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राधिका गुप्ता ने यूपीएससी में हासिल की 18वीं रैंक, जाने कैसे क्रेक किया देश का सबसे प्रतिष्ठित एग्जाम

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2020 में 18 वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने ईटीवी भारत को इंटरव्यू देते हुए अपनी सफलता का राज भी शेयर किया,

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rrराधिका गुप्ता ने यूपीएससी में हासिल की 18वीं रैंक
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Published : Sep 25, 2021, 9:54 PM IST

नई दिल्ली/ भोपाल . मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2020 में 18 वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने ईटीवी भारत को इंटरव्यू देते हुए अपनी सफलता का राज भी शेयर किया, 24 साल की राधिका ने कहा कि उनके जीवन के बीते 2 वर्षों में की गई मैराथन मेहनत और 360 डिग्री पढ़ाई के लिए किए गए समर्पण ने मेरी जिंदगी बदल दी. राधिका ने बताया कि उन्होंने 2018 से यूपीएससी एग्जाम की प्रिपरेशन शुरू की थी.

राधिका ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मैंने 2018 से यूपीएससी एग्जाम की प्रिपरेशन शुरू की थी और दूसरे अटैम्प में ही इस प्रतिष्ठित एग्जाम में सफलता हासिल कर ली. उन्होंने बताया इस सफलता को हासिल करने के लिए उन्हें लंबे समय तक कई चीजों का त्याग करना पड़ा. यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने के लिए जो तैयारी की वह काफी अहम और मुश्किल भरी थी, लेकिन मैं जानती थी कि इससे मेरी लाइफ बदल जाएगी, और आज मुझे इस बात का एहसास हो रहा है. यह तैयारी और यह उपल्ब्धि मेरे लिए एक समृद्धी भरी यात्रा के जैसी है.

इंजीनियरिंग से अपना स्नातक करने वाली राधिका बताती हैं कि मैं एक ऐसे जिले से आती हूं जहां की साक्षरता दर तकरीबन 36.10 फीसदी है और यही मेरे लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत भी है. यहां रहने के बाद ही मुझे समझ आया कि शिक्षा किसी के भी जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाती है. इसलिए मैंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा दी. पहली बार में रैंक कम होने की वजह से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए मुझे भारतीय रेलवे अलॉट किया गया, लेकिन मुझे मेरे समाज के लिए कुछ बेहतर करना था, इसलिए मैंने हिम्मत नहीं हारी और दोबारा कोशिश की और दूसरे प्रयास में एग्जाम क्रेक किया.

राधिका ने एंथ्रोपोलॉजी को ऑप्शनल सब्जेक्ट के चुना था और इस विषय का काफी गहराई से अधय्यन भी किया. इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने दिल्ली में जामिया मील्लिया इस्लामिया की अकादमी में कोचिंग हासिल की. राधिका बताती हैं कि उन्हें वहां तैयारी के दौरान हर तरह का सपोर्ट मिला, फिर बात चाहे पर्सनल सपोर्ट की हो या इमोशनल सपोर्ट की. अकादमी में मिली कोचिंग की सराहना करते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर रहे दूसरे छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे ऐसे छात्र जो बहुत ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें बेहतर मार्गदर्शन की जरूरत है उनके लिए यह कोचिंग अकादमी एक बेस्ट संस्थान है. राधिका गुप्ता ने सिविल सर्विसेज के एग्जाम 2020 में 18 वीं रैंक हासिल की है.

राधिका के अलावा इस कोचिंग अकादमी से मोहम्द हारिस सुमैर ने भी यूपीएससी के एग्जाम में 270 वीं रैंक हासिल की है. हारिस भी अकादमी की तारीफ करते हुए कहते हैं कि यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए यह एक बेहतर जगह है.अकादमी के बारे में बताते हुए यहां तैयारी कर रहे और पासआउट हो चुके स्टूडेंट बताते हैं कि जामिया की इस कोचिंग से यूपीएससी 2020 के एग्जाम में 23 स्टूडेंट्स ने क्लालीफाइ किया है. सुमैर ने बताया कि यहां एडमिशन लेने के लिए एक एंट्रेस एग्जाम क्लियर करना होता है यहां कोई डायरेक्ट एंट्री नहीं होती है. एडमिशन लेने के बाद यहां की क्लालिफाइड फैकल्टी जो कई प्रतिष्ठित परीक्षाओं को पास कर चुके हैं छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं. यही मुख्य वजह है इस कोचिंग संस्थान और यहां के फैकल्टी की मदद से स्टूडेंट्स में यूपीएससी जैसे प्रतिष्ठित एग्जाम को क्लियर करने का भरोसा पैदा होता है.

कर्नाटक के बीदर के रहने वाले हारिस बताते हैं कि वे अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट हर्ष गुप्ता से काफी प्रभावित थे उन्होंने ही मुझे मजिस्ट्रेट के पावर और वर्क प्रोफाइल के बारे में जानकारी देने के साथ ही जिले में उसकी जरूरतों के बारे में भी बताया जिसके बाद मैने ठान लिया कि मुझे भी आईएएस ऑफिसर बनना है.उन्होने बताया कि पिछले साथ उनके भाई मोहम्मद नदीम ने आईपीएस एग्जाम में सिलेक्ट हुए हैं.जिससे मुझे यूपीएस एग्जाम की तैयारी करने और उसे क्वालिफाइ करने की प्रेरणा मिली.

हारिस, अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े दूसरे छात्रों को भी यह मैसेज देना चाहते हैं कि वे स्टूडेंट जो यूपीएससी एग्जाम को क्लियर करना चाहते हैं. जो अपनी खुद की अपने परिवार के लोगों की लाइफ को बेहतर बनाना चाहते हैं और देश सेवा का जज्बा रखते हुए कुछ बेहतर करना चाहते हैं अकादमी में एडमिशन लेकर अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं. सिर्फ यूपीएससी ही नहीं लॉ और पब्लिक सेक्टर से जुड़े दूसरे क्षेत्रों में भी सफलता हासिल कर सकते हैं क्योंकि समाज और देश को कुछ देने के लिए सिर्फ शिक्षा ही नही क्वालिटी एजुकेशन की ज्यादा आवश्यकता है.

नई दिल्ली/ भोपाल . मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली राधिका गुप्ता ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2020 में 18 वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने ईटीवी भारत को इंटरव्यू देते हुए अपनी सफलता का राज भी शेयर किया, 24 साल की राधिका ने कहा कि उनके जीवन के बीते 2 वर्षों में की गई मैराथन मेहनत और 360 डिग्री पढ़ाई के लिए किए गए समर्पण ने मेरी जिंदगी बदल दी. राधिका ने बताया कि उन्होंने 2018 से यूपीएससी एग्जाम की प्रिपरेशन शुरू की थी.

राधिका ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मैंने 2018 से यूपीएससी एग्जाम की प्रिपरेशन शुरू की थी और दूसरे अटैम्प में ही इस प्रतिष्ठित एग्जाम में सफलता हासिल कर ली. उन्होंने बताया इस सफलता को हासिल करने के लिए उन्हें लंबे समय तक कई चीजों का त्याग करना पड़ा. यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने के लिए जो तैयारी की वह काफी अहम और मुश्किल भरी थी, लेकिन मैं जानती थी कि इससे मेरी लाइफ बदल जाएगी, और आज मुझे इस बात का एहसास हो रहा है. यह तैयारी और यह उपल्ब्धि मेरे लिए एक समृद्धी भरी यात्रा के जैसी है.

इंजीनियरिंग से अपना स्नातक करने वाली राधिका बताती हैं कि मैं एक ऐसे जिले से आती हूं जहां की साक्षरता दर तकरीबन 36.10 फीसदी है और यही मेरे लिए सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत भी है. यहां रहने के बाद ही मुझे समझ आया कि शिक्षा किसी के भी जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाती है. इसलिए मैंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा दी. पहली बार में रैंक कम होने की वजह से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए मुझे भारतीय रेलवे अलॉट किया गया, लेकिन मुझे मेरे समाज के लिए कुछ बेहतर करना था, इसलिए मैंने हिम्मत नहीं हारी और दोबारा कोशिश की और दूसरे प्रयास में एग्जाम क्रेक किया.

राधिका ने एंथ्रोपोलॉजी को ऑप्शनल सब्जेक्ट के चुना था और इस विषय का काफी गहराई से अधय्यन भी किया. इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने दिल्ली में जामिया मील्लिया इस्लामिया की अकादमी में कोचिंग हासिल की. राधिका बताती हैं कि उन्हें वहां तैयारी के दौरान हर तरह का सपोर्ट मिला, फिर बात चाहे पर्सनल सपोर्ट की हो या इमोशनल सपोर्ट की. अकादमी में मिली कोचिंग की सराहना करते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर रहे दूसरे छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे ऐसे छात्र जो बहुत ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें बेहतर मार्गदर्शन की जरूरत है उनके लिए यह कोचिंग अकादमी एक बेस्ट संस्थान है. राधिका गुप्ता ने सिविल सर्विसेज के एग्जाम 2020 में 18 वीं रैंक हासिल की है.

राधिका के अलावा इस कोचिंग अकादमी से मोहम्द हारिस सुमैर ने भी यूपीएससी के एग्जाम में 270 वीं रैंक हासिल की है. हारिस भी अकादमी की तारीफ करते हुए कहते हैं कि यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए यह एक बेहतर जगह है.अकादमी के बारे में बताते हुए यहां तैयारी कर रहे और पासआउट हो चुके स्टूडेंट बताते हैं कि जामिया की इस कोचिंग से यूपीएससी 2020 के एग्जाम में 23 स्टूडेंट्स ने क्लालीफाइ किया है. सुमैर ने बताया कि यहां एडमिशन लेने के लिए एक एंट्रेस एग्जाम क्लियर करना होता है यहां कोई डायरेक्ट एंट्री नहीं होती है. एडमिशन लेने के बाद यहां की क्लालिफाइड फैकल्टी जो कई प्रतिष्ठित परीक्षाओं को पास कर चुके हैं छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं. यही मुख्य वजह है इस कोचिंग संस्थान और यहां के फैकल्टी की मदद से स्टूडेंट्स में यूपीएससी जैसे प्रतिष्ठित एग्जाम को क्लियर करने का भरोसा पैदा होता है.

कर्नाटक के बीदर के रहने वाले हारिस बताते हैं कि वे अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट हर्ष गुप्ता से काफी प्रभावित थे उन्होंने ही मुझे मजिस्ट्रेट के पावर और वर्क प्रोफाइल के बारे में जानकारी देने के साथ ही जिले में उसकी जरूरतों के बारे में भी बताया जिसके बाद मैने ठान लिया कि मुझे भी आईएएस ऑफिसर बनना है.उन्होने बताया कि पिछले साथ उनके भाई मोहम्मद नदीम ने आईपीएस एग्जाम में सिलेक्ट हुए हैं.जिससे मुझे यूपीएस एग्जाम की तैयारी करने और उसे क्वालिफाइ करने की प्रेरणा मिली.

हारिस, अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े दूसरे छात्रों को भी यह मैसेज देना चाहते हैं कि वे स्टूडेंट जो यूपीएससी एग्जाम को क्लियर करना चाहते हैं. जो अपनी खुद की अपने परिवार के लोगों की लाइफ को बेहतर बनाना चाहते हैं और देश सेवा का जज्बा रखते हुए कुछ बेहतर करना चाहते हैं अकादमी में एडमिशन लेकर अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं. सिर्फ यूपीएससी ही नहीं लॉ और पब्लिक सेक्टर से जुड़े दूसरे क्षेत्रों में भी सफलता हासिल कर सकते हैं क्योंकि समाज और देश को कुछ देने के लिए सिर्फ शिक्षा ही नही क्वालिटी एजुकेशन की ज्यादा आवश्यकता है.

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