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गौवंश के लिए 'मेट्रीमोनियल' साइट, यहां मिलेगा हर नस्ल का सांड

मध्य प्रदेश के पशुपालन विभाग ने एक नया कार्य शुरु किया है. विभाग ने गौवंश मेट्रीमोनियल साइट की शुरुआत की है. इस साइट पर 16 प्रजातियों के सांडों की जानकारी दी गई है. इसके अलावा एक पत्रिका भी बनाई गई है, जिसमें सांडों की पूरी कुण्डली है. जिसकी मदद से किसान अपनी गायों के लिए सांडों का सीमन ले सकता है.

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Published : Dec 25, 2019, 12:00 AM IST

भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार गोशाला खोलने के साथ-साथ गौवंश के लिए कुछ ऐसा कुछ करने जा रही जिसे आप सुनकर चौक जाएंगे. अब तक आपने इंसानों की मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स के बारे में सुना होगा. जिसकी मदद से लोग एक-दूसरे के लिए जीवनसाथी चुनते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में पशुपालन विभाग ने गौवंश मेट्रीमोनियल साइट की शुरुआत की है.

गौवंश के लिए 'मेट्रीमोनियल' साइट

इस साइट पर 16 प्रजातियों के सांडों की जानकारी दी गई है. इसके अलावा एक पत्रिका भी बनाई गई है, जिसमें सांडों की पूरी कुण्डली है. जिसकी मदद से किसान अपनी गायों के लिए सांडों का सीमन ले सकता है. यानि कोई गौ पालक किसान या फिर पशुपालक, जिस भी प्रजाति का गौवंश अपनी गाय से पैदा करवाना चाहता हो उस प्रजाति के सांड का सीमन लिया जा सकता है. ये सीमन कृत्रिम पद्धति से प्लांट करके वंश को आगे बढाएगा.

विभाग के अफसरों की मानें तो गौवंश नस्ल की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से ये प्रयोग शुरु किया गया है. एक सांड का 72 घंटे में एक बार सीमन लिया जाता है. जिसे सुरक्षित रखने के लिए हाईटेक लैब और सेंट्रल सीमन स्टेशन तैयार हो चुका है. यहां करीब 200 से ज्यादा सांड पाले जा रहे हैं. गौवंश की इस मेट्रीमोनियल साइट पर गिर, मुर्रा, साहीवाल, मालवी जैसी देसी नस्ल के नर गौवंश शामिल हैं, तो कुछ विदेशी नस्लें भी इसमें शामिल की गई है. आने वाले दिनों में इस योजना के जैसे कई और प्रोजेक्ट भी शुरू किए जाएंगे.

भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार गोशाला खोलने के साथ-साथ गौवंश के लिए कुछ ऐसा कुछ करने जा रही जिसे आप सुनकर चौक जाएंगे. अब तक आपने इंसानों की मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स के बारे में सुना होगा. जिसकी मदद से लोग एक-दूसरे के लिए जीवनसाथी चुनते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में पशुपालन विभाग ने गौवंश मेट्रीमोनियल साइट की शुरुआत की है.

गौवंश के लिए 'मेट्रीमोनियल' साइट

इस साइट पर 16 प्रजातियों के सांडों की जानकारी दी गई है. इसके अलावा एक पत्रिका भी बनाई गई है, जिसमें सांडों की पूरी कुण्डली है. जिसकी मदद से किसान अपनी गायों के लिए सांडों का सीमन ले सकता है. यानि कोई गौ पालक किसान या फिर पशुपालक, जिस भी प्रजाति का गौवंश अपनी गाय से पैदा करवाना चाहता हो उस प्रजाति के सांड का सीमन लिया जा सकता है. ये सीमन कृत्रिम पद्धति से प्लांट करके वंश को आगे बढाएगा.

विभाग के अफसरों की मानें तो गौवंश नस्ल की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से ये प्रयोग शुरु किया गया है. एक सांड का 72 घंटे में एक बार सीमन लिया जाता है. जिसे सुरक्षित रखने के लिए हाईटेक लैब और सेंट्रल सीमन स्टेशन तैयार हो चुका है. यहां करीब 200 से ज्यादा सांड पाले जा रहे हैं. गौवंश की इस मेट्रीमोनियल साइट पर गिर, मुर्रा, साहीवाल, मालवी जैसी देसी नस्ल के नर गौवंश शामिल हैं, तो कुछ विदेशी नस्लें भी इसमें शामिल की गई है. आने वाले दिनों में इस योजना के जैसे कई और प्रोजेक्ट भी शुरू किए जाएंगे.

Intro:भोपाल-
कमलनाथ सरकार गोशाला खोलने के साथ-साथ गौवंश को लेकर ऐसा कुछ करने जा रही जिसे आप सुनकर चकित हो जाएंगे।
आप इंसानों की मैट्रिमोनियल पत्रिकाओं और वेबसाइट्स के बारे में सुना होगा लेकिन मध्यप्रदेश के पशुपालन विभाग ने गौवंश मेट्रीमोनियल साइट शुरू की है। साथ ही एक पत्रिका का भी प्रकाशन किया गया जिसमें नर गौवंश की पूरी कुण्डली दी गयी है।Body:पशुपालन विभाग की ओर से एक पत्रिका छपवाई गई है ,साथ ही एक वेबसाइट भी शुरू की गई है....जिसमें करीब 16 प्रजातियों के सांडों (नर गोवंश) की जन्मकुंडली छापी गई है।
अगर कोई गौ पालक यानी किसान या फिर पशुपालक, जिस भी प्रजाति का गौवंश गाय से पैदा करवाना चाहता हो उस प्रजाति के सांड (नर गौवंश) का सीमन ले सकता है... ये सीमन गाय में कृत्रिम पद्धति से प्लांट करके वंश आगे बढाया जा सकता है।
विभाग के अफसरों की माने तो ऐसा गौवंश की नस्ल की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।
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विदेशी गौवंश की नस्लें भी शामिल

गौवंश मे गिर, मुर्रा, साहीवाल, मालवी जैसी देसी और जर्सी जैसी कुछ विदेशी नस्लें भी शामिल हैं...विभाग के वरिष्ठ अफसरों का कहना है कि गौवंश नस्ल सुधार कार्यक्रम के लिए विभाग की ओर से कार्ययोजना तैयार की गई है...आने वाले दिनों में इस योजना की तरह ही कई और प्रोजेक्ट भी शुरू किए जाएंगे....
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एक सांड से 72 घंटे में एक बार सीमन (वीर्य) लिया जाता है.... इसके लिए बाकायदा एक हाईटेक लैब और सेंट्रल सीमन स्टेशन तैयार किया गया है....जहां करीब 200 से ज्यादा नर गौवंश पाले जा रहे हैं...इन सांडों से सीमन (वीर्य) को लेकर स्टोर किया जाता है...पशुपालक सीमन खरीदकर अपनी गाय में प्लांट करवा सकता है....Conclusion:बाइट- HBS भदौरिया
बाइट- दीपाली देशपांडे
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