भोपाल। सालगिरह पर पीएम मोदी का एमपी दौरा राजनीतिक हल्के में चर्चा का विषय बना हुआ है. कुछ लोग इसे सियासत से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ इसे मध्यप्रदेश के लिए सौगात मान रहे हैं. क्या पीएम मोदी इस दौरे के साथ 2023 के विधानसभा चुनाव का आगाज कर देंगे. एमपी को मिलने जा रही नामीबिया से आए चीतों की सौगात के साथ स्वसहायता समूह से जुड़ी 57 हजार महिलाओं से पीएम मोदी का संवाद का असल संदेश क्या होगा. स्वसहायता समूह वो यूनिट हैं जो सरकारी योजनाओं को जमीन तक पहुंचाने की मजबूत कड़ी कही जाती हैं. ग्रामीण वोटर तक पहुंच बनाने का सबसे मजबूत सेतु भी इसे कहा जा सकता है. खास ये भी है पीएम से रुबरू होने के लिए जिन तीन महिलाओं का चयन किया गया है वो आदिवासी हैं. बड़ा सवाल यही है कि चीतों की सौगात देने आ रहे पीएम मोदी क्या 2023 की जमीन तैयार करके जाएंगे. (PM Modi visit to tribal area Kuno)
भाजपा का फोकस आदिवादी वोटरों परः आदिवासी गौरव दिवस से लेकर आदिवासी नायकों को सम्मान दिलाने की नए सिरे से की जा रही कवायद. मोदी के दौरे की तस्वीर साफ बता रही है कि 2023 के विधानसभा चुनाव व 2024 के आम चुनाव में बीजेपी का फोकस आदिवासी वोटर पर है. मध्यप्रदेश की विधानसभा में 47 आदिवासी सीटें हैं. लंबे वक्त तक जो कांग्रेस को जीत का सेहरा बांधती रही हैं. बीजेपी की तैयारी कांग्रेस के इस स्थाई वोट बैंक की तासीर बदल देने की है. यही वजह है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक सत्ता में सीधी भागीदारी से लेकर सम्मान और समाधान तक आदिवासी बीजेपी की प्राथमिकता में शामिल हो चुके हैं. श्योपुर भी आदिवासी इलाका है और यहां पीएम मोदी जब स्वसहायता समूहो की महिलाओं से संवाद करेंगे. जिन तीन महिलाओं को मोदी से मुलाकात के लिए चुना गया है उनमें जिला पंचायत की अध्यक्ष गुड्डी बाई आदिवासी, सुनीता आदिवासी और कली आदिवासी भी उसी समाज से आती हैं. (Modi kuno special purpose know BJP political plan)
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सेल्फ हेल्प ग्रुप कैसे बनेंगे सेतुः स्वसहायता समूह शहरी से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में सरकार और समाज के बीच की सबसे मजबूत कड़ी माने जाते हैं. इन समूहों के जरिए सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार होता है. इनकी महिलाओं की समाज में सीधी पैठ होती है. ग्रामीण भारत की नब्ज़ हैं ये सेल्फ हेल्प ग्रुप. पीएम मोदी इस तरह के संवाद पहले भी कर चुके हैं. इस बार सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओ से संवाद का सियासी मकसद भी दिखाई दे रहा है. जिन्हें प्रमुखता में रखा गया वे महिलाएं आदिवासी वर्ग से आती हैं. इसके अलावा चंबल का इलाका. मध्यप्रदेश वो राज्य है लाड़ली लक्ष्मी से लेकर कन्यादान तक महिला वोटर पर सरकार का खास फोकस है. और 2008 के विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बात की तस्दीक भी करते हैं कि ये वोटर बीजेपी का मजबूत वोटर है. अब पीएम मोदी के संबोधन के जरिए बीजेपी इन वोटर के बीच पार्टी की जमीन और पक्की करेगी. (Mp kuno cheetah project Bjp target tribal voter)
पीएम के हर कार्यक्रम का है राजनीतिक संदेशः राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं ये तय मानिए कि अब एमपी में पीएम के जो भी कार्यक्रम होंगे. उनका तय राजनीतिक मैसेज होगा. सेल्फहेल्प ग्रुप से बातचीत में अगर वे तीन आदिवासी समाज से आने वाली महिलाओं से बात कर रहे हैं. तो ये भी एक संदेश है. बीजेपी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में आदवासी सीटों पर ही चोट खाई थी. इस बार बीजेपी का आदिवासी वोटर पर खास फोकस है. दूसरी खास बात ये है कि पीएम मोदी से लेकर सीएम शिवराज तक अपनी सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में भी माहिर हैं. फिर मजबूत संगठन है बीजेपी का. कूनो का ये कार्यक्रम भी एमपी के 2023 के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बहुत अहम साबित होगा. (Modi kuno special purpose know BJP political plan)