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PCC के नये दावेदार! पूर्व मंत्री बिसाहू लाल को 31 विधायकों का सर्मथन

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नाम का अब तक ऐलान नहीं हुआ है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए दावा ठोक दिया है. उनका कहना है कि पांच बार विधायक रहने के बाद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है. इसलिए अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया जाना चाहिए.

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Published : Aug 29, 2019, 7:40 PM IST

कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह

भोपाल। एक तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नाम का चयन नहीं कर पा रही है. दूसरी तरफ इस पद के लिए रोजाना नए-नए दावेदार सामने आ रहे हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर अब वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने भी दावा ठोक दिया है. उनका कहना है कि कांग्रेस के 31 आदिवासी विधायकों ने उनके समर्थन में राहुल गांधी को चिट्टी लिखकर प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है. बिसाहू लाल का नाम सामने आने बाद कांग्रेस में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है.

अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बिसाहूलाल सिंह का दावा

बिसाहू लाल की मंशा है कि सबसे वरिष्ठ आदिवासी विधायक होने के बावजूद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. इसलिए अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. बिसाहू लाल सिंह का कहना है कि सभी आदिवासी विधायकों ने मांग की है कि वह पांच बार विधायक रहे हैं. दस साल तक प्रदेश सरकार में मंत्री रहने का अनुभव भी है, जबकि आदिवासियों ने कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऐसे में उन्हें ये पद मिलना चाहिए.

बिसाहूलाल का दावा उन्हें आदिवासियों का समर्थन
बिसाहूलाल का दावा है कि उन्हें कांग्रेस के सभी आदिवासी विधायकों के साथ-साथ पूर्व विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. वह किसी भी तरह की गुटबाजी में भी नहीं हैं, जबकि अन्य नेता गुटबाजी से परेशान हैं. इसके अलावा प्रदेश भर के आदिवासियों का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है. इसलिए कांग्रेस को उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहिए.

सबको है अपनी बात रखने का हक

इस मामले में मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह का कहना है कि बिसाहू लाल हमारे वरिष्ठ विधायक हैं. मंत्री भी रह चुके हैं. अगर उन्होंने चाहा और हमारे 31 विधायकों ने लिख कर दिया है तो मांग करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. हाई कमान किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाता है, ये अलग बात है. लेकिन अपनी बात शिद्दत से रखना हमारा अधिकार है.

बिसाहू लाल को अध्यक्ष की कमान मिले तो अच्छा

अजय शाह ने कहा कि आदिवासी एक वर्ग नहीं है, बल्कि गौड़, भील, भिलाला और कोरकू जैसे अलग-अलग समुदाय से हमारे 31 विधायक आते हैं. लेकिन हम सभी एक छत के नीचे आदिवासी कहलाते हैं. अगर सबने बिसाहूलाल सिंह को अध्यक्ष बनाने की मांग की है और अगर उन्हें यह पद मिलता है तो यह अच्छी बात है.

भोपाल। एक तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नाम का चयन नहीं कर पा रही है. दूसरी तरफ इस पद के लिए रोजाना नए-नए दावेदार सामने आ रहे हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर अब वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने भी दावा ठोक दिया है. उनका कहना है कि कांग्रेस के 31 आदिवासी विधायकों ने उनके समर्थन में राहुल गांधी को चिट्टी लिखकर प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है. बिसाहू लाल का नाम सामने आने बाद कांग्रेस में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है.

अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बिसाहूलाल सिंह का दावा

बिसाहू लाल की मंशा है कि सबसे वरिष्ठ आदिवासी विधायक होने के बावजूद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. इसलिए अब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. बिसाहू लाल सिंह का कहना है कि सभी आदिवासी विधायकों ने मांग की है कि वह पांच बार विधायक रहे हैं. दस साल तक प्रदेश सरकार में मंत्री रहने का अनुभव भी है, जबकि आदिवासियों ने कांग्रेस की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऐसे में उन्हें ये पद मिलना चाहिए.

बिसाहूलाल का दावा उन्हें आदिवासियों का समर्थन
बिसाहूलाल का दावा है कि उन्हें कांग्रेस के सभी आदिवासी विधायकों के साथ-साथ पूर्व विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. वह किसी भी तरह की गुटबाजी में भी नहीं हैं, जबकि अन्य नेता गुटबाजी से परेशान हैं. इसके अलावा प्रदेश भर के आदिवासियों का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है. इसलिए कांग्रेस को उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहिए.

सबको है अपनी बात रखने का हक

इस मामले में मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह का कहना है कि बिसाहू लाल हमारे वरिष्ठ विधायक हैं. मंत्री भी रह चुके हैं. अगर उन्होंने चाहा और हमारे 31 विधायकों ने लिख कर दिया है तो मांग करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. हाई कमान किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाता है, ये अलग बात है. लेकिन अपनी बात शिद्दत से रखना हमारा अधिकार है.

बिसाहू लाल को अध्यक्ष की कमान मिले तो अच्छा

अजय शाह ने कहा कि आदिवासी एक वर्ग नहीं है, बल्कि गौड़, भील, भिलाला और कोरकू जैसे अलग-अलग समुदाय से हमारे 31 विधायक आते हैं. लेकिन हम सभी एक छत के नीचे आदिवासी कहलाते हैं. अगर सबने बिसाहूलाल सिंह को अध्यक्ष बनाने की मांग की है और अगर उन्हें यह पद मिलता है तो यह अच्छी बात है.

Intro:भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मध्यप्रदेश में बड़ा सियासी दावा सामने आया है।प्रदेश अध्यक्ष के लिए कांग्रेस के 31 आदिवासी विधायक लामबंद हो गए हैं। उन्होंने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग की है। बिसाहू लाल सिंह की भी मंशा है कि सबसे वरिष्ठ आदिवासी विधायक होने के बाद  मंत्री नहीं बनाया, तो अब प्रदेश अध्यक्ष ही बना दें। बिसाहू लाल सिंह ने बाकी सभी दावेदारों को विवादित बताया है।Body:पूर्व मंत्री और विधायक बिसाहू लाल सिंह का कहना है कि सभी आदिवासी विधायकों ने मांग की है कि बिसाहू लाल सिंह 10 साल तक विभिन्न विभागों के मंत्री रहे हैं, 5 बार के विधायक हैं,तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। क्योंकि बाकी लोग विवादग्रस्त हैं,इनका कोई विवाद नहीं है।उन्होंने बताया कि आदिवासी समुदाय के 31 विधायकों ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर भेजा है। प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मंत्री भी नहीं बनाया,तो क्या कर लिया।पर पब्लिक चाह रही है,रीवा, सीधी, सतना ,शहडोल सब जगह के पूर्व विधायक और आम लोगों ने भी लिखा है।Conclusion:वहीं इस मामले में है मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह का कहना है कि बिसाहू लाल सिंह जी हमारे वरिष्ठ विधायक हैं।मंत्री रह चुके हैं,5 बार विधायक रह चुके हैं। अगर उन्होंने चाहा है और जो हमारे 31 विधायकों ने लिख कर दिया है। तो मांग करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 19 विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर पाई है। जिसमें से ग्यारह आदिवासी सीट पर कांग्रेस की जीत हुई है।तो सबसे पहले हमारा हक बनता है। हाईकमान किसको बनाता है, यह अलग बात है। लेकिन अपनी बात शिद्दत से रखना हमारा अधिकार है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए वर्ग के आधार पर लॉबिंग के सवाल पर अजय शाह का कहना है कि आदिवासी एक वर्ग नहीं है, अलग-अलग समुदाय का समूह है। जैसे दूसरे वर्ग होते हैं,वैसे आदिवासी नहीं होते हैं। गौड़, भील, भिलाला और कोरकू जैसे अलग-अलग समुदाय से हमारे 31 विधायक आते हैं। लेकिन एक अंब्रेला के नीचे हम सब आदिवासी कहलाते हैं। सबने अगर मांग की है,तो इसमें कोई बुराई नहीं है। मिलता है, नहीं मिलता है, यह फैसला आलाकमान को करना है। लेकिन मांग करना हमारा अधिकार है। हम उनके साथ हैं, अगर मिला तो हमारे अहोभाग्य हैं, वही बिसाहू लाल सिंह की जगह किसी और आदिवासी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर उनका कहना है कि आज सबसे वरिष्ठतम बिसाहू लाल सिंह हैं। अगर वरिष्ठतम को सम्मान मिलता है, तो यह अच्छी बात है।
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