भोपाल/इंदौर/ग्वालियर/जबलपुर। कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया परेशान है, देश 21 दिन के लॉक डाउन पर चल रहा है. लेकिन इस लॉकडाउन के चलते एक अच्छी खबर भी सामने आई. लॉकडाउन के चलते लोग घरों में बंद हैं, सड़कों पर गाड़ियां चल नहीं रहीं. ट्रांसपोर्ट, फैक्ट्रियां सब बंद हैं. जिसका अच्छा असर पर्यावरण पर हो रहा है. नीले आकाश में स्वच्छ हवा के बीच चिड़ियां फिर से चहचहा रही हैं.
ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदेश के तमाम शहरों की हवा बेहद साफ हुई हैं. ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश के बड़े शहरों का जाजया लिया. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर, उज्जैन सहित प्रदेश के सभी शहरों के प्रदूषण में काफी कमी आई. और ये सब हुआ लॉकडाउन के चलते.
भोपाल और इंदौर में साफ हुआ मौसम
अब जरा राजधानी भोपाल की ये तस्वीरें देखिए, राजभोज एयरपोर्ट की तरफ जाने वाला यह रास्ता आम दिनों में वाहनों की आवाजाही से शोरगुल भरा रहता है. लेकिन लॉक डाउन ने राजधानी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया, जिससे ग्रीन सिटी का नजारा वाकई ग्रीन-ग्रीन हो गया. भोपाल जैसा नजारा इंदौर में भी देखने को मिला, तस्वीरों में दिख रहा ये रास्ता इंदौर का सबसे व्यस्तम मार्ग माना जाता है, जो सीधा शहर के ह्रदय स्थल राजवाड़ा की तरफ जाता है, लेकिन लॉक डाउन के चलते यहां सन्नाटा पसरा है, जिससे इंदौर का पर्यावरण काफी हद तक साफ हो गया.
जबलपुर और ग्वालियर में कम हुआ प्रदूषण
बात अगर संस्कारधानी जबलपुर की करें, तो पिछले 13 दिनों से चल रहे लॉक डाउन की वजह से जबलपुर की आवो हवा में खूबसूरत बदलाव हुआ. प्रदूषण खत्म होने से जबलपुर का मौसम साफ हो गया. जिससे संस्कारधानी की फिजाओं में स्वच्छता बिखर गई. प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल ग्वालियर पर इस लॉकडाउन का सबसे अच्छा असर हुआ. ग्वालियर की हवा में सबसे ज्यादा सुधार हुआ. जिससे शहर का मौसम पूरी तरह से साफ हो चुका है.
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक जिस तरह से मौसम साफ हुआ है, इस तरह की स्थितियां कभी-कभी केवल बारिश के मौसम में ही देखने को मिलती थी. मौसम 75 प्रतिशत तक साफ है. यानि हम जिस हवा में सांस ले रहे हैं वह संतुलित और माकूल है. यानि कोरोना वायरस से जहां लोगों को परेशानियां हुई तो कुछ अच्छा भी हुआ.
जिस प्रदूषण को सरकारें करोड़ों रुपए खर्च करके भी कम नहीं कर पा रहीं थी. उस प्रदूषण को लॉकडाउन ने चंद दिनों में ही कम कर दिया. लेकिन हमें भी ये याद रखना होगा कि इंसान की जितनी सुख सुविधा की चीजें हैं वो प्रदूषण फैलाती हैं, जिसे कम करना हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए प्रकृति सभी को ओर लौटना होगा, क्योंकि प्रकृति को सवच्छ रखना हमारा कर्तव्य है. ताकि आने वाली पीढ़ी भी साफ हवा में सांस ले सके.