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MP पुलिस ने 'वीआईपी' मोबाइल नंबर देने के बहाने करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़ - gang cheated three crores giving VIP number

मध्य प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को 'वीआईपी' मोबाइल नंबर देने के बहाने पैसे ऐंठ कर ठगी को अंजाम देते थे. पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह के सदस्यों ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लगभग 500 लोगों को ठगा है. पुलिस बाकी फरार सदस्यों को पकड़ने का प्रयास कर रही है.

Vicious thugs used to cheat on pretext of giving VIP number arrested
शातिर ठग गिरफ्तार वीआईपी नंबर देने के बहाने करते थे ठगी
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Published : Mar 18, 2022, 11:09 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस ने वीआईपी मोबाइल नंबर देने के बहाने लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लगभग 500 लोगों को ठगा और पिछले तीन वर्षों में लगभग 3 करोड़ रुपये कमाए. मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ और लोगों की तलाश जारी है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शुभम राय (28), अशोक त्रिपाठी (57) और दिलीप कुकरेजा (44) के रूप में हुई है.

पीड़ित ने पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई शिकायत

पुलिस ने उनके कब्जे से बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज, सात अंकों के कार्ड, चेक बुक, आधार कार्ड, आठ मोबाइल फोन और एक दोपहिया वाहन जब्त करने का दावा किया है. पुलिस ने कहा कि कथित जालसाजों ने 50 से अधिक बैंक खातों का इस्तेमाल किया. राज्य पुलिस फरवरी से इन जालसाजों की तलाश कर रही थी, जब जबलपुर निवासी हरजिंदर सिंह ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, कि उन्हें 2 फरवरी को एक टेक्स्ट संदेश प्राप्त हुआ था. जिसमें एक वीआईपी मोबाइल नंबर प्रदान करने की पेशकश की गई थी. इसके बाद हरविंदर को एक ऐसे व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को एक दूरसंचार कंपनी का एजेंट होने का दावा किया और उसे 41,300 रुपये के भुगतान पर एक वीआईपी सिम कार्ड प्रदान करने की पेशकश की. कॉलर ने भुगतान करने के लिए बैंक खाते का विवरण भी प्रदान किया.

तीनों ठगों ने कई राज्य के लोगों को बनाया शिकार

पुलिस के अनुसार, हरविंदर ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन वादे के मुताबिक उसे कोई सिम कार्ड नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि घोटाले में शामिल व्यक्ति अशोक तीथार्नी के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे. पुलिस ने पहले तीथार्नी को गिरफ्तार किया और पूछताछ के दौरान उसने बताया कि मामले में दिलीप कुकरेजा, शुभम राय और कुछ अन्य लोग शामिल हैं. पुलिस ने कहा कि राय को इससे पहले 2017 में उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरोह के तीन लोगों को कई राज्यों में 500 से अधिक लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. समूह के कुछ और सदस्य अभी भी फरार हैं, उन्हें भी जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.

इनपुट - आईएएनएस

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भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस ने वीआईपी मोबाइल नंबर देने के बहाने लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लगभग 500 लोगों को ठगा और पिछले तीन वर्षों में लगभग 3 करोड़ रुपये कमाए. मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुछ और लोगों की तलाश जारी है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शुभम राय (28), अशोक त्रिपाठी (57) और दिलीप कुकरेजा (44) के रूप में हुई है.

पीड़ित ने पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई शिकायत

पुलिस ने उनके कब्जे से बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज, सात अंकों के कार्ड, चेक बुक, आधार कार्ड, आठ मोबाइल फोन और एक दोपहिया वाहन जब्त करने का दावा किया है. पुलिस ने कहा कि कथित जालसाजों ने 50 से अधिक बैंक खातों का इस्तेमाल किया. राज्य पुलिस फरवरी से इन जालसाजों की तलाश कर रही थी, जब जबलपुर निवासी हरजिंदर सिंह ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, कि उन्हें 2 फरवरी को एक टेक्स्ट संदेश प्राप्त हुआ था. जिसमें एक वीआईपी मोबाइल नंबर प्रदान करने की पेशकश की गई थी. इसके बाद हरविंदर को एक ऐसे व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को एक दूरसंचार कंपनी का एजेंट होने का दावा किया और उसे 41,300 रुपये के भुगतान पर एक वीआईपी सिम कार्ड प्रदान करने की पेशकश की. कॉलर ने भुगतान करने के लिए बैंक खाते का विवरण भी प्रदान किया.

तीनों ठगों ने कई राज्य के लोगों को बनाया शिकार

पुलिस के अनुसार, हरविंदर ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन वादे के मुताबिक उसे कोई सिम कार्ड नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि घोटाले में शामिल व्यक्ति अशोक तीथार्नी के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए थे. पुलिस ने पहले तीथार्नी को गिरफ्तार किया और पूछताछ के दौरान उसने बताया कि मामले में दिलीप कुकरेजा, शुभम राय और कुछ अन्य लोग शामिल हैं. पुलिस ने कहा कि राय को इससे पहले 2017 में उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरोह के तीन लोगों को कई राज्यों में 500 से अधिक लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. समूह के कुछ और सदस्य अभी भी फरार हैं, उन्हें भी जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.

इनपुट - आईएएनएस

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