भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नए निर्देश जारी किए हैं. (MP Panchayat Election 2022)अब इसपर भाजपा सरकार और कांग्रेस एक दूसरे पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा रही है. वहीं ओबीसी सीटों को फिर से नोटिफाई करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका कांग्रेस नेताओं ने दाखिल की और पैरवी भी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ही की थी. यही वजह है कि भाजपा लगातार कांग्रेस पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा रही है और पार्टी को घेरने का काम कर रही है.
कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल ने भाजपा पर साधा निशाना
कांग्रेस विधायक और एमपी पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने भाजपा सरकार पर जमकर वार किया है. कमलेश्वर पटेल ने आरोप लगाते होते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट में मजबूत तथ्य नहीं रख पाई, इस कारण ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया. साथ ही यह भी कहा कि बीजेपी ने जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में ऐसी असंवैधानिक गलतियां की जिससे प्रदेश के ओबीसी वर्ग के हित प्रभावित हों. पूर्व मंत्री ने कहा कि वह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से इसको लेकर चर्चा करेंगे और कांग्रेस जल्दी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका को लेकर निर्णय लेगी.
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कमलेश्वर पटेल ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार को तत्काल इस को लेकर कानूनी पहलुओं पर विचार करके कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ओबीसी वर्ग के लोगों को पंचायत में उसका हक मिल सके. उन्होंने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने पक्षकारों ने रोटेशन प्रणाली पर सवाल उठाया था, जोकि ओबीसी आरक्षण से अलग विषय है. जब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला सुनाया तो यह मध्य प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह आरक्षण के समर्थन में उचित तर्क न्यायालय में पेश करती.