भोपाल। गणतंत्र दिवस के अवसर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि (MBBS Course in Hindi) मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई हिंदी में होगी. जिसके बाद सूबे में एमबीबीएस पाठ्यक्रम को हिंदी में पढ़ाए जाने कि कवायद शुरू हो चुकी है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (mp minister vishwas sarang) ने अगले सत्र से एमबीबीएस पाठ्यक्रम को हिंदी में शुरू करने की तैयारी कर लेने का दावा किया है. इसके लिए मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बैठकें भी हो रही हैं. सिलेबस को हिंदी में तैयार करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय को शासन की तरफ से यह जिम्मेदारी दी गई है.
मातृभाषा में पढ़ाई से परिणाम अच्छे आएंगे: विश्वास सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, बहुत पहले से MBBS पाठ्यक्रम को हिंदी में करने की मांग उठ रही थी. दुनिया की स्टडी भी यह कहती है कि किसी भी तरह की पढ़ाई यदि मातृभाषा में हो तो उसके अच्छे परिणाम आते हैं. इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने फैसला लिया है की सिलेबस में बिना बदलाव किए पाठ्यक्रम को इंंग्लिश से हिंदी में किया जाएगा.
ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को होगा ज्यादा फायदा
इसका सबसे ज्यादा फायदा गांव से आने वाले लोगों को होगा. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले ज्यादातर छात्रों के हिंदी मीडियम होने के कारण उनकी इंंग्लिश कमजोर होती है, इसलिए उनको समझने में ही वक्त लग जाता है. जिसका नतीजा यह होता है कि परिणाम वैसा नहीं आता जैसे आना चाहिए. इससे बच्चे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं और कई बार निराश होकर पढ़ाई तक छोड़ देते हैं.