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MP: स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल आयोग सख्त, सभी जिलों के स्कूलों के लिए जारी की गाइडलाइन

भोपाल के एक निजी स्कूल के बस में मासूम के साथ हुए दुष्कर्म के बाद अब मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग स्कूलों को लेकर सख्ती में है. आयोग ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सभी जिलों के स्कूलों के लिए गाइडलाइन/SOP जारी किया है, साथ ही 15 दिवस में आयोग को अवगत कराने की बात कही है.

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Published : Sep 22, 2022, 9:05 AM IST

भोपाल। एमपी में स्कूली बच्चों के साथ आए दिन हो रही घटनाओं को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान में मध्य प्रदेश के सभी जिलों के लिए आदेश जारी किया, जिसमें उपरोक्त गाइडलाइन/ SOP का पालन सुनिश्चित कर आयोग को 15 दिवस में अवगत करने लिए कहा गया है.

स्कूलों को लेकर आयोग सख्त: मध्य प्रदेश बाल आयोग के संज्ञान में आया है कि लगातार निजी स्कूलों में बच्चों के साथ गंभीर घटनायें घटित हो रही हैं, जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया है. इसे लेकर बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण एवं आवश्यक सुझाव (SOP) को आयोग द्वारा जारी किया गया है जो निम्नानुसार है-

mp child rights protection commission strict regarding schools
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल आयोग सख्त

1. स्कूल में प्री-प्राईमरी से लेकर प्रायमरी तक प्रार्थना के बाद एवं छुट्टी के पहले 10 मिनिट बच्चों को गुड टच एवं बेड़ टच (सेफ, अनसेफ टच) के संबंध में शिक्षित करना होगा, यह सुनिश्चित किया जाए.
2. निजी विद्यालय अपने स्तर पर एक बाल सहायता एवं सुझाव समिति का शीघ्र गठन करें जिसमें प्रायमरी, मिडिल एवं हायर सेकण्डरी में प्रत्येक से एक-एक अभिभावक कुल 03 अभिभावक प्रतिनिधि (पालक) दो महिला एवं एक पुरुष साथ ही प्रत्येक से एक विद्यार्थी जिसमें दो छात्रा एवं एक छात्र शामिल होंगे. शासन स्तर से क्षेत्रीय बीआरसी शिक्षा विभाग, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, पुलिस विभाग, सीडीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग भी सम्मिलित होंगे. इस समिति को प्रत्येक माह विद्यालय स्तर पर बैठक करना आवश्यक होगा.
3. बैठक की रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी एवं राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग को प्रत्येक माह भेजना होगा.
4. समिति का समन्वय एवं बैठक रिपोर्ट क्षेत्रीय बीआरसी शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा.
5. स्कूल आवागमन के साधनों में महिला चालक को प्राथमिकता दिया जाना सुनिश्चित हो.
6. स्कूल आवागमन के साधनों पर महत्वपूर्ण हेल्पलाईन नम्बर/ऐप जैसे कि: 1098, 100, BAL BOL-MPCPCR ऐप को स्परष्ट शब्दों में अंकित करना होगा.
7. स्कूल में लगी शिकायत / सुझाव पेटी को मेन गेट के एन्ड्रेस के आस-पास लगाना होगा एवं बच्चों को उसके बारे में बताना सुनिश्चित करना होगा.

schools guideline issued for safety of students
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल आयोग सख्त

8. स्कूल आवागमन की व्यवस्था को लेकर स्कूल प्रबंधक द्वारा मा. उच्च न्यायालय की गाईड लाईन के अनुसार स्कूल समस्त परिसर एवं आवागमन के सभी साधनों में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रैकर जो कि अपडेट हो एवं चालू अवस्था में होना सुनिश्चित किया जाए.
9. सीसीटीवी कैमरे के डीबीआर का डाटा कम से कम 30 दिनों तक रखना सुनिश्चित करना होगा.
10. स्कूल आवागमन के साधनों में महिला अटेंडर और संभव हो सके तो महिला शिक्षक भेजना सुनिश्चित करना होगा.
11. स्कूल प्रबंधन से जुड़े सभी कर्मचारियों एवं स्कूल आवागमन के साधनों के वाहनों का स्टॉफ जैसे ड्रायवर, कंडक्टर, अटेण्डर इत्यादि का पुलिस वेरीफिकेशन कराना एवं उनका रिकॉर्ड का संधारण करना तथा प्रत्येक वर्ष उनके दस्तावेजों का पुनः प्रमाणीकरण कराना सुनिश्चित किया जाए.
12. प्री-प्रायमरी में प्राथमिकता के साथ 75% महिला स्टॉफ (शैक्षणिक एवं प्रबंधन) ही रखना सुनिश्चित करें.
13. समय-समय पर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा एवं बाल आयोग द्वारा जारी निर्देशों का आवश्यक रूप से पालन किया जाना सुनिश्चित हो.

भोपाल। एमपी में स्कूली बच्चों के साथ आए दिन हो रही घटनाओं को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान में मध्य प्रदेश के सभी जिलों के लिए आदेश जारी किया, जिसमें उपरोक्त गाइडलाइन/ SOP का पालन सुनिश्चित कर आयोग को 15 दिवस में अवगत करने लिए कहा गया है.

स्कूलों को लेकर आयोग सख्त: मध्य प्रदेश बाल आयोग के संज्ञान में आया है कि लगातार निजी स्कूलों में बच्चों के साथ गंभीर घटनायें घटित हो रही हैं, जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया है. इसे लेकर बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण एवं आवश्यक सुझाव (SOP) को आयोग द्वारा जारी किया गया है जो निम्नानुसार है-

mp child rights protection commission strict regarding schools
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल आयोग सख्त

1. स्कूल में प्री-प्राईमरी से लेकर प्रायमरी तक प्रार्थना के बाद एवं छुट्टी के पहले 10 मिनिट बच्चों को गुड टच एवं बेड़ टच (सेफ, अनसेफ टच) के संबंध में शिक्षित करना होगा, यह सुनिश्चित किया जाए.
2. निजी विद्यालय अपने स्तर पर एक बाल सहायता एवं सुझाव समिति का शीघ्र गठन करें जिसमें प्रायमरी, मिडिल एवं हायर सेकण्डरी में प्रत्येक से एक-एक अभिभावक कुल 03 अभिभावक प्रतिनिधि (पालक) दो महिला एवं एक पुरुष साथ ही प्रत्येक से एक विद्यार्थी जिसमें दो छात्रा एवं एक छात्र शामिल होंगे. शासन स्तर से क्षेत्रीय बीआरसी शिक्षा विभाग, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, पुलिस विभाग, सीडीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग भी सम्मिलित होंगे. इस समिति को प्रत्येक माह विद्यालय स्तर पर बैठक करना आवश्यक होगा.
3. बैठक की रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी एवं राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग को प्रत्येक माह भेजना होगा.
4. समिति का समन्वय एवं बैठक रिपोर्ट क्षेत्रीय बीआरसी शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा.
5. स्कूल आवागमन के साधनों में महिला चालक को प्राथमिकता दिया जाना सुनिश्चित हो.
6. स्कूल आवागमन के साधनों पर महत्वपूर्ण हेल्पलाईन नम्बर/ऐप जैसे कि: 1098, 100, BAL BOL-MPCPCR ऐप को स्परष्ट शब्दों में अंकित करना होगा.
7. स्कूल में लगी शिकायत / सुझाव पेटी को मेन गेट के एन्ड्रेस के आस-पास लगाना होगा एवं बच्चों को उसके बारे में बताना सुनिश्चित करना होगा.

schools guideline issued for safety of students
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल आयोग सख्त

8. स्कूल आवागमन की व्यवस्था को लेकर स्कूल प्रबंधक द्वारा मा. उच्च न्यायालय की गाईड लाईन के अनुसार स्कूल समस्त परिसर एवं आवागमन के सभी साधनों में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस ट्रैकर जो कि अपडेट हो एवं चालू अवस्था में होना सुनिश्चित किया जाए.
9. सीसीटीवी कैमरे के डीबीआर का डाटा कम से कम 30 दिनों तक रखना सुनिश्चित करना होगा.
10. स्कूल आवागमन के साधनों में महिला अटेंडर और संभव हो सके तो महिला शिक्षक भेजना सुनिश्चित करना होगा.
11. स्कूल प्रबंधन से जुड़े सभी कर्मचारियों एवं स्कूल आवागमन के साधनों के वाहनों का स्टॉफ जैसे ड्रायवर, कंडक्टर, अटेण्डर इत्यादि का पुलिस वेरीफिकेशन कराना एवं उनका रिकॉर्ड का संधारण करना तथा प्रत्येक वर्ष उनके दस्तावेजों का पुनः प्रमाणीकरण कराना सुनिश्चित किया जाए.
12. प्री-प्रायमरी में प्राथमिकता के साथ 75% महिला स्टॉफ (शैक्षणिक एवं प्रबंधन) ही रखना सुनिश्चित करें.
13. समय-समय पर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा एवं बाल आयोग द्वारा जारी निर्देशों का आवश्यक रूप से पालन किया जाना सुनिश्चित हो.

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