भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मध्य प्रदेश में स्मार्ट सिटी मामले में हुई धांधलियों को लेकर अधिकारियों की फटकार (shivraj strict on the officials) लगाई. सीएम ने कहा कि प्रदेश के 7 शहरों में चल रहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हुई धांधली (mp smart city ghotala) की जांच कराई जाएगी. नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान इस मामले में नाराजगी जताते हुए टेंडर सहित अन्य कामों की जांच के आदेश जारी (cm said take action) करने को कहा है. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की 15 महीने की कमलनाथ सरकार के समय में स्मार्ट सिटी के जो भी ठेके हुए हैं उनकी जांच की जाएगी.
सभी 7 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का दौरा कर सकते हैं CM
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी तय किया कि इन (mp smart city project )प्रोजेक्ट्स के तहत उपलब्ध बजट के आधार पर कार्यों की प्राथमिकता तय की जाएगी. ताकि उपलब्ध धनराशि का जनकल्याण में अधिक से अधिक इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके. सीएम 10 दिसंबर को सागर पहुंचकर वहां स्मार्ट सिटी के कामों की प्रगति भी देखेंगे. इसके अलावा दिसंबर और जनवरी में अन्य स्मार्ट सिटी वाले स्थानों में जाने का भी कार्यक्रम बन रहा है.इस सभी स्थानों पर राज्य सरकार के विकास के विजन के आधार पर विकास सुनिश्चित किया जाएगा. सीएम ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि अब किसी भी हालत में स्मार्ट सिटी के काम में अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कोई भी किसी भी एजेंसी को कुछ भी काम स्वीकृत दे, ऐसा कतई नहीं होगा और किसी भी हालत में स्मार्ट सिटी के काम में अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
विवादों में रहा है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
समीक्षा बैठक से पहले भी स्मार्ट सिटी प्रबंधन पर जमीन नीलामी के दौरान करोड़ों रुपए की अनियमितता करने के आरोप लगे थे. जिसकी ईओडब्ल्यू में शिकायत भी की गई थी. इन आरोपों में -
- 2020-21 में टीटी नगर में 3 प्लॉट की नीलामी के लिए टेंडर में धांधली हुई. ईओडब्ल्यू की जांच के बीच ही सीईओ आदित्य सिंह का सरकार ने तबादला कर दिया.
- इसके बाद बिजली सब स्टेशन स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी लाइन सहित अन्य कार्यों के करोड़ों के टेंडर में धांधली के आरोप लगे. आरोपों में कहा गया है कि जिस टेक्निकल टेंडर के लिए 31 अगस्त तक का समय निर्धारित किया गया था उससे पहले ही भोपाल के ही गोविंदपुरा की एक कंपनी को टेंडर दे दिया गया. इनमें से कुछ मामले कांग्रेस सरकार के समय के बताए जा रहे हैं.
-खास बात ये है कुछ ऐसे टेंडर भी हैं जो शिवराज सरकार के दौरान ही फाइनल हुए हैं. इनमें भी घोटाले के आरोप लगे हैं. इन सभी मामलों की जांच भी नगरीय विकास विभाग करेगा.