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सरकार ने बिजली कंपनियों की सब्सिडी के 25 हजार करोड़ रोके, कई जिलों में 8 से 10 घंटे तक बिजली कटौती

मध्य प्रदेश में बिजली का संकट छा सकता है. अभी तहसीलों और जिलों में बिजली की आपूर्ति में कमी देखी जा रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि सरकार ने पावर मैनेजमेंट कंपनी की सब्सिडी के 25 हजार करोड़ रुपए रोक लिए हैं.

बिजली कटौती
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Published : Aug 29, 2021, 8:37 PM IST

भोपाल। राजधानी के खास इलाकों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के ज्यादातर जिलों-कस्बों पर अंधेरा छा सकता है. दरअसल पिछले 3 दिनों से खामोशी से बिजली कटौती जारी है. वजह यह है कि सरकार ने पावर मैनेजमेंट कंपनी की सब्सिडी के 25 हजार करोड़ रुपए रोक लिए हैं. जिसके चलते कोयला कंपनियों को बिजली कंपनियां भुगतान नहीं कर पा रही हैं. थर्मल पावर प्लांट को कंपनियों ने कोयला देने से इनकार कर दिया है.

प्रदेश के कई पॉवर प्लांट में कोयले की कमी

कोयले की कमी के चलते सिंगाजी और शहडोल के बिरसिंहपुर जैसे कोयला आधारित बिजली प्लांटों में उत्पादन घटकर आधे से भी कम हो गया है. बिजली का उत्पादन कम होने के बाद शुक्रवार शाम 7.00 बजे से बिजली कंपनियों ने कटौती शुरू कर दी है.

कई इलाकों की बिजली गुल, ग्रामीण क्षेत्रों में बुरा हाल

जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के जिला और तहसील मुख्यालयों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग समय में 24 घंटे के भीतर 8 से 10 घंटे तक कटौती की जा रही है. आगे और हालात बिगड़ सकते हैं क्योंकि कई क्षेत्रों में बारिश की कमी और बांधों के खाली रहने से प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाएं चालू नहीं हो पाएंगी.

पावर मैनेजमेंट कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि नेशनल ग्रिड में बिजली पड़ी है, लेकिन खरीदने और भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है. जो अधिकारी खरीदी के ऑर्डर देंगे उनपर भुगतान की गाज गिर सकती है. इसके चलते ग्रिड से भी बिजली नहीं खरीद पा रहे हैं. बीते 15 सालों में बिजली कंपनियों ने जिन निजी प्लांटों से अनुबंध किया था, वे बिजली महंगी बेच रहे हैं और कई बंद भी हो गए हैं.

BJP विधायक सरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन

MP में गहराया बिजली संकट! बिजली ताप संयंत्र में कोल कंपनी ने रोकी सप्लाई, तीन बड़े प्लांट बंद होने की कगार पर

BJP विधायक सरकार के खिलाफ करेंगे आंदोलन

पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है. जिसे लेकर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया. 4 सितंबर को नारायण त्रिपाठी सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं.

बिजली की मांग 11 हजार मेगावाट, मिल रही 8 हजार मेगावाट

प्रदेश में बिजली व्यवस्था ठप होने की कगार पर है. करीब 11000 मेगावाट बिजली की जरूरत है. 3 दिन से 8000 मेगावाट बिजली ही मिल रही है. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल ग्रामीण समेत मध्य क्षेत्र के विदिशा, राजगढ़, सीहोर, होशंगाबाद, बैतूल, रायसेन समेत तमाम जिलों में शुक्रवार शाम से बिजली की अघोषित कटौती जारी है.

मध्य क्षेत्र में जिलों को चार समूह में बांटा गया है. प्रत्येक समूह में शामिल जिलों में अलग-अलग समय में बिजली काटी जा रही है. हालांकि इसे लेकर कोई भी अधिकारी बोल तो नहीं रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि शासन से सब्सिडी की राशि नहीं मिली है. सिंगाजी पावर प्लांट में 600 मेगावाट, सारणी में 210 मेगावाट और बिरसिंहपुर पावर प्लांट में उत्पादन कम हुआ है.

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ऊर्जा विभाग और मंत्री को थी जानकारी

सूत्रों का कहना है कि लोड शैडिंग की जानकारी 4 दिन पहले से ऊर्जा विभाग और मंत्री को पता थी. शुक्रवार शाम 5.00 बजे इसकी जानकारी जिला कलेक्टरों और मुख्य जनप्रतिनिधियों को भी दे दी गई थी. वहीं मामले में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से जानकारी ली गई तो उनका कहना है सब ठीक चल रहा है, बिजली की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है, जहां कोई दिक्कत होगी उसे दिखवाएंगे.

बिजली कंपनी के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

बताया जा रहा है कि पिछले और इस साल की सब्सिडी राशि लंबित है. उधर, बिजली महकमे के यूनाइटेड फोरम के प्रमुख वीकेएस परिहार ने भी सब्सिडी की राशि तत्काल जारी करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है. बिजली कर्मियों की शनिवार, रविवार और जन्माष्टमी की छुट्टी रद्द कर दी गई है. सभी को कहा गया है कि घर-घर जाकर बकाया बिजली बिल वसूलने की कोशिश करें.

भोपाल। राजधानी के खास इलाकों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के ज्यादातर जिलों-कस्बों पर अंधेरा छा सकता है. दरअसल पिछले 3 दिनों से खामोशी से बिजली कटौती जारी है. वजह यह है कि सरकार ने पावर मैनेजमेंट कंपनी की सब्सिडी के 25 हजार करोड़ रुपए रोक लिए हैं. जिसके चलते कोयला कंपनियों को बिजली कंपनियां भुगतान नहीं कर पा रही हैं. थर्मल पावर प्लांट को कंपनियों ने कोयला देने से इनकार कर दिया है.

प्रदेश के कई पॉवर प्लांट में कोयले की कमी

कोयले की कमी के चलते सिंगाजी और शहडोल के बिरसिंहपुर जैसे कोयला आधारित बिजली प्लांटों में उत्पादन घटकर आधे से भी कम हो गया है. बिजली का उत्पादन कम होने के बाद शुक्रवार शाम 7.00 बजे से बिजली कंपनियों ने कटौती शुरू कर दी है.

कई इलाकों की बिजली गुल, ग्रामीण क्षेत्रों में बुरा हाल

जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के जिला और तहसील मुख्यालयों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग समय में 24 घंटे के भीतर 8 से 10 घंटे तक कटौती की जा रही है. आगे और हालात बिगड़ सकते हैं क्योंकि कई क्षेत्रों में बारिश की कमी और बांधों के खाली रहने से प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाएं चालू नहीं हो पाएंगी.

पावर मैनेजमेंट कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि नेशनल ग्रिड में बिजली पड़ी है, लेकिन खरीदने और भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है. जो अधिकारी खरीदी के ऑर्डर देंगे उनपर भुगतान की गाज गिर सकती है. इसके चलते ग्रिड से भी बिजली नहीं खरीद पा रहे हैं. बीते 15 सालों में बिजली कंपनियों ने जिन निजी प्लांटों से अनुबंध किया था, वे बिजली महंगी बेच रहे हैं और कई बंद भी हो गए हैं.

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पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है. जिसे लेकर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया. 4 सितंबर को नारायण त्रिपाठी सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं.

बिजली की मांग 11 हजार मेगावाट, मिल रही 8 हजार मेगावाट

प्रदेश में बिजली व्यवस्था ठप होने की कगार पर है. करीब 11000 मेगावाट बिजली की जरूरत है. 3 दिन से 8000 मेगावाट बिजली ही मिल रही है. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल ग्रामीण समेत मध्य क्षेत्र के विदिशा, राजगढ़, सीहोर, होशंगाबाद, बैतूल, रायसेन समेत तमाम जिलों में शुक्रवार शाम से बिजली की अघोषित कटौती जारी है.

मध्य क्षेत्र में जिलों को चार समूह में बांटा गया है. प्रत्येक समूह में शामिल जिलों में अलग-अलग समय में बिजली काटी जा रही है. हालांकि इसे लेकर कोई भी अधिकारी बोल तो नहीं रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि शासन से सब्सिडी की राशि नहीं मिली है. सिंगाजी पावर प्लांट में 600 मेगावाट, सारणी में 210 मेगावाट और बिरसिंहपुर पावर प्लांट में उत्पादन कम हुआ है.

प्रमोशन से नहीं भरे जाएंगे DSP के 138 खाली पद, MPPSC ने प्रस्ताव पर जताई असहमति, भर्ती प्रक्रिया के तहत ही होगा चयन

ऊर्जा विभाग और मंत्री को थी जानकारी

सूत्रों का कहना है कि लोड शैडिंग की जानकारी 4 दिन पहले से ऊर्जा विभाग और मंत्री को पता थी. शुक्रवार शाम 5.00 बजे इसकी जानकारी जिला कलेक्टरों और मुख्य जनप्रतिनिधियों को भी दे दी गई थी. वहीं मामले में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से जानकारी ली गई तो उनका कहना है सब ठीक चल रहा है, बिजली की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है, जहां कोई दिक्कत होगी उसे दिखवाएंगे.

बिजली कंपनी के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

बताया जा रहा है कि पिछले और इस साल की सब्सिडी राशि लंबित है. उधर, बिजली महकमे के यूनाइटेड फोरम के प्रमुख वीकेएस परिहार ने भी सब्सिडी की राशि तत्काल जारी करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है. बिजली कर्मियों की शनिवार, रविवार और जन्माष्टमी की छुट्टी रद्द कर दी गई है. सभी को कहा गया है कि घर-घर जाकर बकाया बिजली बिल वसूलने की कोशिश करें.

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