भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार आदिवासियों को फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतारेगी, जिसके लिए फिल्म नीति बनाने का फैसला लिया गया है. दरअसल मध्यप्रदेश में 22 तारीख से लेकर 26 अगस्त तक फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होना है. भोपाल में फिल्मकारों को मध्यप्रदेश की संस्कृति प्रदेश की जैव विविधता, वैज्ञानिक, विरासत, वास्तुकला से परिचित कराया जाएगा और उन्हें मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माण के लिए आमंत्रित भी किया जाएगा.
एमपी में 2 करोड़ से ज्यादा आदिवासी आबादी: मध्यप्रदेश में 2023 के चुनाव को देखते हुए बीजेपी सरकार आदिवासियों पर खासा फोकस कर रही है. पहले शिवराज सरकार ने उनके लिए घर-घर राशन व्यवस्था के तहत युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए उन्हें वाहन फाइनेंस कराएं और साथ ही उनके रोजगार को लेकर अलग-अलग योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. लेकिन अब आदिवासी फिल्म निर्माण भी कर सकेंगे, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार उनकी सहायता करेगी.
आदिवासी बच्चों के लिये कार्टून फिल्म: मध्य प्रदेश सरकार आदिवासी बच्चों के लिए कार्टून फिल्म का निर्माण भी कराएगी और उसके लिए आदिवासी युवाओं को फिल्म ट्रेनिंग के लिए वातावरण उपलब्ध कराकर, उनके द्वारा कार्टून फिल्म बनाने का फैसला भी शिवराज सरकार ने लिया है. भोपाल में चलने वाले विज्ञान फेस्टिवल में मध्य प्रदेश यह बताने की कोशिश करेगा कि, देश के सभी धर्मों के पीछे विज्ञान हैं. इस फेस्टिवल में 71 से ज्यादा फिल्में दिखाई जाएंगी और 4 कैटेगरी में जूरी अवॉर्ड के लिए फिल्मों का चयन होगा.
एमपी फिल्म पर्यटन नीति 2020: फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय फिल्म टीवी सीरियल, वेब सीरीज के लिए ₹10 करोड़ का अनुदान देने का सरकार ने प्रावधान किया. वहीं राष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए 25% या ₹2करोड़, टीवी सीरियल वेब सीरीज के लिए 25% या ₹1 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है. मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने बताया कि, विज्ञान फिल्म महोत्सव का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, ऊर्जा पर्यावरण को लोकप्रिय बनाने वाली फिल्मों के जरिए वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना है. एमपी फिल्म निर्माताओं के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने वालाम्् देश का पहला और अकेला मंच होगा.