाल। गृह मंत्री अमित शाह बनकर मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को कॉन्फ्रेंस कॉल करवाने वाले डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने वीआईपी नंबर से राजभवन में कॉल किया था. यह मामला सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया. चौंकाने वाली बात तो यह जिस नंबर से राज्यपाल को कॉल किया गया था वह वीआईपी नंबर था. जिसे फर्जी वोटर आईडी के जरिए गुवाहाटी से जारी किया गया था. इन्हीं सब मामलों पर ईटीवी भारत ने मध्य प्रदेश एसटीएफ के एडीजी अशोक अवस्थी से खास बातचीत की.

STF के एडीजी अशोक अवस्थी की ETV भारत से खास बातचीत


एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि जिस नंबर से डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने राज्यपाल को कॉल किया था उसका एक्टिवेशन गुवाहाटी की जगह आंध्र प्रदेश में हुआ. उन्होंने कहा कि ऐसे CLIR नंबर केवल बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को ही भारत सरकार के वेरिफिकेशन के बाद जारी किए जाते हैं. इसके लिए भारत सरकार की गुप्तचर एजेंसी बारीकी से पूरा वेरिफिकेशन करती है नंबर लेने से पहले आवश्यकता और कारणों को भी बताना पड़ता है. जबकि इन नंबरों का पूरा डाटा भी रखा जाता है कि ऐसे नंबर प्रदेश और देश भर में किस-किस को जारी किए गए हैं


CLIR नंबरों की खासियत
एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि CLIR नंबरों की खास बात यह होती है कि इन नंबरों से कॉल करने पर स्क्रीन पर नंबर की जगह वीआईपी नंबर या प्राइवेट नंबर शो करता है. इन नंबरों पर इनकमिंग कॉल की सुविधा भी नहीं होती है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि पेशे से डेंटिस्ट डॉक्टर चल रही शुक्ला को यह वीआईपी नंबर कैसे जारी किया गया.


इस पूरे मामले के लिए एसटीएफ की एक टीम गुवाहाटी के लिए रवाना हो गई है. गुवाहाटी में जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि आखिरकार यह वीआईपी नंबर डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला को कैसे जारी किया गया. इसके अलावा नंबर लेने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों और एजेंसियों से भी पूछताछ की जाएगी. यह भी पता लगाया जाएगा कि कहीं किसी पद पर बैठे व्यक्ति की मदद से तो चंद्रेश शुक्ला को यह नंबर जारी तो नहीं किया गया है अगर ऐसा है तो संबंधित के खिलाफ भी एसटीएफ सख्त कार्रवाई करेगी.

Intro:भोपाल- गृह मंत्री अमित शाह बनकर मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को कॉन्फ्रेंस कॉल करवाने वाले डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने वीआईपी नंबर से राजभवन में कॉल किया था। चौंकाने वाली बात तो यह है कि यह वीआईपी नंबर फर्जी वोटर आईडी के जरिए गुवाहाटी से जारी किया गया था। लेकिन इस नंबर का एक्टिवेशन गुवाहाटी की जगह आंध्र प्रदेश में हुआ। ऐसे CLIR नंबर केवल बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को ही भारत सरकार के वेरिफिकेशन के बाद जारी किए जाते हैं।


Body:देश के गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल को कांफ्रेंस कॉल करने वाले डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने फर्जी वोटर आईडी के जरिए वटी से एक वीआईपी नंबर लिया था। चौंकाने वाली बात तो यह है कि ऐसे कॉलिंग लाइन आईडेंटिफिकेशन रिस्ट्रिक्शन नंबर केवल देश में बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को ही जारी किया जाता है। इसके लिए भारत सरकार की गुप्तचर एजेंसी बारीकी से पूरा वेरिफिकेशन करती है नंबर लेने से पहले आवश्यकता और कारणों को भी बताना पड़ता है साथ ही इन नंबरों का पूरा डाटा भी रखा जाता है कि ऐसे नंबर प्रदेश और देश भर में किस-किस को जारी किए गए हैं। CLIR नंबरों की खास बात यह होती है कि इन नंबरों से कॉल करने पर स्क्रीन पर नंबर की जगह वीआईपी नंबर या प्राइवेट नंबर शो करता है। साथ ही इन नंबरों पर इनकमिंग कॉल की सुविधा भी नहीं होती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पेशे से डेंटिस्ट डॉक्टर चल रही शुक्ला को यह वीआईपी नंबर कैसे जारी किया गया।


Conclusion:एसटीएफ की एक टीम गुवाहाटी के लिए रवाना हो गई है गुवाहाटी में जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि आखिरकार ए वी आई पी नंबर चंद्र शुक्ला को कैसे जारी किया गया साथ ही नंबर लेने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों और एजेंसियों से भी पूछताछ की जाएगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि कहीं किसी पद पर बैठे व्यक्ति की मदद से तो चंद्रेश शुक्ला को यह नंबर जारी नहीं किया गया है अगर ऐसा है तो संबंधित के खिलाफ भी एसटीएफ सख्त कार्रवाई करेगी।

वन-टू-वन- अशोक अवस्थी, एडीजी, एसटीएफ, मध्य प्रदेश।
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