भोपाल/ग्वालियर। भोपाल में जन्मी एक किशोरी को पिता की मौत के बाद मां उसे लेकर अपने मायके पश्चिम बंगाल चली गई. (mp human trafficking racket) फिर वापस भोपाल लौटी किशोरी ने अपना दुख बयां करते हुए पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई. किशोरी ने बताया कि, भोपाल में रहने के दौरान मोहल्ले में पड़ोसी से उसकी दोस्ती थी. पश्चिम बंगाल में उसकी मां शादी के लिए लड़का देख रही थी इस कारण से वह वापस भोपाल लौट आई. हालांकि, यहां पहुंचने की जानकारी उसने अपने दोस्त को भी नहीं दी थी. सालों बाद भोपाल आने के कारण वह रास्ता भटक गई थी. इस बीच पुलिस गश्त की नजर उस पर पड़ी और उसे रेस्क्यू किया गया. (bengali girl caught in bhopal) काउंसलिंग के बाद किशोरी को मां के पास सुपर्द कर दिया गया. (bhopal prostitution gang)
सोशल मीडिया से बढ़ी नजदीकियां: किशोरी ने पुलिस को बताया कि, लड़का उम्र में उससे दो साल बड़ा था. बंगाल जाने के बाद भी दोनों फोन के माध्यम से संपर्क में थे. समय के साथ सोशल मीडिया ने दोनों के बीच की नजदीकियों को बढ़ा दिया. दोनों ने जीवन भर साथ रहने का मन बना लिया था. ऐसे में जब मां ने वहां किशोरी के लिए लड़का देखा तो वह डर गई और वापस भोपाल लौट आई. (mp human trafficking racket)
पुलिस की पड़ताल में कई खुलासे: ग्वालियर जिले का बदनापुरा गांव जो अभी लड़कियों की खरीद-फरोख्त के लिए पूरे देश भर में सुर्खियों में है. इसी को लेकर पुलिस लगातार गांव में जाकर हर पहलू पर सर्चिंग और पड़ताल करने में जुटी हुई है. पुलिस की पड़ताल में कई ऐसे चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जिनमें पुलिस को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि, अगर इस पूरे देह व्यापार के मामले को जड़ से खत्म नहीं किया तो यह नासूर बन सकता है.
ज्यादातर लड़कियां गायब: गांव में पुलिस लगातार लड़कियों की सर्चिंग कर रही है. इसके साथ ही फर्जी दस्तावेज से नाबालिग लड़कियों को बालिग बनाने के धंधे की कड़ियां पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई हैं. बिहार का बस्ती फिर पुलिस की नजर में आई है. यहां से ज्यादातर लड़कियां गायब हो गई हैं. बस्ती में बिहार और पश्चिम बंगाल की नाबलिग और गरीब परिवार की कई लड़कियां हैं, लेकिन उनका खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि, बस्ती का नियम है मुखबिरी करने वाला इस धंधे में पकड़े जाने वाले के परिवार और कानूनी कार्रवाई का खर्चा उठाएगा.
लड़कियों का कनेक्शन पश्चिम बंगाल और बिहार से: बता दें कि ग्वालियर के बदनापुरा बस्ती से पश्चिमी बंगाल की लड़की बरामद हुई है. एक लड़की ने खुलासा किया कि, 14 साल की उम्र में उसे बस्ती में लाया गया था. इच्छापुर प. बंगाल की मौसी सुशीला उसे यहां लाई थी. (prostitution gang bengal bihar mp connection) पहली बार उसने ग्वालियर और बदनापुरा देखा था. फिर बस्ती से बाहर नहीं निकल पाई. यहां लाकर उसका नाम और जिंदगी बदल दी गई. उसका जन्मप्रमाण पत्र बैरखपुर प. बंगाल से बना है. इसमें उसका असली नाम लिखा है. पुलिस का कहना है कि, बच्चियों को छोटी उम्र में तस्कर खरीदारों के ठिकाने पर पहुंचाते हैं. इसलिए लड़कियां उन्हें ही परिवार मानती हैं. इसका फायदा उनके खरीदार उठाते हैं. अब जिन लड़कियों का कनेक्शन पश्चिम बंगाल और बिहार से जुड़ा है, वहां भी पुलिस जाएगी.
लड़कियों की खरीद फरोख्त: पुलिस का कहना है कि गरीब परिवारों की लड़कियों को तस्करी से बस्ती में और फिर देह कारोबार के लिए नागपुर और मुंबई के रेड लाइट एरिया में पहुंचाने का धंधा सामने आ चुका है. जिस्म फरोशी में पकड़े गए आरोपियों ने खुलासे भी किए हैं. लड़कियों की खरीद फरोख्त करने वालों ने तस्करी का तरीका बदला है. दलाल ऐसे परिवारों पर नजर रखते हैं जिनकी हालत खराब और कई मासूम बेटियां हैं. देह कारोबारियों के दलाल गरीब माता पिता को झांसा देते हैं. उनकी बेटियों को निसंतान अमीर दंपत्ति गोद लेने को राजी है. उनकी बेटियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा. इस आड़ में मासूम लड़कियों से परिवार से लाकर बस्ती में देह कारोबारियों के ठिकाने पर पहुंचाते हैं.
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