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कुएं में डंप किए गए हजारों के इंजेक्शन और दवाएं, भिंड में सामने आया वीडियो, वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप - कुएं में डंप किए गए हजारों के इंजेक्शन

दवा खरीदी में गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए भले ही स्थानीय स्तर पर खरीदी के अधिकार सीमित कर दिए गए हों, इसके बाद भी दवा खरीदी के नाम पर गड़बड़ियां रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामले ग्वालियर और भिंड में सामने आए हैं. जहां एक मामले में बिना दवा खरीदे ही भुगतान कर दिया गया तो दूसरे मामले में स्वास्थ्य विभाग ने एक्सपायर होने वाली दवाओं की खरीदी कर बाद में उन्हें कुंए डंप करा दिया

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Published : Aug 27, 2021, 10:07 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 6:35 PM IST

भोपाल। दवा खरीदी में गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए भले ही स्थानीय स्तर पर खरीदी के अधिकार सीमित कर दिए गए हों, इसके बाद भी दवा खरीदी के नाम पर गड़बड़ियां रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामले ग्वालियर और भिंड में सामने आए हैं. जहां एक मामले में बिना दवा खरीदे ही भुगतान कर दिया गया तो दूसरे मामले में स्वास्थ्य विभाग ने एक्सपायर होने वाली दवाओं की खरीदी कर बाद में उन्हें कुंए डंप करा दिया गया. इसके अलावा मेडिकल उपकरणों और कंसंट्रेटर की खरीद में गड़बड़ी को लेकर आईएएस लोकेश जांगिड़ भी सवाल उठा चुके हैं.

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नियम बदले, लेकिन हालात नहीं
दवा खरीदी में लगातार सामने आ रही गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल से दवा खरीदी के नियमों में बदलाव किया है. अब प्रदेश में पूरी दवाएं मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सप्लाई काॅरपोरेशन द्वारा तय कंपनियों और दरों पर ही खरीदी की जाती हैं. सिर्फ 20 फीसदी दवाओं की खरीद ही स्थानीय स्तर पर सीएमएचओ कर सकते हैं. ऐसे ही अधिकार जिला अस्पतालों में सिविल सर्जन को हैं, जबकि अस्पताल अपनी जरूरत के अनुसार कंपनियों से दवाओं की खरीदी कर सकते हैं. प्रदेश में हर साल करीब 400 करोड़ रुपए की दवाओं की खरीदी अस्पतालों के लिए की जाती है. इसमें से करीब 80 करोड़ रुपए की खरीदी स्थानीय स्तर पर की गई है. कोरोना काल में दवा खरीदी के के बजट में भी काफी बढोत्तरी हुई है.जिला स्तर पर दवा खरीदी में सामने आई गड़बड़ीताजा मामला धार में सामने आया है, जिसमें दवा कंपनी से सांठगांठ कर कुछ दिन बाद ही एक्सपायरी होने जा रही दवाओं की खरीदारी कर की गई. बाद में एक्सपायरी होने के बाद इन दवाओं को कुएं में डंप कर दिया गया.

ग्वालियर - जो दवा मंगवाई ही नहीं गई, उसका भी भुगतान कर दिया गया. ऑडिट में ऐसी भी गड़बड़ियां भी सामने आई हैं जहां एक बार खरीदी गई दवा का दो बार भुगतान कर दिया गया. मामले की जांच चल रही है.

अनूपपुर - 2019 में अनूपपुर में दवा कंपनी के साथ मिलकर करोड़ों की गड़बड़ी का मामला सामने आया. सीएमएचओ कार्यालय द्वारा स्थानीय स्तर पर 7 करोड़ की दवा खरीदी के टेंडर जारी किए गए. जिसमें अब तक 5 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद भी सवालों में
बड़वानी में कोरोना महामारी में उपकरणों की खरीदी में हेरफेर का मामला सामने आ चुका है.39 हजार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 60 हजार रुपए में खरीदे गए. इसके अलावा अन्य उपकरणों की खरीदी में भी करोड़ों का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड भी इस मामले को उठा चुके हैं. जिलों में दवा खरीदी के नाम पर हुई गड़बड़ी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और एनएचएम के संचालक डाॅ. पंकज शुक्ला का कहना है कि जहां से भी गड़बड़ी की शिकायत मिलती है, उसमें कार्रवाई की जाती है और भी जो मामले सामने आएंगे उनमें कार्रवाई की जाएगी.

भिंड में कुएं में डंप कराई गईं दवाएं

स्वास्थ्य विभाग के कारनामों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. भिंड के इस वीडियो में दवा खरीदी और फिर दवाओं को कुएं में डंप किए जाने के मामले का खुलासा हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों से पूरे ज़िले और स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है. इस विडीओ में कुछ लोग ज़िला अस्पताल में बने एक कुएं में हज़ारों अन्यूज़्ड इंजेक्शन और दवाओं को डम्प करते हुए नज़र आ रहे हैं. दवाओं को डंप कर रहे लोग ज़िला अस्पताल के मुख्य मेडिकल स्टोर के कर्मचारी हैं. वीडियो सामने आने के बाद बड़े घोटाले के खुलासे की आशंका जताई जा रही है.

भोपाल। दवा खरीदी में गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए भले ही स्थानीय स्तर पर खरीदी के अधिकार सीमित कर दिए गए हों, इसके बाद भी दवा खरीदी के नाम पर गड़बड़ियां रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामले ग्वालियर और भिंड में सामने आए हैं. जहां एक मामले में बिना दवा खरीदे ही भुगतान कर दिया गया तो दूसरे मामले में स्वास्थ्य विभाग ने एक्सपायर होने वाली दवाओं की खरीदी कर बाद में उन्हें कुंए डंप करा दिया गया. इसके अलावा मेडिकल उपकरणों और कंसंट्रेटर की खरीद में गड़बड़ी को लेकर आईएएस लोकेश जांगिड़ भी सवाल उठा चुके हैं.

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नियम बदले, लेकिन हालात नहींदवा खरीदी में लगातार सामने आ रही गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल से दवा खरीदी के नियमों में बदलाव किया है. अब प्रदेश में पूरी दवाएं मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सप्लाई काॅरपोरेशन द्वारा तय कंपनियों और दरों पर ही खरीदी की जाती हैं. सिर्फ 20 फीसदी दवाओं की खरीद ही स्थानीय स्तर पर सीएमएचओ कर सकते हैं. ऐसे ही अधिकार जिला अस्पतालों में सिविल सर्जन को हैं, जबकि अस्पताल अपनी जरूरत के अनुसार कंपनियों से दवाओं की खरीदी कर सकते हैं. प्रदेश में हर साल करीब 400 करोड़ रुपए की दवाओं की खरीदी अस्पतालों के लिए की जाती है. इसमें से करीब 80 करोड़ रुपए की खरीदी स्थानीय स्तर पर की गई है. कोरोना काल में दवा खरीदी के के बजट में भी काफी बढोत्तरी हुई है.जिला स्तर पर दवा खरीदी में सामने आई गड़बड़ीताजा मामला धार में सामने आया है, जिसमें दवा कंपनी से सांठगांठ कर कुछ दिन बाद ही एक्सपायरी होने जा रही दवाओं की खरीदारी कर की गई. बाद में एक्सपायरी होने के बाद इन दवाओं को कुएं में डंप कर दिया गया.

ग्वालियर - जो दवा मंगवाई ही नहीं गई, उसका भी भुगतान कर दिया गया. ऑडिट में ऐसी भी गड़बड़ियां भी सामने आई हैं जहां एक बार खरीदी गई दवा का दो बार भुगतान कर दिया गया. मामले की जांच चल रही है.

अनूपपुर - 2019 में अनूपपुर में दवा कंपनी के साथ मिलकर करोड़ों की गड़बड़ी का मामला सामने आया. सीएमएचओ कार्यालय द्वारा स्थानीय स्तर पर 7 करोड़ की दवा खरीदी के टेंडर जारी किए गए. जिसमें अब तक 5 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद भी सवालों में
बड़वानी में कोरोना महामारी में उपकरणों की खरीदी में हेरफेर का मामला सामने आ चुका है.39 हजार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 60 हजार रुपए में खरीदे गए. इसके अलावा अन्य उपकरणों की खरीदी में भी करोड़ों का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड भी इस मामले को उठा चुके हैं. जिलों में दवा खरीदी के नाम पर हुई गड़बड़ी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और एनएचएम के संचालक डाॅ. पंकज शुक्ला का कहना है कि जहां से भी गड़बड़ी की शिकायत मिलती है, उसमें कार्रवाई की जाती है और भी जो मामले सामने आएंगे उनमें कार्रवाई की जाएगी.

भिंड में कुएं में डंप कराई गईं दवाएं

स्वास्थ्य विभाग के कारनामों का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. भिंड के इस वीडियो में दवा खरीदी और फिर दवाओं को कुएं में डंप किए जाने के मामले का खुलासा हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों से पूरे ज़िले और स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है. इस विडीओ में कुछ लोग ज़िला अस्पताल में बने एक कुएं में हज़ारों अन्यूज़्ड इंजेक्शन और दवाओं को डम्प करते हुए नज़र आ रहे हैं. दवाओं को डंप कर रहे लोग ज़िला अस्पताल के मुख्य मेडिकल स्टोर के कर्मचारी हैं. वीडियो सामने आने के बाद बड़े घोटाले के खुलासे की आशंका जताई जा रही है.

Last Updated : Aug 28, 2021, 6:35 PM IST
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