भोपाल। पिछले दो साल के दौरान कोरोना महामारी के चलते बिगड़ी प्रदेश की आर्थिक (mp economy survey 2021-22) हालत अब...पटरी पर लौट रही है. यही वजह है कि बजट के पहले जारी हुई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रदेश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में 10.12 फीसदी की बढोत्तरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020-21 में प्रदेश की जीडीपी 5 लाख 64 हजार 514 करोड़ थी, जिसके 6 लाख 21 हजार 653 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है.
प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या भी बढ़ी
प्रदेश की जीडीपी बढ़ने का अनुमान अच्छी बात है, लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है. साल 2021 में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 30.28 लाख हो गई है, जो पिछले साल 24.72 लाख थी. जिसमें शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 23.08 लाख हो गई है.
-आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में साल 2020 के अंत में रोजगार कार्यालयों में 24.72 लाख लाइव रजिस्ट्रेशन थे.
- ये साल 2021 के अंत में बढ़कर 30.23 लाख हो गए हैं.
- शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 2021 में 23.08 लाख है, वहीं साल 2020 के आखिर में कुल बेरोजगारों में शिक्षित बेरोजगारों का प्रतिशत 93.37 फीसदी था. यह साल 2021 के अंत में बढ़कर 95.07 फीसदी हो गया है.
- रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने वाले शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में करीब 1.07 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है.
प्रदेश के लोगों की आय भी बढ़ी
ताजा आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में 18 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. यह बढ़ोत्तरी 2020-21 की तुलना में ज्यादा हैय
-साल 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 24 हजार रुपए हो गई है, जबकि साल 2020-21 में यह 1 लाख 4 हजार 894 रुपए थी.
- विभिन्न स्रोतों से प्रदेश सरकार की आय के लगभग 1 लाख 64 हजार करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है. यह पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा है.
- सरकार को खनन से मिलने वाले राजस्व में 36 फीसदी से ज्यादा की बढोत्तरी दर्ज की गई है. इसी तरह स्टाम्प व पंजीयन में 11 फीसदी और एक्साइज ड्यूटी में 30.20 फीसदी की बढोत्तरी दर्ज की गई है.
2 लाख करोड़ से ज्यादा रह सकता है कर्ज
-मार्च 2021 की स्थिति में मध्यप्रदेश पर कर्ज बढ़कर 2 लाख 9 हजार 19 करोड़ से ज्यादा रहने का अनुमान है.
-एक साल पहले यानी 31 मार्च 2020 की स्थिति में प्रदेश सरकार पर 1 लाख 56 हजार 732 रुपए का कर्ज था.