भोपाल। मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने (MP Panchayat Chunav 2022) स्वीकार कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट 11 दिसंबर शनिवार को इस मुद्दे पर सुनवाई निर्धारित था, लेकिन सुनवाई टल गई है, अब 13 दिसंबर को इस याचिका पर सुनवाई होगी. कांग्रेस नेताओं सैयद जाफर और जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल की थी. इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका स्वीकार (panchayat chunav congress petition supreme court) करने के बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि पंचायत चुनाव पर रोक लग सकती है.
पंचायत चुनाव पर कांग्रेस क्यों गई अदालत
शिवराज सरकार ने 2014 के आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव कराने का फैसला किया है. जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस की मांग है कि पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रणाली का पालन किया जाए. यही वजह है कि कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हालांकि हाईकोर्ट में सुनवाई चल ही रही थी कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. इसके बाद कांग्रेस ने पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रणाली अपनाने की मांग करते हुए पंचायत चुनाव पर रोक लगाने की मांग की. हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की कांग्रेस की याचिका
हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को राहत देते हुए याचिका स्वीकार कर ली है. सुप्रीम कोर्ट अब कल यानी कि शनिवार को मामले की सुनवाई करेगा. कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जाफर का कहना है कि हमारी (panchayat election 2022 supreme court)याचिका पर कल बहस होगी. इस याचिका में हमने मध्य प्रदेश सरकार के तुगलकी फरमान को चुनौती दी है. जिसमें बीजेपी की सरकार ने 2019 के परिसीमन और आरक्षण को समाप्त करते हुए 2014 के परिसीमन और आरक्षण को यथावत रखा है.