भोपाल। मंगलवार पवनपुत्र हनुमान जी का दिन माना जाता है. इस दिन भक्त व्रत रखते हैं. मान्यताओं के अनुसार मंगलवार का व्रत रखने से कुंडली में मंगल ग्रह के निर्बल होने का प्रभाव बदल जाता है और शुभ लाभ प्राप्त होता है. शनि की महादशा और साढ़े साती को दूर करने के लिए भी यह व्रत बहुत लाभकारी है.
मंगलवार का व्रत रखने के फायदे
मंगलवार का व्रत सम्मान, बल, साहस, और पुरुषार्थ को बढ़ाने वाला होता है. कई लोग संतान प्राप्ति या संतान संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए भी इस दिन व्रत रखते हैं.मान्यता है कि मंगलवार का व्रत रखने से पापाों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं का विनाश होता है.
कब आरंभ करें व्रत ?
मंगलवार के व्रत का आरंभ किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से करना शुभ माना जाता है. 21 या 45 मंगलवार का व्रत रखने को काफी फलदायी माना जाता है.
व्रत में कैसे करें पूजा ?
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लाल वस्त्र धारंण करें. कोशिश करें कि आपने जो लाल वस्त्र पहना है वह सिला हुआ ना हो. आप मंदिर या घर दोनों में से कहीं पर भी पूजा कर सकते हैं. अगर आप घर में पूजा करते हैं, तो ईशान कोण को साफ कर एक चौकी रख उस पर लाल वस्त्र बिछाएं. फिर उस पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें . साथ में भगवान श्री राम और माता सीता की भी प्रतिमा अवश्य स्थापित करें.
इसके बाद हाथ में जल लेकर आप जितने मंगलवार का व्रत रखना चाहते हैं उसका संकल्प लें. हनुमान जी से प्रार्थना करें कि हमें कष्टों से मुक्त कराएं और सभी मनोकामनाएं पूरी करें. इसके बाद घी का दीपक या धूप दीप जलाकर पहले भगवान श्री राम और माता सीता की आरती करें, फिर हनुमान जी की पूजा करें. उन्हें लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें.
इसके बाद हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर आरती करें. भगवान को गुड़ केले और लड्डू का भोग लगाएं और प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांटें. इस व्रत में केवल एक बार शाम से पहले भोजन करना है. भोजन सिर्फ मीठा हो, इसमें नमक नहीं होना चाहिए. दिन में दूध, केले और मीठे फलाहार वाली चीजें खा सकते हैं.
महिलाएं भी रख सकती हैं हनुमान जी का व्रत
महिलाओं के मन में हनुमान जी के व्रत को लेकर संदेह बना रहता है. लेकिन हिंदु धर्मग्रंथों के अनुसार महिलाएं भी हनुमान जी का व्रत रख सकती हैं. किसी भी ग्रंथ, शास्त्र या पुराण में महिलाओं द्वारा हनुमान जी की पूजा नहीं करने के विषय में नहीं लिखा गया है. लेकिन व्रत और पूजा के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान रखें. महिलाएं हनुमान जी को लाल वस्त्र या सिंदूर ना चढ़ाएं क्योंकि हनुमान जी ब्रम्हचारी थे. साथ ही वह अपने शुद्ध दिनों में ही हनुमान जी की पूजा करें.
व्रत के दौरान रखें इस बात का ध्यान
यदि आप हनुमान जी का व्रत रखते हैं तो हमेशा के लिए अपने जीवनकाल में मांस मदिरा का सेवन करना छोड़ दें. अपने आचार-विचार को स्वच्छ रखें. व्रत के दिन अपनी क्षमता के अनुसारदान अवश्य करें. घर के आसपास या कहीं पर बंदर दिखें तो उन्हें केले खिलाएं.
मंगलवार व्रत कथा
ये कथा एक निःसन्तान ब्राह्मण दम्पति की है जो काफ़ी दुःखी थे. ब्राह्मण वन में पूजा करने गया. उसने हनुमान जी से पुत्र की कामना की. घर पर उसकी पत्नी भी पुत्र की प्राप्त के लिये मंगलवार का व्रत करती थी. मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर भोजन करती थी. एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पायी और ना भोग ही लगा सकी. तब उसने प्रण किया कि अगले मंगलवार को ही भोग लगाकर अन्न ग्रहण करेगी. भूखे प्यासे छः दिन के बाद मंगलवार के दिन तक वह बेहोश हो गयी. हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हो गये. उसे दर्शन देकर कहा कि वे उससे प्रसन्न हैं, और उसे बालक देंगे, जो कि उसकी सेवा किया करेगा. हनुमान जी ने उस स्त्री को पुत्र रत्न दिया और अंतर्ध्यान हो गए.
ब्राह्मणी इससे अति प्रसन्न हो गयी और उस बालक का नाम मंगल रखा. कुछ समय बाद जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है? पत्नी ने सारी कथा अपने स्वामी को बतायी. पत्नी की बातों को छल पूर्ण जान ब्राह्मण ने सोचा कि उसकी पत्नी व्यभिचारिणी है. एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुंए में गिरा दिया. घर पर पत्नी के पूछने पर ब्राह्मण घबरा गया. पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया. ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया. रात को हनुमानजी ने उसे सपने में सब कथा बतायी, तो ब्राह्मण बहुत खुश हुआ. फिर वह दम्पति मंगलवार का व्रत रखकर आनंद का जीवन व्यतीत करने लगे.