खरगोन। 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा के 24 दिन बाद खरगोन से कर्फ्यू पूरी तरह हटा लिया गया है. बुधवार को जिला प्रशासन ने इसी पूरी तरह खत्म कर दिया है. खरगोन के एसडीएम मिलिंद ढोंके जानकारी देते हुए बताया कि शांति समिति की बैठक के बाद कर्फ्यू को हटाने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि अब सभी धार्मिक स्थल खुले रहेंगे. उन पर भी किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा, हालांकि किसी समारोह में डीजे बजाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है.
10 अप्रैल को भड़की थी हिंसा: खरगोन में बीते 10 अप्रैल को रामनवमी की जुलूस पर पथराव के बाद यहां हिंसा भड़क गई थी. इस मामले में 74 लोगों पर नामजद केस दर्ज किया गए थे. कुल 177 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. घटना के कई आरोपी अभी भी फरार हैं. पुलिस इनकी तलाश में दूसरे जिलों में भी कार्रवाई कर रही है.
हिंसा में घायल शुभम का अभी भी इंदौर में इलाज जारी: खरगोन हिंसा में इब्रिस नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि शुभम नाम का एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था. शुभम का अभी भी इंदौर में इलाजरत है. हिंसा के दौरान खरगोन के एसपी सिद्धार्थ चौधरी को पैर में गोली लगी थी. सिटी कोतवाली के टीआई सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे.
खरगोन में प्रशासन ने की बुलडोजर कार्रवाई: हिंसा के बाद प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने दंगाइयों पर सख्त कार्रवाई की. प्रशासन ने उनके अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ढ़हा दिया. इस 'बुलडोजर' कार्रवाई पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए तमाम आरोप भी लगाए थे. कार्रवाई के खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट में याचिका भी लगाई गई है. जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.