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MP: आतंक का पर्याय बना टिड्डी दल, घंटे भर में चट कर जाता है सैकड़ों हेक्टेयर फसल

कोरोना संकट के बीच टिड्डी दल के आतंक से निपटना बड़ी चुनौती है, पाकिस्तान के रास्ते भारत में दाखिल हुआ टिड्डी दल बड़े पैमाने पर तबाही मचा रहा है, जिससे निपटने के लिए केंद्र-राज्य सरकारें हाथ-पांव मार रही हैं.

Locust Party facts findings
टिड्डी दल का आतंक
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Published : May 30, 2020, 5:33 PM IST

Updated : May 30, 2020, 5:53 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के बीच टिड्डी दल का आतंक बड़ी मुसीबत बन गया है, पाकिस्तान के रास्ते भारत में दाखिल हुआ टिड्डी दल फसलों के लिए काल साबित हो रहा है, जानकारों का कहना है कि पिछले तीन दशक में अब तक का सबसे बड़ा टिड्डी दल भारत आया है, जो फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में अब तक कई हजार हेक्टेयर खेत की फसल चौपट कर चुका है, जबकि गुजरात और पंजाब की तरफ भी अब टिड्डियों का मूमवेंट शुरु हो चुका है. जिससे इन राज्यों के किसानों को भी अलर्ट किया गया है. खास बात ये है कि टिड्डी दल इस बार केवल खेतों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इस बार रिहायशी इलाकों में भी टिड्डी दल तबाही मचा रहा है.

टिड्डी दल का आतंक
  • 8 करोड़ से ज्यादा टिड्डियों का होता है एक झुंड
  • एक घंटे में एक एकड़ फसल कर जाती है चट
  • 27 किमी तक लंबा हो सकता है टिड्डियों का झुंड
  • दिन में 10 हाथी के बराबर भोजन चट कर जाता है टिड्डी दल
  • दिन में 2500 लोगों जितना खाना चट कर सकता है
  • दिन में 100-150 किमी सफर तय करता है टिड्डी दल
  • खास तौर पर हरे पत्तों को टिड्डी दल बनाता है निशाना
  • सुबह होते ही फसलों पर पहुंच जाता है टिड्डी दल
  • हवा में 5000 फीट की ऊंचाई तक उड़ता है टिड्डी दल
  • एक टिड्डी एक दिन में अपने वजन के बराबर खाना खाता है
  • 740 वर्ग किलोमीटर तक बड़ा हो सकता है एक टिड्डी दल

इन बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक दिन में फसलों को कितना नुकसान पहुंचा सकता है ये टिड्डी दल. कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो अगर समय रहते टिड्डी दल पर काबू नहीं पाया गया तो ये टिड्डी दल भारत के कई राज्यों में तबाही मचाएगा, जिससे इस मुश्किल दौर में किसानों की परेशानियां बढ़ जाएंगी.

खास बात ये है कि पाकिस्तान से चला टिड्डी दल इस बार दो झुंडों में बंट गया है, जो अलग-अलग राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में तबाही मचा चुका टिड्डी दल अप्रैल माह से ही भारत में सक्रिय है, जो जून के महीने में तेजी से फसलों पर अपना असर दिखाएगा. इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को कोरोना के बीच टिड्डी दल के इस हमले को भी गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा के उपाय करने चाहिए, ताकि टिड्डियों के हमलों से फसलों को होने वाले नुकसान को बचाया जा सके.

भोपाल। कोरोना महामारी के बीच टिड्डी दल का आतंक बड़ी मुसीबत बन गया है, पाकिस्तान के रास्ते भारत में दाखिल हुआ टिड्डी दल फसलों के लिए काल साबित हो रहा है, जानकारों का कहना है कि पिछले तीन दशक में अब तक का सबसे बड़ा टिड्डी दल भारत आया है, जो फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र में अब तक कई हजार हेक्टेयर खेत की फसल चौपट कर चुका है, जबकि गुजरात और पंजाब की तरफ भी अब टिड्डियों का मूमवेंट शुरु हो चुका है. जिससे इन राज्यों के किसानों को भी अलर्ट किया गया है. खास बात ये है कि टिड्डी दल इस बार केवल खेतों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इस बार रिहायशी इलाकों में भी टिड्डी दल तबाही मचा रहा है.

टिड्डी दल का आतंक
  • 8 करोड़ से ज्यादा टिड्डियों का होता है एक झुंड
  • एक घंटे में एक एकड़ फसल कर जाती है चट
  • 27 किमी तक लंबा हो सकता है टिड्डियों का झुंड
  • दिन में 10 हाथी के बराबर भोजन चट कर जाता है टिड्डी दल
  • दिन में 2500 लोगों जितना खाना चट कर सकता है
  • दिन में 100-150 किमी सफर तय करता है टिड्डी दल
  • खास तौर पर हरे पत्तों को टिड्डी दल बनाता है निशाना
  • सुबह होते ही फसलों पर पहुंच जाता है टिड्डी दल
  • हवा में 5000 फीट की ऊंचाई तक उड़ता है टिड्डी दल
  • एक टिड्डी एक दिन में अपने वजन के बराबर खाना खाता है
  • 740 वर्ग किलोमीटर तक बड़ा हो सकता है एक टिड्डी दल

इन बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक दिन में फसलों को कितना नुकसान पहुंचा सकता है ये टिड्डी दल. कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो अगर समय रहते टिड्डी दल पर काबू नहीं पाया गया तो ये टिड्डी दल भारत के कई राज्यों में तबाही मचाएगा, जिससे इस मुश्किल दौर में किसानों की परेशानियां बढ़ जाएंगी.

खास बात ये है कि पाकिस्तान से चला टिड्डी दल इस बार दो झुंडों में बंट गया है, जो अलग-अलग राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान में तबाही मचा चुका टिड्डी दल अप्रैल माह से ही भारत में सक्रिय है, जो जून के महीने में तेजी से फसलों पर अपना असर दिखाएगा. इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को कोरोना के बीच टिड्डी दल के इस हमले को भी गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा के उपाय करने चाहिए, ताकि टिड्डियों के हमलों से फसलों को होने वाले नुकसान को बचाया जा सके.

Last Updated : May 30, 2020, 5:53 PM IST
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