भोपाल। देश भर से आए वीएचपी के संगठन मंत्रियों का भोपाल में प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम हुआ. जिसमें देश के बदले राजनीतिक माहौल में वीएचपी संगठन की मज़बूती पर जोर दिया गया. माना जा रहा है कि इस ट्रेनिंग कैम्प के बाद वीएचपी नए तेवर और कलेवर में दिखाई देगी. राममंदिर आंदोलन को जन आंदोलन बना देने और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े सभी काम पूरे होने के बाद संगठन सुस्त पड़ गया था, लेकिन ज्ञानवापी से मुद्दे ने वीएचपी को जैसे ऑक्सीजन दे दी है. संगठन की मंद पड़ी उर्जा भी जैसे लौट आई है. प्रशिक्षण वर्ग में इसी उर्जा को सही दिशा में लगाने का मंत्र दिया गया. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी वीएचपी के प्रशिक्षण वर्ग में शामिल हुए.
VHP की उर्जा का सही दिशा में हो इस्तेमाल: भोपाल में हुए वीएचपी के देश भर के संगठन मंत्रियों के प्रशिक्षण वर्ग में इसी को लेकर रुपरेखा तैयार की गई है. ज्ञानवापी मुद्दे के उठने के बाद से देश का राजनीतिक माहौल भी बदला और विश्व हिंदू परिषद की ठंडी पड़ी उर्जा भी लौट आई है, लेकिन अब मुद्दा उस उर्जा को सही दिशा देने का है.माना जा रहा है कि संघ का एजेंडा एक बार फिर हिंदुत्व के मोर्चे पर वीएचपी को आगे कर हिंदुओं को एकजुट करने को लेकर है. हिंदूओं को एकजुट करने के लक्ष्य को साधे वीएचपी संगठन मंत्रियों के जरिए देश के अलग अलग हिस्सों में आगे बढ़ेगी. वीएचपी की शाखाएं मज़बूत करने के साथ उनकी सराकारात्मक छवि को समाज के बीच लाने की रणनीति पर काम होगा.
दक्षिण भारत पर भी होगा फोकस: आरएसएस चीफ मोहन भागवत ज्ञानवापी मुद्दे को लेकर अपनी टिप्पणी से संघ का रुख साफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशना ठीक नहीं. लेकिन दूसरा सच यह भी है कि हिंदूत्व का एजेंडा शुरुआत से ही संघ में विश्व हिंदू परिषद के जरिए ही आगे बढ़ाया जाता रहा है. इस बार भी इसी रणनीति को और धार दी गई है. जानकारी के मुताबिक संगठन की मजबूती के साथ विश्वहिंदू परिषद का फोकस दक्षिण भारत के उन मंदिरों पर है जिनकी संपत्ति का गलत ढंग से इस्तेमाल हो रहा है. जिस अयोध्या आंदोलन के साथ विश्वहिंदू परिषद ने जन आंदोलन खड़ा किया तैयारी अब समय है कि 2024 में अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को विश्वव्यापी स्वरुप दिया जाए. लक्ष्य ये कि हर हिंदू परिवार का व्यक्ति राम मंदिर पहुंचे.