इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर के बीच दस्तक देने वाली महामारी ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का भी कहर बढ़ने लगा है. ब्लैक फंगस के मामलों के बढ़ने के पीछे कई तरह की थ्योरी आ चुकी है. इसमें कमजोर इम्यूनिटी, स्टेरॉयड का अनियंत्रित इस्तेमाल, इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन मरीजों को देना, गीले ऑक्सीजन मास्क का इस्तेमाल, मास्क को समय पर न बदलना को फंगस के फैलने का कारण बताया जा रहा है. लेकिन सवाल यह है कि ब्लैक फंगस जिस तरह बेकाबू हो रहा है उस तरह किसी दूसरे देश में इसके मामले नहीं देखे जा रहे हैं. देशभर में अब तक कुल 11 हजार से अधिक ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं. कई राज्य म्यूकोरमायकोसिस को महामारी घोषित कर चुके हैं. एक ताजा रिसर्च के मुताबिक ब्लैक फंगस से हो रही मौतों की वजह बन रहा है कोरोना का यूके वैरीएंट.कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टरों द्वारा इस बात की आशंका जताई जा रही है कि ब्लैक फंगस से लेकर घातक निमोनिया और डायबिटीज की वजह भी भारत में फैल रहा कोराना वायरस के यूके वेरिएंट का म्यूटेंट है.
मध्यप्रदेश में म्युकरमाइकोसिस के मरीजों की ताजा स्थिति
मध्यप्रदेश में ब्लैक, व्हाइट और क्रीम फंगस के संक्रमण सामने आ चुके हैं. ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मरीज भी यहीं सामने आ रहे हैं. ताजा स्थिति में पूरे मध्य प्रदेश में 1,270 मामले ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें से 1,150 से अधिक मरीज अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं. ब्लैक फंगस से होने वाली मौतों का आंकड़ा 76 हो गया है जबकि 102 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं.
मेडिकल कॉलेज बेड मरीज
एमजीएम इंदौर 175 478
जीएमसी भोपाल 90 306
एनएससीबी जबलपुर 96 176
जीआरएमसी ग्वालियर 42 76
एसएसएमसी रीवा 60 29
बीएमसी सागर 30 24
जीएमसी दतिया 10 00
जीएमसी रतलाम 10 00
जीएमसी खंडवा 05 07
जीएमसी शहडोल 01 00
जीएमसी शिवपुरी 05 01
सीआईएमएस छिंदवाड़ा 10 02
कुल 548 बिस्तर पर 1,270 मरीज
यह सोचने वाली बात है...क्या यूके वेरिएंट हैं ब्लैक फंगस की वजह
कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के संक्रमण ने अब चिकित्सा जगत को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मरीजों को पिछले साल दिए गए ट्रीटमेंट की तरह ही इस साल भी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. ऐसे में ब्लैक फंगस का घातक संक्रमण क्यों गहरा रहा है. दरअसल डॉक्टरों द्वारा इसकी वजह भारत में फैल रहा यूके वेरिएंट का म्यूटेंट माना जा रहा है.
- इसके पीछे थ्योरी यह है कि देश भर में ब्लैक फंगस होने के जो चार कारण बताए जा रहे हैं वह पहली लहर में भी मौजूद थे, लेकिन ब्लैक फंगस का कोई मामला सामने नहीं आया था.
- दूसरी लहर में भी इलाज का प्रोटोकॉल पहले जैसा ही है,लेकिन इस बार कोरोना के संक्रमण के बाद घातक बीमारियां सामने आ रही हैं. इसकी वजह डॉक्टर भी नहीं समझ पा रहे हैं.
- यही कारण है कि अब कोरोना के यूके स्ट्रेन (B-16172) को मेडिकल रिसर्च के टारगेट पर लिया गया है.
- देश में कोरोना की दूसरी लहर के पहले संक्रमित मरीजों से प्राप्त वायरस के जो सैंपल दिल्ली स्थित लैब में जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए इंदौर से भेजे गए थे उनमें 28 सैंपल यूके वैरीएंट के पाए गए थे.
- देशभर में अभी कोरोना वायरस के कुल वेरीएंट में से छह वेरीएंट के संक्रमण से देश के विभिन्न राज्यों में वायरल बीमारियां निमोनिया और घातक संक्रमण फैल रहा है
- मध्यप्रदेश में फिलहाल जितने ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं उनमें सबसे ज्यादा लोगों काइलाज इंदौर में हो रहा है.
- इन मरीजों का इलाज कर रहे एक्सपर्ट डॉक्टरों के मुताबिक शहर के कई इलाकों में यूके स्ट्रेन पाया गया है जो कोरोना की पहली लहर से कई गुना ज्यादा घातक साबित हो रहा है.
इन 4 कारणों से हो रही है मौतें
1-कोरोना वायरस के बाद अधिकांश मौतों की वजह ब्लैक फंगस की बीमारी बन रही है.
2 दूसरी लहर में पोस्ट कोविड-19 मरीजों में डायबिटीज की बीमारी हो रही है, कुल मरीजों में से 30 परसेंट मरीज ऐसे हैं जो संक्रमण के कारण डायबिटीज के शिकार हो चुके हैं.
3- इस बार भी मरीजों को पिछले साल की तरह ही रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे, लेकिन इस बार मरीजों को इंजेक्शन के कारण खून में थक्का जमना और लीवर और किडनी की परेशानी खड़ी हो रही है.
4- पहली लहर में रेमडेसिविर के जरिए कोरोना के इलाज के साथ ही फेफड़ों की रिकवरी भी हो रही थी ,लेकिन इस बार मरीज के फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों की भी रिकवरी नहीं हो पा रही है, लिहाजा इन कारणों से बड़े पैमाने पर संक्रमित मरीजों की मौतें हो रही हैं.
समय पर नहीं मिला इलाज...तो आंख से ब्रेन में पहुंच जाता है संक्रमण
- ब्लैक फंगस का संक्रमण दांत, जबड़ा, नाक, मुंह, आंख और मस्तिष्क को प्रभावित कर रहा है.
- अगर समय पर इलाज नहीं मिला तो साइनस, नाक, आंख के बाद यह संक्रमण 1 हफ्ते के भीतर ही मस्तिष्क में पहुंच जाता है.
- तुरंत इलाज शुरू नहीं हो तो चार-पांच दिन में संक्रमण तेजी से फैलता है. ब्लैक फंगस से प्रदेश में अब तक 70 मौतें हो चुकी हैं।
- इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में 6 मरीजों का ऑपरेशन हो चुका है जिसमें 4 मरीजों की एक-एक आंख निकालना पड़ी है.
अभी तय यह बताई जा रही हैं...संक्रमण की वजह
- देशभर में करीब 10000 ब्लैक फंगस के मरीजों में से अधिकांश ऐसे हैं जिनमें संक्रमण की वजह डायबिटीज के अलावा लंबे समय तक स्टेरॉयड दिया जाना बताया गया है.
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए किया जा रहा जिंक की टेबलेट का ज्यादा इस्तेमाल भी संक्रमण की वजह के रूप में सामने आ चुका है.
- इसके अलावा मरीजों को इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन लगाना, एक मरीज से दूसरे मरीज को ऑक्सीजन मास्क लगाते समय उसे सैनेटाइज न करना, मास्क में गीलापन रहना. मुंह पर लगाए जाने वाले मास्क को समय पर न बदलना बताया जा रहा है.
- लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर आशंका जता रहे हैं कि इस संक्रमण की वजह कोरोना का यूके स्ट्रेन ही हो सकता है जो म्युटेंट होकर संक्रमित लोगों को तरह-तरह की पोस्ट कोविड बीमारियों और संक्रमण के जरिए अपनी चपेट में ले रहा है.