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sumitra valmiki filed nomination: सीएम शिवराज ने बताया वाल्मिकी समाज का सम्मान, जमीन से जुड़ी कार्यकर्ता, प्रशासन के पास उनका मोबाइल नंबर तक नहीं था

केंद्रीय हाई कमान से राज्यसभा के लिए एमपी से दोनों महिला प्रत्याशियों के नामांकन ने प्रदेश बीजेपी नेताओं को भौचक्का कर दिया है. दो महिलाओं को ,एक दलित और एक ओबीसी को टिकट दिए जाने का अंदेशा किसी को नहीं था , लेकिन केंद्र के फैसले ने सबको चौका दिया है. दोनों ही कैंडिडेट नामांकन दाखिल कर चुकी हैं.

sumitra valmiki filed nomination
कविता पाटीदार सुमित्रा ने दाखिल किया नामांकन
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Published : May 31, 2022, 6:25 PM IST

भोपाल। केंद्रीय हाई कमान से राज्यसभा के लिए एमपी से दोनों महिला प्रत्याशियों के नामांकन ने प्रदेश बीजेपी नेताओं को भौचक्का कर दिया है. दो महिलाओं को ,एक दलित और एक ओबीसी को टिकट दिए जाने का अंदेशा किसी को नहीं था , लेकिन केंद्र के फैसले ने सबको चौका दिया. दोनों टिकट महिलाओं को ,प्रदेश के नेताओं को भनक भी नहीं लगी. खास बात यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को नहीं मालूम था कि सुमित्रा वाल्मिकी का नाम राज्यसभा के लिए तय चुका है. खुद उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि ऐलान होते ही सारी व्यवस्थाएं आननफानन में की गईं.

कविता पाटीदार सुमित्रा ने दाखिल किया नामांकन
सीएम के पास नहीं था सुमित्रा वाल्मिकी का फोन नंबर: Cm शिवराज ने बीजेपी कार्यालय में खुद इस इस बात की माना कि जैसे ही हाईकमान से इस बात का संदेश मिला की सुमित्रा वाल्मिकी का नाम तय हो चुका है, तो मैने सुमित्रा वाल्मीकि को फ़ोन लगवाया तो उनका नंबर ही नहीं था, फिर आनन फानन में नंबर अरेंज किया और सुमित्रा जी से बात की, मैने फ़ौरन दो कलेक्टर की ड्यूटी लगाई और कहा कि सारे एनओसी क्लियर कराओ और रात में ही सुमित्रा को भोपाल बुला लो, लेकिन रात में प्लेन नहीं हो पाया, फिर मैंने कहा कि वे रेल से आ जाएं.

मोदी सरकार ने वाल्मिकी समाज को दिया सम्मान: Cm शिवराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने न सिर्फ दलित का सम्मान किया बल्कि वाल्मीकि समाज की महिला नेता को राज्यसभा पहुंचाकर समाज को बहुत ऊंचा सम्मान दिया है. जबलपुर से नाता रखने वाले सुमित्रा वाल्मीकि रात में ही ट्रेन से भोपाल पहुंचीं और सुबह बीजेपी कार्यालय पहुंच गईं. खास बात यह रही कि इस दौरान उनके साथ कुछ कार्यकर्ता तो आए लेकिन जबलपुर बीजेपी के बड़े नेताओं ने दूरी बनाए रखी. सुमित्रा के नामांकन के वक्त भी जबलपुर बीजेपी से बड़ा नेता नहीं पहुंचा.

भोपाल। केंद्रीय हाई कमान से राज्यसभा के लिए एमपी से दोनों महिला प्रत्याशियों के नामांकन ने प्रदेश बीजेपी नेताओं को भौचक्का कर दिया है. दो महिलाओं को ,एक दलित और एक ओबीसी को टिकट दिए जाने का अंदेशा किसी को नहीं था , लेकिन केंद्र के फैसले ने सबको चौका दिया. दोनों टिकट महिलाओं को ,प्रदेश के नेताओं को भनक भी नहीं लगी. खास बात यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को नहीं मालूम था कि सुमित्रा वाल्मिकी का नाम राज्यसभा के लिए तय चुका है. खुद उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि ऐलान होते ही सारी व्यवस्थाएं आननफानन में की गईं.

कविता पाटीदार सुमित्रा ने दाखिल किया नामांकन
सीएम के पास नहीं था सुमित्रा वाल्मिकी का फोन नंबर: Cm शिवराज ने बीजेपी कार्यालय में खुद इस इस बात की माना कि जैसे ही हाईकमान से इस बात का संदेश मिला की सुमित्रा वाल्मिकी का नाम तय हो चुका है, तो मैने सुमित्रा वाल्मीकि को फ़ोन लगवाया तो उनका नंबर ही नहीं था, फिर आनन फानन में नंबर अरेंज किया और सुमित्रा जी से बात की, मैने फ़ौरन दो कलेक्टर की ड्यूटी लगाई और कहा कि सारे एनओसी क्लियर कराओ और रात में ही सुमित्रा को भोपाल बुला लो, लेकिन रात में प्लेन नहीं हो पाया, फिर मैंने कहा कि वे रेल से आ जाएं.

मोदी सरकार ने वाल्मिकी समाज को दिया सम्मान: Cm शिवराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने न सिर्फ दलित का सम्मान किया बल्कि वाल्मीकि समाज की महिला नेता को राज्यसभा पहुंचाकर समाज को बहुत ऊंचा सम्मान दिया है. जबलपुर से नाता रखने वाले सुमित्रा वाल्मीकि रात में ही ट्रेन से भोपाल पहुंचीं और सुबह बीजेपी कार्यालय पहुंच गईं. खास बात यह रही कि इस दौरान उनके साथ कुछ कार्यकर्ता तो आए लेकिन जबलपुर बीजेपी के बड़े नेताओं ने दूरी बनाए रखी. सुमित्रा के नामांकन के वक्त भी जबलपुर बीजेपी से बड़ा नेता नहीं पहुंचा.

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