भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सोशल इंजीनियरिंग के तहत बुजुर्गों और महिलाओं के वोट बैंक को साधने के लिए दो साल पहले साल 2020 में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना शुरू की थी. कोरोना काल में ये योजना बंद हो गई थी, लेकिन अप्रैल 2022 में एक बार फिर इसे बड़े जोर-शोर के साथ शुरू किया गया. अब करीब 2 महीने बाद तीर्थ दर्शन पर फिर ब्रेक लग गया है.
अप्रैल में 4 ट्रेनों के चलने के बाद ठंडे बस्ते में योजना गई: सीएम शिवराज ने कहा था कि- "मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अब चालू रहेगी, लेकिन शुरुआती चार तीर्थ दर्शन कराने के बाद यात्रा आगे नहीं बढ़ पाई है. इन ट्रेनों पर ब्रेक इसलिए लग गया है कि फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है.
अभी क्या अड़चन ? : धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने भी विभाग से जानकारी मांगी है कि आखिर तीर्थ दर्शन की ट्रेन क्यों नहीं चल पा रही है. उन्होंने नाराजगी भी व्यक्त की है. सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि आईआरसीटीसी को ट्रेनों को चलाने की योजना के संबंध में विभाग की तरफ से जानकारी दी जाती है, जो कि अभी फिलहाल मुहैया नहीं कराई गई है और फिलहाल अभी प्रदेश में निकाय चुनाव की आचार संहिता भी चल रही है ऐसे में इन ट्रेनों को चलाने के लिए अनुमति भी लेनी होगी. अभी सरकार की बात करें तो सारा महकमा फिलहाल निकाय चुनाव पर फोकस किए हुए है. विभागीय मंत्री ने इस मामले पर फाइल भी चलाई है, लेकिन कोई न कोई अड़चन बताकर फिलहाल फाइल रुकी हुई है.
सरकार को रेलवे को देना होती है राशि, IRCTC करता है यात्रा का इंतजाम :
योजना के संचालन के लिए आईआरसीटीसी को एजेन्सी बनाया गया है. तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं का जिम्मा भी आईआरसीटीसी का ही होता है. तीर्थ यात्रियों की पंजीयन प्रक्रिया को पारदर्शी और ऑनलाइन करने के लिए मैप आईटी ने पोर्टल बनाया है, सुरक्षा के लिए रेलवे के सुरक्षा बल के साथ ही राज्य सरकार अपने सुरक्षाकर्मी भेजती है.
आईआरसीटीसी का 80 करोड़ का भुगतान बकाया: शिवराज सरकार ने करीब 80 करोड़ का भुगतान नहीं किया था जिसके बाद आईआरसीटीसी ने सरकार को रिमाइंडर भेजा था और ट्रेनों की फेरी बंद करने की चेतावनी दी थी और इसी के चलते 2018 में रेल विभाग विभाग ने ट्रेन भेजने से इनकार कर दिया था. इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले बुजुर्गों को एक बार तीर्थ स्थलों की यात्रा नि:शुल्क कराए जाने की सुविधा दी जाती है. इसे राजस्व, धार्मिक न्यास, धर्मस्व विभाग संचालित करता है.
शिवराज सरकार ने बजट में 2 हजार करोड़ धर्म के लिए दिया है : मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने 2022- 23 के बजट में फ्लैगशिप योजनाओं पर ज्यादा जोर दिया. सरकार ने करीब 2000 करोड़ रुपए धार्मिक योजनाओं पर खर्च करने को मंजूरी दी है, जिसमें बुजुर्गो को मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराने के लिए 1 हज़ार करोड़ का बजट रखा है.आगे सरकार कई धार्मिक स्थलों के लिए हवाई सेवा भी उपलब्ध कराएगी. 2019 में कमलनाथ सरकार में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए सिर्फ 6 करोड़ रुपये बजट में दिए थे, जबकि शिवराज सरकार के दौरान इसका बजट 200 करोड़ था. मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि 2018 तक बीजेपी सरकार ने 7 लाख 74 हज़ार बुजुर्गों को इस योजना के तहत तीर्थ यात्रा कराया है.
क्या कहते हैं वर्तमान और पूर्व मंत्री ?
धर्मस्व विभाग कि मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि- "हमने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिए 1000 करोड़ का बजट पास किया है. मैंने तीर्थ दर्शन ट्रेन की जानकारी मांगी है , जल्दी विभाग खाका तैयार कर लेगा कि तीर्थ यात्रियों को किन-किन जगहों पर ले जाना है. तीर्थ दर्शन ट्रेन बंद नहीं हुई है और यह चलती रहेगी...
ऊषा ठाकुर ,धर्मस्व मंत्री
वहीं, कांग्रेस का कहना है कि - "चुनावों के लिए बुजुर्गों का वोट बैंक हथियाने लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झूठे वादे करते हैं, सरकार कह रही है बजट की कमी नहीं है तो, मैं पूछता हूं कि आखिर अप्रैल में बड़ा इवेंट मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन के नाम पर किया और अब बुजुर्गों को शिवराज जी, बताएं कि वह योजना क्यों बंद हो गई है. "
पी. सी .शर्मा ,पूर्व मंत्री , धर्मस्व विभाग
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