भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार अगस्त 2019 में नरसिंहपुर जिले में दो गैंगस्टर के एनकाउंटर की सीबीआई जांच की सिफारिश कर सकती है. पुलिस द्वारा मारे गए लोग कांग्रेस के दो नेताओं की हत्या के सिलसिले में फरार थे. एक आईपीएस अधिकारी सहित पुलिसकर्मियों पर मृतक के परिवार द्वारा 'एनकाउंटर' की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. जिसमें उनकी मौत की परिस्थितियों की जांच की मांग की गई है.
परिजन ने लगाए 'एनकाउंटर किलिंग' के आरोप
गैंगस्टर विजय यादव और समीर खान को नरसिंहपुर और जबलपुर की एक संयुक्त पुलिस टीम ने मुठभेड़ के दौरान गोली मारी थी. उन्हें जबलपुर में कांग्रेस नेता राजू मिश्रा और कक्कू पंजाबी की हत्याओं के प्रमुख साजिशकर्ता बताया गया था.
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने विरोधियों के साथ साजिश कर विजय यादव की निर्मम हत्या कर दी. उन्होंने भारत के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, मुख्य न्यायाधीश और सीबीआई से 'एनकाउंटर किलिंग' की शिकायत की. उन्होंने इस मामले में धर्म परिवर्तन का एंगल भी बताया.
क्या है पूरा मामला ?
मुठभेड़ नरसिंहपुर जिले के सुआताला थाना अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर हुई थी. पुलिस ने बताया कि गोलीबारी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी, सुआकला थाना प्रभारी प्रभात शुक्ला और एक कांस्टेबल समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. तीन घायल पुलिसकर्मियों को नरसिंहपुर जिला अस्पताल ले जाया गया. विजय यादव और समीर खान के शवों को भी पोस्टमॉर्टम के लिए नरसिंहपुर जिला अस्पताल भेज दिया गया था.
विजय यादव और समीर खान ने कथित तौर पर 2017 में जबलपुर में राजू मिश्रा और कक्कू पंजाबी की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया था. पुलिस ने कहा कि वह समीर खान के साथ नरसिंहपुर और जबलपुर में रंगदारी के कई मामलों में वांछित था. एक अधिकारी ने कहा कि मामले की सीबीआई जांच सीआईडी में विचाराधीन है.