भोपाल। मध्य प्रदेश वित्त वर्ष 2022-23 का विधानसभा में बजट पेश हो गया है, लेकिन अप्रैल माह तक सरकारी खर्च के लिए विधानसभा के बजट सत्र में सरकार के तीसरे अनुपूरक बजट को चर्चा के बाद पारित कर दिया गया. सरकार का तीसरा अनुपूरक बजट 15 हजार 216 करोड़ों रुपए से ज्यादा का है, उधर राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
तीसरा अनुपूरक बजट पारित
विधानसभा में शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के तीसरे अनुपूरक बजट अनुमान मांगों पर चर्चा हुई. अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि, बीते 8 महीने में गौशाला संचालकों को अनुदान नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि, विपक्षी विधायकों की समस्याओं को सुना नहीं जा रहा है, यहां तक कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में भी कांग्रेस जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया जाता. अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद 15 हजार 216 करोड़ से ज्यादा का तीसरा अनुपूरक बजट सदन में पारित हो गया इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन में गूंजा गड़बड़ी का मामला
विधानसभा में कांग्रेस के सीनियर विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने ध्यानाकर्षण में भिंड जिले में ओलावृष्टि की मुआवजा राशि के नाम पर हुई गड़बड़ी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि, मुआवजा वितरण के नाम पर गलत सर्वे किया गया है, प्रभावित का नाम किसी और का है जबकि मुआवजा राशि किसी और के खाते में पहुंची है. यह सभी स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारियों और बीजेपी नेताओं की मिलीभगत से हुआ है.
किसान हितेषी है सरकार
इसके साथ ही, मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सरकार किसान हितेषी है किन फर्जी किसानों ने मुआवजा लिया और वह किस पार्टी के हैं उसका पूरा काला चिट्ठा मेरे पास है. उन्होंने कहा कि, हमने जांच की है और जो दोषी पाए गए उनके खिलाफ मामला पंजीबद्ध कराया गया है, कांग्रेस की सरकार के दौरान सर्वे में गड़बड़ी हुई थी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गलत मुआवजा के पैसे दिए गए.