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इन नगर निगमों को किया जाएगा मिनी स्मार्ट सिटी में शामिल, सीएम कमलनाथ ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं, कि प्रदेश की 16 नगर निगमों में से 9 निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया जाए.

सीएम कमलनाथ ने दिए नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश
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Published : Jun 19, 2019, 9:12 AM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के बाद कमलनाथ सरकार आगामी नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं, कि प्रदेश की 16 नगर निगमों में से 9 निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया जाए. जिसे केंद्र सरकार ने अपनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल नहीं किया है. प्रदेश में फिलहाल 16 नगर निगम हैं, जिसमें से सात नगर निगम को केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया है, लेकिन 9 नगर निगम इस योजना से बाहर हैं.

सीएम कमलनाथ ने दिए नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश


राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो फिलहाल की स्थिति में 16 की 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा है. माना जा रहा है कि बीजेपी के कब्जे को तोड़ने के लिए कमलनाथ में मिनी स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव तैयार करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि दिसंबर में संभावित नगर निगम चुनाव के पहले इन 9 नगर निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर लिया जाएगा.


⦁ नगर निगमों में विकास के लिए चरणबद्ध प्लान तैयार किया जा रहा है
⦁ प्लान के तहत इन नगर निगमों में रिंग रोड का प्रस्ताव रखा गया है
⦁ सीवेज, ट्रीटमेंट प्लांट, 24 घंटे पानी, वेस्ट मैनेजमेंट और लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं पर किया जाएगा फोकस
⦁ शुरुआती दौर में 500 करोड़ रुपए के प्रावधान की है
⦁ भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और सतना केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में हैं शामिल
⦁ छिंदवाड़ा,मुरैना, बुरहानपुर, खंडवा, कटनी, रीवा, सिंगरौली, रतलाम और देवास में मिनी स्मार्ट सिटी प्रस्तावित

भोपाल। लोकसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के बाद कमलनाथ सरकार आगामी नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं, कि प्रदेश की 16 नगर निगमों में से 9 निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया जाए. जिसे केंद्र सरकार ने अपनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल नहीं किया है. प्रदेश में फिलहाल 16 नगर निगम हैं, जिसमें से सात नगर निगम को केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया है, लेकिन 9 नगर निगम इस योजना से बाहर हैं.

सीएम कमलनाथ ने दिए नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश


राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो फिलहाल की स्थिति में 16 की 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा है. माना जा रहा है कि बीजेपी के कब्जे को तोड़ने के लिए कमलनाथ में मिनी स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव तैयार करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि दिसंबर में संभावित नगर निगम चुनाव के पहले इन 9 नगर निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर लिया जाएगा.


⦁ नगर निगमों में विकास के लिए चरणबद्ध प्लान तैयार किया जा रहा है
⦁ प्लान के तहत इन नगर निगमों में रिंग रोड का प्रस्ताव रखा गया है
⦁ सीवेज, ट्रीटमेंट प्लांट, 24 घंटे पानी, वेस्ट मैनेजमेंट और लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं पर किया जाएगा फोकस
⦁ शुरुआती दौर में 500 करोड़ रुपए के प्रावधान की है
⦁ भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और सतना केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में हैं शामिल
⦁ छिंदवाड़ा,मुरैना, बुरहानपुर, खंडवा, कटनी, रीवा, सिंगरौली, रतलाम और देवास में मिनी स्मार्ट सिटी प्रस्तावित

Intro:भोपाल। लोकसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के बाद कमलनाथ सरकार आगामी नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की 16 नगर निगमों में से उन नगर निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया जाए। जिसे केंद्र सरकार ने अपनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल नहीं किया है। प्रदेश में फिलहाल 16 नगर निगम में हैं। जिसमें से सात नगर निगम को केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया है। लेकिन 9 नगर निगम इस योजना से बाहर हैं। राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो फिलहाल की स्थिति में 16 की 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी के कब्जे को तोड़ने के लिए कमलनाथ में मिनी स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव तैयार करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि दिसंबर में संभावित नगर निगम चुनाव के पहले इन 9 नगर निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर लिया जाएगा।


Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर मिनी स्मार्ट सिटी में शामिल होने वाली नगर निगमों में विकास के लिए चरणबद्ध प्लान तैयार किया जा रहा है। इस प्लान के तहत इन नगर निगमों में रिंग रोड का प्रस्ताव रखा गया है।इसके अलावा सीवेज, ट्रीटमेंट प्लांट, 24 घंटे पानी, वेस्ट मैनेजमेंट और लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं पर फोकस किया जाएगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निर्देश दिए हैं कि शहरों की जरूरतों का अध्ययन करके फिर प्लान तैयार किया जाए। नगरीय प्रशासन विभाग ने मिनी स्मार्ट सिटी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। शुरुआती दौर में 500 करोड़ रुपए के प्रावधान की चर्चा है। संभावना है कि पावस सत्र में पेश होने वाले बजट में मिनी स्मार्ट सिटी योजना की घोषणा मुख्यमंत्री कमलनाथ कर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन का लोकसभा चुनाव की हार का बदला लेने की तैयारी कमलनाथ सरकार कर रही है। फिलहाल मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और सतना केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल हैं। इसके अलावा 9 नगर निगम में जिनमें छिंदवाड़ा,मुरैना, बुरहानपुर, खंडवा, कटनी, रीवा, सिंगरौली, रतलाम और देवास में मिनी स्मार्ट सिटी प्रस्तावित है।


Conclusion:इस मामले में मप्र कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज खान का कहना है कि चुनाव की तैयारियों की नजर से भाजपा काम करती है। कांग्रेस पार्टी सिर्फ विकास की नजर से काम करती है। कांग्रेस का संकल्प था कि मध्य प्रदेश के अंदर परिवर्तन आए। मध्यप्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़े, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कार्यकाल में स्मार्ट सिटी के नाम से विकास करने का वादा किया था। लेकिन इन 5 सालों में कोई विकास नहीं हुआ। जिन नगर निगम वाले शहरों को स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन शहरों को साथ में लेकर चलने के लिए मिनी स्मार्ट सिटी के नाम से विकसित करने का संकल्प लिया है। हम प्रदेश का चौतरफा विकास करना चाहते हैं। जनता ने जो हमें 5 साल दिए हैं। हम इसका इस्तेमाल कर मध्यप्रदेश के चेहरे को संवारने का काम करेंगे। कमलनाथ जी को धन्यवाद और प्रदेश की जनता देखेगी कि विकास का काम कैसे होगा। ना कि मोदी जी के झूठे वादों की तरह वादा बन के रह जाएगा।
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