भोपाल। लोकसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के बाद कमलनाथ सरकार आगामी नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में अभी से जुट गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं, कि प्रदेश की 16 नगर निगमों में से 9 निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया जाए. जिसे केंद्र सरकार ने अपनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल नहीं किया है. प्रदेश में फिलहाल 16 नगर निगम हैं, जिसमें से सात नगर निगम को केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया है, लेकिन 9 नगर निगम इस योजना से बाहर हैं.
राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो फिलहाल की स्थिति में 16 की 16 नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा है. माना जा रहा है कि बीजेपी के कब्जे को तोड़ने के लिए कमलनाथ में मिनी स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव तैयार करने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि दिसंबर में संभावित नगर निगम चुनाव के पहले इन 9 नगर निगमों को मिनी स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कर लिया जाएगा.
⦁ नगर निगमों में विकास के लिए चरणबद्ध प्लान तैयार किया जा रहा है
⦁ प्लान के तहत इन नगर निगमों में रिंग रोड का प्रस्ताव रखा गया है
⦁ सीवेज, ट्रीटमेंट प्लांट, 24 घंटे पानी, वेस्ट मैनेजमेंट और लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं पर किया जाएगा फोकस
⦁ शुरुआती दौर में 500 करोड़ रुपए के प्रावधान की है
⦁ भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और सतना केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में हैं शामिल
⦁ छिंदवाड़ा,मुरैना, बुरहानपुर, खंडवा, कटनी, रीवा, सिंगरौली, रतलाम और देवास में मिनी स्मार्ट सिटी प्रस्तावित