भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार मानव अंगों के गोरखधंधे पर रोक लगाने के लिए एक नया कानून लाए जाने की तैयारी कर रही है. सरकार का मानना है कि अंगप्रत्यारोपण और अंगदान की आड़ में गरीबों के साथ धोखा कर ज्यादातर किडनी जैसे अंगो का गोरखधंधा पनप रहा है, जिससे सबसे ज्यादा गरीब और अनपढ़ लोग प्रभावित हो रहे हैं. इस पर रोक लगाने और अंगदान और अंग प्रत्यारोपण को नियमानुसार संचालित करने के लिए यह कानून लाया जा रहा है.
मध्यप्रदेश की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार मानव अंगों के मामलों में 1995 का एक्ट राज्य सरकारों के लिए अनिवार्य नहीं था. मध्यप्रदेश में जब 1995 हमारी सरकार थी, तो हमने इसे स्वीकार किया था. बाद में इसमें कुछ संसोधन आए. लेकिन संसोधन के बाद प्रदेश में 15 साल तक बीजेपी की सरकार रही जिसमें उन्होंने कुछ बदलाव नहीं किया. लेकिन इस विभाग की जिम्मेदारी अब मुझे दी गई है. इसलिए अब मानव अंगों के मामले में एक एक्ट बना देने की पहल शुरु हुई है.
विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि देश में जिस तरह से किडनी के रैकेट चलते हैं, उससे सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब लोग होते हैं. विधानसभा के इसी सत्र में अंगदान को नियमों के अंतर्गत बांधने के लिए संकल्प लिया है. इसमें भारत सरकार की एक समिति के अलावा राज्यों की समिति, मध्य प्रदेश की समिति, मेडिकल कॉलेज के डीन की समिति और जिला स्तर पर एक समिति बनेगी। जिसे अधिकार होंगे कि वह अंगदान में गलती करने पर या गड़बड़ी करने पर सम्मन जारी कर सकेग.
मंत्री साधौ ने कहा कि जहां तक बिहार में इस तरह की एक्ट की बात है, तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन हमारे एक्ट में परिभाषित होगा, अंगदान करने वाला चाहे किडनी हो या लीवर का ट्रांसप्लांट हो, कौन रहेगा परिवार का सदस्य होगा या बाहर का होगा, यह सब चीजें एक्ट में परिभाषित की जाएंगी.